त्रिपुरा भारत का एकमात्र राज्य है जो तीन ओर से बांग्लादेश से घिरा है। त्रिपुरा व बांग्लादेश सीमा 856 किमी. लम्बी है, तथा त्रिपुरा की राजधानी अगरतला भारत की एकमात्र प्रांतीय राजधानी है जो अंतर्राष्ट्रीय सीमा से मात्र 50 मीटर दूर स्थित है ।अगरतला राष्ट्रीय राजमार्ग NH-44 द्वारा देश के अन्य नगरों से सम्बद्ध है। त्रिपुरा व बांग्लादेश की सीमा शून्य रेखा (Zero Line) कहलाती है।
त्रिपुरा और बांग्लादेश की सीमा को जीरो लाइन का है क्योंकि पाकिस्तान से अलग होने के बाद 1971 में बांग्लादेश का निर्माण हुआ था और उस वक्त देखा जाए तो वहां की गवर्नमेंट ने डिसाइड किया कि इस बॉर्डर को उसे जीरो लाइन कहा जाए, यानी जहां दोनो देशों की सीमा खत्म होती है ।
क्या आपको पता है ?
भारत और बांग्लादेश के बीच सबसे लम्बी स्थलीय सीमा लगती है। भारत और बांग्लादेश के बीच कुल 4096 किलोमीटर लम्बी स्थलीय सीमा लगती है।
भारत के कुल 5 राज्यों की सीमा बांग्लादेश के साथ लगती है।
(1.) पश्चिम बंगाल (सबसे अधिक सीमा)
(2.) मेघालय
(3.) त्रिपुरा
(4.) असोम/ असम(5.) मिजोरम (सबसे कम सीमा)पश्चिम बंगाल- बांग्लादेश के साथ सर्वाधिक सीमा पश्चिम बंगाल की लगती है।त्रिपुरा- त्रिपुरा भारत का एकमात्र ऐसा राज्य की जिसके तीन ओर से बांग्लादेश की सीमा लगती है।त्रिपुरा- त्रिपुरा (भारत) तथा बांग्लादेश के बीच लगने वाली सीमा को शून्य सीमा रेखा या जीरो लाईन या तीन बीघा काॅरीडोर या तीन बीघा गलियारा कहते है।मिजोरम- बांग्लादेश के साथ सबसे कम सीमा मिजोरम की लगती है।
भारत के पाँच और आर्द्रभूमि क्षेत्र रामसर स्थलों की सूची में शामिल : देश में रामसर स्थलों की संख्या 54 हुई
क्या होता है रामसर क्षेत्र?
नमी या दलदली भूमि वाला क्षेत्र, जो वर्षभर आंशिक रूप से या पूर्णरूप से जल से भरा रहता है, आर्द्रभूमि कहलाता है. भारत की पाँच और आर्द्रभूमियों (Wetlands) को रामसर स्थल (Ramsar Sites) के रूप में मान्यता जुलाई 2022 में प्राप्त हुई है.
भारत में 5 नए रामसर स्थल | नवीनतम रामसर साइट
इनमें गुजरात के तीन आर्द्रभूमि क्षेत्र-किरिकिली पक्षी अभयारण्य (Kirikili Bird Sanctuary), पल्लीकर्नई मार्श रिजर्व फॉरेस्ट (Pallikaranai Marsh Reserve Forest), व पिचवरम मैन्ग्रोव (Pichavaram Mangrove), मिजोरम का एक पाला आर्द्रभूमि (Pala Wetland) तथा मध्य प्रदेश का एक-साख्य सागर (Sakhya Sagar) शामिल हैं. इन्हें मिलाकर देश में रामसर स्थलों की कुल संख्या अब 54 हो गई है.
रामसर क्षेत्र का महत्व
रामसर स्थल पृथ्वी के ऐसे आर्द्रभूमि क्षेत्र हैं, जो जैव विविधता के लिए बहुत महत्वपूर्ण हैं तथा जिन्हें यूनेस्को की रामसर सन्धि के तहत् रामसर स्थल के रूप में अधिसूचित किया गया है, ताकि उनका संरक्षण किया जा सके.
रामसर सन्धि
रामसर सन्धि 2 फरवरी, 1971 को ईरान के कैस्पियन सागर के तट पर स्थित रामसर शहर में सम्पन्न सन्धि है. 1975 से लागू हुई इस सन्धि का उद्देश्य पृथ्वी पर स्थित आर्द्रभूमियों का संरक्षण करना है. भारत ने रामसर सन्धि पर 1 फरवरी, 1982 को हस्ताक्षर किए थे तथा ओडिशा की चिल्का झील भारत का पहला रामसर स्थल है.
भारत में कितने रामसर स्थल हैं
विश्व के 2500 से अधिक स्थलों को रामसर स्थल के रूप में मान्यता अब तक दी जा चुकी है, जिनमें भारत के 54 स्थल शामिल हैं.
