UPSC NOTES:भारत की रक्षा और रणनीतिक क्षमताओं को सुदृढ़ करने में नैनो प्रौद्योगिकी की भूमिका तथा इसकी संभावनाओं का आकलन कीजिये।

UPSC NOTES:भारत की रक्षा और रणनीतिक क्षमताओं को मजबूत बनाने में नैनो प्रौद्योगिकी एक महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही है। नैनो तकनीक, अति सूक्ष्म स्तर (1-100 […]

UPSC NOTES:पठारों को अक्सर ‘खनिजों का खजाना’ कहा जाता है। दुनिया के प्रमुख पठारों के संदर्भ में इस कथन पर चर्चा कीजिये।

UPSC NOTES:पठारों को ‘खनिजों का खजाना’ कहा जाना उनकी भौगोलिक संरचना और खनिज संसाधनों की प्रचुरता के कारण है। पठार वे स्थलीय संरचनाएँ हैं जो […]

UPSC NOTES:छोटा नागपुर पठार के खनिज संसाधन और इस क्षेत्र के विकास में महत्त्वपूर्ण भू-वैज्ञानिक तथा ऐतिहासिक कारकों का विश्लेषण कीजिये।

UPSC NOTES:परिचय छोटा नागपुर पठार, जिसे प्रायः ‘भारत का खनिज हृदय स्थल’ कहा जाता है, लौह अयस्क, कोयला, अभ्रक और बॉक्साइट जैसे विविध खनिज संसाधनों से समृद्ध है। इस […]

UPSC NOTES:अंतरिक्ष मलबा क्या है? पृथ्वी की कक्षा में अंतरिक्ष मलबे की बढ़ती समस्या, अंतरिक्ष अन्वेषण और उपग्रह संचालन पर इसके संभावित प्रभावों पर चर्चा कीजिये।

UPSC NOTES:अंतरिक्ष मलबा, जिसे अंतरिक्ष का कचरा भी कहा जाता है, मानव निर्मित वस्तुएं हैं जो पृथ्वी की कक्षा में छोड़ी जा चुकी हैं और […]

महासागरीय थर्मोलाइन परिसंचरण (ओसियन थर्मोहेलिन सर्कुलेशन) की अवधारणा और वैश्विक जलवायु विनियमन में इसकी भूमिका पर चर्चा कीजिये। इस परिसंचरण के द्वारा हुए बदलाव पृथ्वी पर जलवायु को किस प्रकार प्रभावित कर सकते हैं ?

महासागरीय थर्मोलाइन परिसंचरण: एक विस्तृत विश्लेषण महासागरीय थर्मोलाइन परिसंचरण (Ocean Thermohaline Circulation, या ओशन कन्वेयर बेल्ट) एक वैश्विक स्तर पर चलने वाली जटिल प्रक्रिया है […]

जनसंख्या भूगोल के संदर्भ में वहन क्षमता की अवधारणा पर चर्चा कीजिये। 

जनसंख्या भूगोल में वहन क्षमता की अवधारणा वहन क्षमता एक महत्वपूर्ण पर्यावरणीय अवधारणा है, जो विशेष रूप से जनसंख्या भूगोल में प्रासंगिक है। यह उस […]

जलवायु परिवर्तन की अवधारणा तथा वैश्विक पारिस्थितिकी तंत्र एवं मानव समाज पर इसके प्रभाव की विवेचना कीजिये। जलवायु परिवर्तन में योगदान देने वाले प्रमुख कारकों का परीक्षण कीजिये तथा इसके प्रतिकूल प्रभावों को कम करने के उपाय बताइये। UPSC NOTE

परिचय: जलवायु परिवर्तन का तात्पर्य तापमान, वर्षा एवं पवन प्रतिरूप तथा पृथ्वी की जलवायु प्रणाली के अन्य पहलुओं में दीर्घकालिक बदलाव से है। इससे प्राकृतिक […]