उन प्रणालियों पर चर्चा कीजिये जिनके माध्यम से भारतीय संविधान द्वारा कार्यकारी, विधायी एवं न्यायिक शाखाओं के बीच शक्तियों के पृथक्करण की व्यवस्था की गई है। मूल्यांकन कीजिये कि यह पृथक्करण भारतीय संदर्भ में संसदीय संप्रभुता पर नियंत्रण के रूप में किस प्रकार कार्य करता है।

परिचय– वर्ष 1950 में अपनाया गया भारतीय संविधान कार्यकारी, विधायी और न्यायिक शाखाओं के बीच शक्तियों के पृथक्करण की नींव रखता है। शक्तियों के पृथक्करण […]

सामाजिक एकता और देश के समग्र विकास पर सांप्रदायिकता की चुनौतियों और निहितार्थों का विश्लेषण करते हुए सांप्रदायिकता से निपटने में राज्य की नीतियों की भूमिका पर चर्चा कीजिये। UPSC NOTE

किसी देश में सामाजिक एकता बनाए रखने और समग्र विकास को बढ़ावा देने में सांप्रदायिकता से निपटने में राज्य की नीतियों की भूमिका महत्वपूर्ण है। […]

संविधान की व्याख्या करने में और इसके उद्भव को निर्देशित करने में, विशेषकर ऐतिहासिक न्यायिक निर्णयों के संदर्भ में, प्रस्तावना की क्या भूमिका है?

संविधान की प्रस्तावना संविधान की व्याख्या करने और इसके विकास का मार्गदर्शन करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है। यह परिचयात्मक वक्तव्य के रूप में कार्य […]

संसदीय शासन प्रणाली में स्थायी समितियों की अहमियत

परिचय राज्यसभा या राज्यपरिषद भारतीय संसद का उच्च सदन है, जो संघीय व्यवस्था में राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों के हितों का प्रतिनिधित्त्व करती है। यह […]

किसे भारत का सर्वोच्च कानून अधिकारी नियुक्ति किया गया है UPSC NOTE

भारत के महान्यायवादी    भारतीय संविधान के अनुच्छेद 76 के तहत महान्यायवादी(अटॉर्नी-जनरल) का प्रावधान है। भारत के महान्यायवादी की नियुक्ति भारत के राष्ट्रपति द्वारा की […]

धारा 377 के बारे में सम्पूर्ण महत्वपूर्ण जानकारी,धारा 35A क्या है UPSC NOTE

धारा 377 के बारे में सम्पूर्ण महत्वपूर्ण जानकारी   धारा 377 में क्या है ?   धारा 377 की शुरुआत लॉर्ड मेकाले ने 1861 में की थी […]

बिटिंग द रिट्रीट क्या होता हैं , भारत, इंडिया या हिन्दुस्तान कैसे पड़े ये नाम UPSC NOTE

बीटिंग द रिट्रीट’ भारत में गणतंत्र दिवस के अवसर पर हुए आयोजनों का आधिकारिक रूप से समापन की घोषणा है। हर वर्ष 29 जनवरी की शाम को अर्थात गणतंत्र दिवस […]

क्या थी धारा 370 विशेषाधिकार संशोधनों की सूची UPSC NOTE

क्या थी धारा 370 यह धारा संविधान के 21वें भाग में समाविष्ट है जिसका शीर्षक है- ‘अस्थायी, परिवर्तनीय और विशेष प्रावधान’ (Temporary, Transitional and Special […]

अधिकतम और समानुपातिक प्रतिनिधित्व चुनाव व्यवस्था मे अंतर UPSC NOTE

अधिकतम मत पध्दति  पूरे देश को छोटी छोटी भौगोलिक इकाइयों में बाँट देते हैं जिसे निर्वाचन क्षेत्र या जिला कहते हैं | हर निर्वाचन क्षेत्र […]

भारतीय संविधान के प्रमुख संशोधन , भारतीय संविधान में उल्लिखित पाँच न्यायिक रिट UPSC NOTE

भारतीय संविधान के प्रमुख संशोधन हला संशोधन  (1951) — इस संशोधन द्वारा नौवीं अनुसूची को शामिल किया गया। दूसरा संशोधन (1952) — संसद में राज्यों […]