सर्वोच्च न्यायालय के विभिन्न निर्णयों से केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो के कार्यक्षेत्र में किस सीमा तक स्वतंत्रता और जवाबदेहिता को बढ़ावा मिला है। आलोचनात्मक परीक्षण कीजिये। UPSC NOTE

केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (CBI) भारत की एक प्रमुख जाँच एजेंसी है, जिसे भ्रष्टाचार, आर्थिक अपराध, आतंकवाद और अन्य गंभीर अपराधों के मामलों की जाँच के […]

THE HINDU IN HINDI TODAY’S SUMMARY 09/DEC/2023

भारत और श्रीलंका के बीच भूमि संपर्क स्थापित करने का प्रस्ताव और क्षेत्रीय आर्थिक एकीकरण के संभावित लाभ। यह पावर ग्रिड कनेक्टिविटी और व्यापार जैसे […]

भारत में पंचायती राज संस्थाओं के समक्ष विद्यमान चुनौतियों का मूल्यांकन कीजिये। भारत में पंचायती राज व्यवस्था को मजबूत करने हेतु आवश्यक उपाय बताइये? UPSC NOTE

परिचय: 73वें संविधान संशोधन अधिनियम,1992 द्वारा भारत में पंचायती राज संस्थानों (PRIs) की अवधारणा प्रस्तुत की गई, जिसका उद्देश्य सत्ता का विकेंद्रीकरण करना और जमीनी […]

वैश्विक राजनीति और आर्थिक व्यवस्था पर प्रथम विश्व युद्ध के प्रभावों का आलोचनात्मक परीक्षण कीजिये। UPSC NOTE

परिचय: प्रथम विश्व युद्ध (1914-1918) एक वैश्विक संघर्ष था जिसमें विश्व की अधिकांश प्रमुख शक्तियाँ शामिल थीं और इसके परिणामस्वरूप काफी विनाश हुआ था। इसका […]

भारत सरकार और UNLF के बीच शांति समझौता UPSC NOTE

भारत सरकार और मणिपुर के सबसे पुराने घाटी-आधारित विद्रोही समूह, यूनाइटेड नेशनल लिबरेशन फ्रंट (UNLF) के बीच एक शांति समझौता पर हस्ताक्षर किए गए थे। […]

THE HINDU IN HINDI TODAY’S SUMMARY 04/DEC/2023

ग्रामीण क्षेत्रों में समावेशी अवसर और रोजगार की आवश्यकता है क्योंकि अधिकांश विकलांग व्यक्ति यहीं रहते हैं दुनिया भर में लगभग 1.3 अरब लोग, मुख्य […]

THE HINDU IN HINDI TODAY’S SUMMARY 03/DEC/2023

30 सितंबर को समाप्त तिमाही के लिए जीडीपी के नवीनतम अनंतिम अनुमान 7.6% की वास्तविक आर्थिक वृद्धि दर्शाते हैं। अर्थव्यवस्था के आठ व्यापक क्षेत्रों में […]

उन प्रणालियों पर चर्चा कीजिये जिनके माध्यम से भारतीय संविधान द्वारा कार्यकारी, विधायी एवं न्यायिक शाखाओं के बीच शक्तियों के पृथक्करण की व्यवस्था की गई है। मूल्यांकन कीजिये कि यह पृथक्करण भारतीय संदर्भ में संसदीय संप्रभुता पर नियंत्रण के रूप में किस प्रकार कार्य करता है।

परिचय– वर्ष 1950 में अपनाया गया भारतीय संविधान कार्यकारी, विधायी और न्यायिक शाखाओं के बीच शक्तियों के पृथक्करण की नींव रखता है। शक्तियों के पृथक्करण […]