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तीसरी आर्कटिक विज्ञान मंत्रिस्तरीय

हाल ही में भारत ने ‘तीसरी आर्कटिक विज्ञान मंत्रिस्तरीय’ (3rd Arctic Science Ministerial-ASM3) बैठक में भाग लिया है।

भारत तीसरे आर्कटिक विज्ञान मंत्री (ASM3) में भाग ले रहा है –
यह आर्कटिक क्षेत्र में अनुसंधान और सहयोग पर चर्चा करने का वैश्विक मंच है
यह एशिया में पहली मंत्रिस्तरीय बैठक है

  • हाल ही में भारत ने आर्कटिक क्षेत्र में अनुसंधान और सहयोग पर विचार-विर्मश के लिए तीसरे आर्कटिक विज्ञान मंत्रिस्तरीय (एएसएम3) वैश्विक मंच की बैठक में भागीदारी की है।
  • इस बैठक में भारत सरकार के विज्ञान और प्रौद्योगिकी, स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण और पृथ्वी विज्ञान मंत्री डॉ. हर्षवर्धन ने विभिन्न हितधारकों के साथ आर्कटिक क्षेत्र में अनुसंधान कार्य और सहयोग के लिए भारत के दृष्टिकोण और दीर्घकालिक योजनाओं को साझा किया।
  • डॉ हर्षवर्धन ने कहा कि भारत अवलोकन, अनुसंधान, क्षमता निर्माण के साथ-साथ अंतर्राष्ट्रीय सहयोग के माध्यम से इस क्षेत्र के सतत विकास को बढ़ावा देने हेतु संकल्पबद्ध है। इसके लिए भारत आर्कटिक क्षेत्र के संबंध में गूढ़ जानकारी को साझा करने में सकारात्मक भूमिका निभाता रहेगा।
  • इसके अलावा, भारत ने आर्कटिक क्षेत्र में रिमोट सेंसिंग की अपनी योजना भी साझा की।
  • डॉ हर्षवर्धन ने यह भी कहा कि सस्टेनेबल आर्कटिक ऑब्जर्वेशन नेटवर्क (एसएओएन) में भारत का योगदान जारी रहेगा।
  • उल्लेखनीय है कि ‘तीसरी आर्कटिक विज्ञान मंत्रिस्तरीय’ (3rd Arctic Science Ministerial-ASM3) बैठक का आयोजन आइसलैंड और जापान द्वारा संयुक्त रूप से किया गया है। इस वर्ष का विषय ‘नॉलेज फॉर ए सस्टेनेबल आर्कटिक’ है।
  • पहली दो बैठकों एएसएम1 और एएसएम 2 का क्रमश: यूएसए ( वर्ष 2016) और जर्मनी (वर्ष 2018) में आयोजन किया गया था।
  • ‘आर्कटिक विज्ञान मंत्रिस्तरीय’ बैठकें, आर्कटिक परिषद में शामिल सदस्य देशों द्वारा की जाती हैं।

दाहला बांध 

हाल ही में तालिबान ने अफगानिस्तान के दूसरे सबसे बड़े बांध- दाहला बांध पर कब्ज़ा कर लिया है।

दाहला बांध के बारे में:

  • दाहला बांध को अरघानदाब (Arghandab) बांध के रूप में भी जाना जाता है।
  • यह अफगानिस्तान के कंधार प्रांत के शाह वली कोट ज़िले में स्थित है।
  • इस बांध का निर्माण वर्ष 1952 में संयुक्त राज्य अमेरिका द्वारा किया गया था।
  • यह बांध अरघानदाब नदी पर निर्मित है।
Dahla-Dam

अफगानिस्तान में भारत द्वारा बनाए गए बांध:

  • काबुल नदी पर शहतूत बांध (Shahtoot Dam) के निर्माण हेतु दोनों देशों के बीच एक समझौता किया गया है।
  • अफगान-भारत मैत्री बांध (सलमा बांध)।

IDBI BANK Ltd के रणनीतिक विनिवेश को मंजूरी

आर्थिक मामलों की मंत्रिमंडलीय समिति ने आईडीबीआई बैंक लिमिटेड में प्रबंधन नियंत्रण के हस्तांतरण के साथ रणनीतिक विनिवेश के लिए सैद्धांतिक रूप से मंजूरी दे दी है।

भारतीय रिज़र्व बैंक के परामर्श से संबंधित शेयरधारिता की सीमा भारतीय रिज़र्व बैंक के परामर्श से तय की जाएगी।
भारत सरकार (GoI) और LIC एक साथ IDBI बैंक (GoI – 45.48%, LIC – 49.24%) की 94% से अधिक इक्विटी के मालिक हैं।
LIC वर्तमान में प्रबंधन नियंत्रण के साथ IDBI बैंक का प्रमोटर है और भारत सरकार सह-प्रमोटर है।
यह उम्मीद की जाती है कि रणनीतिक खरीदार आईडीबीआई बैंक लिमिटेड के इष्टतम विकास के लिए धन, नई तकनीक और सर्वोत्तम प्रबंधन प्रथाओं को प्रभावित करेगा और अधिक व्यापार उत्पन्न करेगा
सरकार के रणनीतिक विनिवेश के माध्यम से संसाधन। लेन-देन से प्राप्त होने वाली इक्विटी का उपयोग नागरिकों को लाभान्वित करने वाले सरकार के विकासात्मक कार्यक्रमों के वित्तपोषण के लिए किया जाएगा।

