भारत में पंचायती राज संस्थाओं के समक्ष विद्यमान चुनौतियों का मूल्यांकन कीजिये। भारत में पंचायती राज व्यवस्था को मजबूत करने हेतु आवश्यक उपाय बताइये ? UPSC NOTE

भारत में पंचायती राज व्यवस्था को मजबूत करने के लिए 73वें संविधान संशोधन अधिनियम, 1992 के माध्यम से पंचायतों को संवैधानिक दर्जा दिया गया। इस […]

केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (CBI) विभिन्न कारकों के कारण विश्वसनीयता और भरोसे के संकट का सामना कर रहा है। इस संकट के कारणों और परिणामों का विश्लेषण कीजिये तथा CBI के संदर्भ में सार्वजनिक विश्वास एवं प्रतिष्ठा को बहाल करने के उपायों का सुझाव दीजिये। UPSC NOTE

केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (CBI) भारत की प्रमुख जाँच एजेंसी है जिसे भ्रष्टाचार निवारण हेतु संथानम समिति की सिफारिश पर स्थापित किया गया था। यह भ्रष्टाचार, […]

भारत में केंद्रीय सतर्कता आयोग (CVC) की मुख्य विशेषताएँ और कार्य क्या हैं? सार्वजनिक जीवन में सत्यनिष्ठा और जवाबदेही सुनिश्चित करने में यह कितना प्रभावी रहा है? UPSC NOTE

भूमिका: केंद्रीय सतर्कता आयोग (CVC) भारत में शीर्ष भ्रष्टाचार विरोधी निकाय है, जो केंद्र सरकार और उसके संगठनों के सतर्कता प्रशासन पर अधीक्षण करता है। […]

 भारतीय संसदीय प्रणाली में राज्यसभा की भूमिका और प्रासंगिकता का आलोचनात्मक परीक्षण कीजिये। इसकी प्रभावशीलता और जवाबदेहिता बढ़ाने हेतु आवश्यक सुधारों के बारे में बताइये। UPSC NOTE

राज्यसभा की भूमिका भारतीय संसदीय प्रणाली में राज्यसभा की महत्वपूर्ण भूमिका है। यह संसद का उच्च सदन है और इसमें 245 सदस्य होते हैं। इनमें […]

डिजिटल युग में ऑनलाइन मुक्त भाषण के निहितार्थों पर चर्चा कीजिये। लोकतांत्रिक मूल्यों को बढ़ावा देने में इसकी भूमिका को बताते हुए इसके विनियमन एवं शासन के समक्ष इससे उत्पन्न चुनौतियों का परीक्षण कीजिये। UPSC NOTE

परिचय: संविधान का अनुच्छेद 19(1)(a) सभी नागरिकों को अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता का मौलिक अधिकार प्रदान करता है। ऑनलाइन मुक्त भाषण से तात्पर्य इंटरनेट पर अपनी […]

सर्वोच्च न्यायालय के विभिन्न निर्णयों से केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो के कार्यक्षेत्र में किस सीमा तक स्वतंत्रता और जवाबदेहिता को बढ़ावा मिला है। आलोचनात्मक परीक्षण कीजिये। UPSC NOTE

केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (CBI) भारत की एक प्रमुख जाँच एजेंसी है, जिसे भ्रष्टाचार, आर्थिक अपराध, आतंकवाद और अन्य गंभीर अपराधों के मामलों की जाँच के […]

भारत में पंचायती राज संस्थाओं के समक्ष विद्यमान चुनौतियों का मूल्यांकन कीजिये। भारत में पंचायती राज व्यवस्था को मजबूत करने हेतु आवश्यक उपाय बताइये? UPSC NOTE

परिचय: 73वें संविधान संशोधन अधिनियम,1992 द्वारा भारत में पंचायती राज संस्थानों (PRIs) की अवधारणा प्रस्तुत की गई, जिसका उद्देश्य सत्ता का विकेंद्रीकरण करना और जमीनी […]

उन प्रणालियों पर चर्चा कीजिये जिनके माध्यम से भारतीय संविधान द्वारा कार्यकारी, विधायी एवं न्यायिक शाखाओं के बीच शक्तियों के पृथक्करण की व्यवस्था की गई है। मूल्यांकन कीजिये कि यह पृथक्करण भारतीय संदर्भ में संसदीय संप्रभुता पर नियंत्रण के रूप में किस प्रकार कार्य करता है।

परिचय– वर्ष 1950 में अपनाया गया भारतीय संविधान कार्यकारी, विधायी और न्यायिक शाखाओं के बीच शक्तियों के पृथक्करण की नींव रखता है। शक्तियों के पृथक्करण […]

सामाजिक एकता और देश के समग्र विकास पर सांप्रदायिकता की चुनौतियों और निहितार्थों का विश्लेषण करते हुए सांप्रदायिकता से निपटने में राज्य की नीतियों की भूमिका पर चर्चा कीजिये। UPSC NOTE

किसी देश में सामाजिक एकता बनाए रखने और समग्र विकास को बढ़ावा देने में सांप्रदायिकता से निपटने में राज्य की नीतियों की भूमिका महत्वपूर्ण है। […]