- अष्टमुडी वेटलैंड – केरल
- व्यास संरक्षण रिजर्व – पंजाब
- भितरकनिका मैंग्रोव – ओडिशा
- भोज वेटलैंड्स – मध्य प्रदेश
- चन्द्रताल – हिमाचल प्रदेश
- चिल्का झील – ओडिशा
- डीपोर बील – असम
- पूर्वी कोलकाता वेटलैंड्स – पश्चिम बंगाल
- हरिके वेटलैंड्स – पंजाब
- होकेरा वेटलैंड- जम्मू कश्मीर
- कांजली वेटलैंड – पंजाब
- केवलादेव राष्ट्रीय उद्यान – राजस्थान
- केशोपुर मियानी कम्युनिटी रिजर्व – पंजाब
- कोल्लेरू झील – आंध्र प्रदेश
- लोकतक झील – मणिपुर
- नालसरोवर पक्षी अभयारण्य – गुजरात
- नंदुर मदमहेश्वर – महाराष्ट्र
- नंगल वन्यजीव अभयारण्य – पंजाब
- नवाबगंज पक्षी अभयारण्य – उत्तर प्रदेश
- पार्वती आगरा पक्षी अभयारण्य – उत्तर प्रदेश
- प्वाइंट कैलिमेरे और पक्षी अभयारण्य – तमिलनाडु
- पौंग बाँध झील – हिमाचल प्रदेश
- रेणुका झील – हिमाचल प्रदेश
- रोपड़ वेटलैंड – पंजाब
- रुद्रसागर झील – त्रिपुरा
- समन पक्षी अभयारण्य – उत्तर प्रदेश
- सांभर झील – राजस्थान
- सैंडी पक्षी अभयारण्य – उत्तर प्रदेश
- सरसई नवर झील – उत्तर प्रदेश
- सस्तमकोट्टा झील- केरल
- सुरिनसर मानसर झीलें – जम्मू कश्मीर
- त्सोमोरिरी – लद्दाख
- ऊपरी गंगा नदी – उत्तर प्रदेश
- वेम्बनाड कोल वेटलैंड – केरल
- वुलर झील – जम्मू कश्मीर
- सुन्दरबन वेटलैंड – पश्चिम बंगाल
- आसन बैराज – उत्तराखंड
- लोनार झील – महाराष्ट्र
- कंवर झील या कबर ताल- बिहार
- समसपुर पक्षी अभयारण्य – उत्तर प्रदेश
- सूर सरोवर – उत्तर प्रदेश
- त्सो कर वेटलैंड कॉम्प्लेक्स – लद्दाख
- थोल झील – गुजरात
- वाधवाना – गुजरात
- सुल्तानपुर राष्ट्रीय उद्यान – हरियाणा
- भिंडवास वन्य जीव अभयारण्य – हरियाणा
- रिवजादिया वन्यजीव अभयारण्य – गुजरात
- परनीरा वन्यजीव अभयारण्य – उत्तर प्रदेश
- हैदरपुर वेटलैण्ड्स – उत्तर प्रदेश
- किरिकिली पक्षी अभयारण्य – गुजरात
- पल्लीकर्नई मार्श रिजर्व फोरेस्ट – गुजरात
- पिचवरम मैन्ग्रोव – गुजरात
- पाला आर्द्रभूमि – मिज़ोरम
- साख्यसागर – मध्य प्रदेश
भारत में कितने रामसर साइट हैं 2022?
भारत के पाँच और आर्द्रभूमि क्षेत्र रामसर स्थलों की सूची में शामिल : देश में रामसर स्थलों की संख्या 54 हुई
वर्तमान में भारत में कितने रामसर साइट है?
भारत के पाँच और आर्द्रभूमि क्षेत्र रामसर स्थलों की सूची में शामिल : देश में रामसर स्थलों की संख्या 54 हुई
विश्व में कुल कितने रामसर स्थल है?
विश्व में लगभग 2400 रामसर स्थल घोषित किए जा चुके हैं।
रामसर स्थल किसे कहते हैं ?
नमी या दलदली भूमि वाला क्षेत्र, जो वर्षभर आंशिक रूप से या पूर्णरूप से जल से भरा रहता है, आर्द्रभूमि कहलाता है.
भारत का सबसे छोटा रामसर स्थल कौन सा है?
हिमाचल प्रदेश में स्थित रेणुका वेटलैंड भारत का सबसे छोटा रामसर स्थल है जो कि 20 हेक्टेयर क्षेत्र में फैला हुआ है।
भारत में सबसे बड़ा रामसर स्थल कौन सा है?
पश्चिम बंगाल में स्थित सुंदरबन वेटलैंड भारत का सबसे बड़ा रामसर स्थल है। यह लगभग 4230 वर्ग किलोमीटर क्षेत्र में फैला हुआ है।
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