आईडी-आर्ट’ एप्लीकेशन

अंतर्राष्ट्रीय आपराधिक पुलिस संगठन यानी इंटरपोल ने एक ‘आईडी-आर्ट’ नाम से एक मोबाइल फोन एप्लीकेशन (एप) लॉन्च की है, जो चोरी हुई सांस्कृतिक संपत्ति की पहचान करने, तस्करी को कम करने और चुराई हुई कलाकृतियों की पुनर्प्राप्ति की संभावना को बढ़ाने में मदद करेगा। इंटरपोल का यह एप उपयोगकर्त्ताओं को चोरी हुईं कलाकृतियों से संबंधित इंटरपोल के डेटाबेस तक पहुँच प्राप्त करने, निजी कला संग्रहों की एक सूची बनाने और उन सांस्कृतिक साइटों की रिपोर्ट करने, जिन पर संभावित जोखिम है आदि में सक्षम बनाता है। यह एप विभिन्न देशों की कानून प्रवर्तन एजेंसियों के साथ-साथ आम जनता द्वारा भी प्रयोग किया जा सकता है। ज्ञात हो कि हाल के कुछ वर्षों में ऐसी तमाम सशस्त्र संघर्ष और संगठित लूटपाट की घटनाएँ दर्ज की गई हैं, जिसके कारण विभिन्न देशों की सांस्कृतिक विरासतें गंभीर रूप से प्रभावित हो रही हैं। इस तरह यह नया एप पुलिस अधिकारियों, सांस्कृतिक विरासत पेशेवरों और आम जनमानस को सांस्कृतिक संरक्षण की दिशा में क्षमता बनाने हेतु एक महत्त्वपूर्ण कदम है। विरासत स्थलों की स्थिति के प्रलेखन के अलावा यह एप भौगोलिक स्थिति को रिकॉर्ड करने को भी सक्षम बनाता है। इस एप्लीकेशन के माध्यम से अब तक इटली और नीदरलैंड में कुल चार कलाकृतियों को बरामद किया गया है

ग्लोबल इनोवेशन पार्टनरशिप।

केंद्रीय मंत्रिमंडल ने ग्लोबल इनोवेशन पार्टनरशिप (GIP) पर यूनाइटेड किंगडम के भारतीय विदेश मंत्रालय और विदेश मंत्रालय, कॉमनवेल्थ एंड डेवलपमेंट ऑफिस (FCDO) के बीच समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर करने को पूर्वव्यापी मंजूरी दे दी है।

इस समझौता ज्ञापन के माध्यम से, भारत और यूके जीआईपी लॉन्च करने के लिए सहमत हैं।
जीआईपी तीसरे देशों में अपने नवाचारों को बढ़ाने के लिए भारतीय नवाचारियों का समर्थन करेगा, जिससे उन्हें नए बाजारों का पता लगाने में मदद मिलेगी और वे आत्म-टिकाऊ बनेंगे।
यह भारत में अभिनव पारिस्थितिकी तंत्र को बढ़ावा देगा।
जीआईपी नवाचार सतत विकास लक्ष्यों (एसडीजी) से संबंधित क्षेत्रों पर ध्यान केंद्रित करेंगे, जिससे प्राप्तकर्ता देशों को अपने एसडीजी प्राप्त करने में सहायता मिलेगी।
नवाचारों को बीज अनुदान, अनुदान, निवेश और तकनीकी सहायता के माध्यम से लिया जाएगा।
जीआईपी क्रॉस बॉर्डर इनोवेशन ट्रांसफर के लिए एक खुला और समावेशी ई-मार्केट प्लेस (ई-बाजार) भी विकसित करेगा और परिणाम आधारित प्रभाव मूल्यांकन पर ध्यान केंद्रित करेगा जिससे पारदर्शिता और जवाबदेही को बढ़ावा मिलेगा।

माउंट सिनाबंग 

हाल ही में इंडोनेशिया के सक्रीय ज्वालामुखी ‘माउंट सिनाबंग’ में विस्फोट हुआ है। यह ज्वालामुखी वर्ष 2010 में तब सक्रिय हुआ था, जब लगभग 400 वर्षों की निष्क्रियता के बाद इसमें पहली बार विस्फोट हुआ था। सिनाबंग ज्वालामुखी उत्तरी सुमात्रा प्रांत के कारो ज़िले में स्थित है। इसकी ऊँचाई 2,475 मीटर है। यह दक्षिण-पूर्व एशियाई देशों के प्रमुख जागृत ज्वालामुखियों में से एक है। जागृत ज्वालामुखी लंबा एवं शंक्वाकार होता है, जो कठोर लावा और टेफ्रा की पर्तों से मिलकर बना होता है। इंडोनेशिया में ऐसी ज्वालामुखी घटनाएँ काफी सामान्य हैं, क्योंकि यह देश प्रशांत महासागर के ‘रिंग ऑफ फायर’ पर स्थित है जहाँ पर विवर्तनिक प्लेटों के आपस में टकराने के फलस्वरूप भूकंपीय और ज्वालामुखी घटनाएँ अक्सर देखी जाती हैं। ‘रिंग ऑफ फायर’ में विश्व के लगभग 75 प्रतिशत ज्वालामुखी मौजूद हैं और लगभग 90 प्रतिशत भूकंप भी इसी क्षेत्र में दर्ज किये जाते हैं। ज्वालामुखी मूल रूप से तीन प्रकार के होते हैं – सक्रिय, निष्क्रिय या विलुप्त। एक विस्फोट तब होता है जब ‘मैग्मा’, जो कि पृथ्वी के मेंटल के पिघलने पर बनता है, पृथ्वी की सतह पर आ जाता है। सतह पर आ जानेके बाद इसे ‘लावा’ कहते हैं।

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