अंडमान और निकोबार को लार्ज एरिया सर्टिफिकेशन मिलता है
केंद्र शासित प्रदेश अंडमान और निकोबार द्वीप समूह में कार निकोबार और नैनकोवरी द्वीपों के अंतर्गत 14,491 हेक्टेयर क्षेत्र Area लार्ज एरिया सर्टिफिकेशन ’योजना के तहत जैविक प्रमाणन से सम्मानित होने वाला पहला बड़ा सन्निहित क्षेत्र बन जाता है।
कृषि, सहकारिता और किसान कल्याण विभाग (डीएसी एंड एफडब्ल्यू) पारंपरिक जैविक क्षेत्रों की पहचान करने के लिए प्रमाणित जैविक उत्पादन केंद्रों में बदलने के लिए काम कर रहा है।
बड़े क्षेत्र प्रमाणन (LAC) कार्यक्रम
परम्परागत कृषि विकास योजना (PKVY) की अपनी प्रमुख योजना के तहत कृषि और किसान कल्याण विभाग ने इन संभावित क्षेत्रों का दोहन करने के लिए एक अनूठा त्वरित प्रमाणन कार्यक्रम “लार्ज एरिया सर्टिफिकेशन” (LAC) शुरू किया है।
एलएसी एक त्वरित प्रमाणन प्रक्रिया है जो लागत प्रभावी है और किसानों को जैविक प्रमाणित उत्पादों के विपणन के लिए 2-3 साल तक इंतजार नहीं करना पड़ता है।
एलएसी के तहत, क्षेत्र के प्रत्येक गांव को एक समूह / समूह के रूप में माना जाता है।
दस्तावेज़ सरल और बनाए हुए हैं गांव-वार।
अपने खेत और पशुधन वाले सभी किसानों को मानक आवश्यकताओं का पालन करने की आवश्यकता होती है और सत्यापित होने पर उन्हें रूपांतरण अवधि के तहत जाने की आवश्यकता के बिना प्रमाणित एन-मास मिलता है।
सहकर्मी मूल्यांकन की प्रक्रिया द्वारा वार्षिक सत्यापन के माध्यम से वार्षिक आधार पर प्रमाणन का नवीनीकरण किया जाता है
कोविड-19 के दौरान विश्व सैन्य खर्च में वृद्धि: SIPRI
भारत 2020 में दुनिया में अमेरिका और चीन के बाद तीसरा सबसे बड़ा सैन्य खर्च करने वाला देश रहा. स्टॉकहोम इंटरनेशनल पीस रिसर्च इंस्टीट्यूट (SIPRI /सिपरी) द्वारा सोमवार को प्रकाशित लेटेस्ट सैन्य खर्च डेटाबेस के अनुसार, अमेरिका का वैश्विक स्तर पर सैन्य खर्च में 39 प्रतिशत हिस्सा, चीन का 13 प्रतिशत और भारत का हिस्सा 3.7 प्रतिशत है. सिपरी, वैश्विक स्तर पर सैन्य खर्च और हथियारों के व्यापार पर नजर रखता है.
2011 से 2020 तक अमेरिका का सैन्य खर्च घटा, भारत और चीन का बढ़ा
अमेरिका का सैन्य खर्च जीडीपी का 3.7 प्रतिशत था जबकि चीन का 1.7 प्रतिशत और भारत का 2.9 प्रतिशत था. 2011 से 2020 तक, अमेरिकी सैन्य खर्च में 10 प्रतिशत की गिरावट आई, लेकिन चीन के सैन्य खर्च में 76 प्रतिशत की वृद्धि देखी गई, जबकि भारत के सैन्य खर्च में 34 प्रतिशत की वृद्धि हुई.
- भारत वर्ष 2020 में अमेरिका और चीन के बाद दुनिया में तीसरा सबसे बड़ा सैन्य व्यय करने वाला देश था।
- भारत का कुल सैन्य व्यय तकरीबन 72.9 बिलियन अमेरिकी डॉलर था, जो कि वैश्विक सैन्य व्यय का 3.7% है।
- वर्ष 2019 के बाद से भारत का सैन्य व्यय 2.1% बढ़ा है। इस वृद्धि का कारण काफी हद तक पाकिस्तान के साथ जारी संघर्ष और चीन के साथ सीमा तनाव को माना जा सकता है।
- पूर्वी लद्दाख में चीन के साथ जारी सैन्य टकराव ने निश्चित रूप से मई 2020 की शुरुआत में भारत को विदेशों से कई आपातकालीन हथियारों की खरीद करने के लिये प्रेरित किया।
स्टॉकहोम इंटरनेशनल पीस रिसर्च इंस्टीट्यूट:
- यह थिंक टैंक संघर्ष, आयुध, हथियार नियंत्रण और निशस्त्रीकरण में अनुसंधान के लिये समर्पित एक स्वतंत्र अंतर्राष्ट्रीय संस्थान है।
- इसकी स्थापना वर्ष 1966 में स्टॉकहोम (स्वीडन) में हुई थी।
- यह नीति निर्माताओं, शोधकर्त्ताओं, मीडिया और इच्छुक जनता को सार्वजनिक रूप से मौजूद स्रोतों के आधार पर डेटा, विश्लेषण और सिफारिशें प्रदान करता है।
निर्णायक संक्रमण
इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च (ICMR) ने बताया है कि COVID-19 वैक्सीन की दो खुराक देने वाले लगभग 10,000 लोगों में से दो ने बीमारी के लिए सकारात्मक परीक्षण किया है।
टीकाकरण के बाद COVID-19 को अनुबंधित करना संक्रमण संक्रमण के रूप में जाना जाता है।
महत्वपूर्ण मूल्य परिवर्धन
ब्रेकथ्रू इंफेक्शन उन लोगों में होने वाला संक्रमण है, जिन्हें टीका लगाया गया है।
इस तरह के मामले सामान्य नहीं हैं क्योंकि अभी तक जिन टीकों को मंजूरी दी गई है वे दुनिया भर में बीमारी से बचाने के लिए बने हैं न कि वायरस के संचरण से।
चरण 3 नैदानिक परीक्षणों को टीके से पहले आयोजित किया गया था जिन्हें अनुमोदित किया गया था, जो टीकाकरण किए गए लोगों के बीच संक्रमण का काफी निरंतर अनुपात दिखाया गया था।
उदाहरण के लिए, एस्ट्राज़ेनेका परीक्षण में, 5,807 में से 30 टीकाकरण किए गए – लगभग 0.5% – दूसरे शॉट के 14 दिन बाद रोगसूचक और सकारात्मक परीक्षण किए गए।
फसल विविधीकरण
फसल विविधीकरण से तात्पर्य नई फसलों या फसल प्रणालियों से कृषि उत्पादन को जोड़ने से है, जिसमें एक विशेष कृषि क्षेत्र पर कृषि उत्पादन के पूरक विपणन अवसरों के साथ मूल्यवर्द्धित फसलों से विभिन्न तरीकों से लाभ मिल रहा है।
फसल प्रणाली: यह फसलों, उनके अनुक्रम और प्रबंधन तकनीकों को संदर्भित करता है जिसका उपयोग किसी विशेष कृषि क्षेत्र में वर्षों से किया जाता है।
प्रकार: भारत में प्रमुख फसल प्रणाली इस प्रकार है- क्रमिक फसल, एकल फसली व्यवस्था (Mono-Cropping), अंतर फसली (Intercropping), रिले क्रॉपिंग (Relay cropping), मिश्रित अंतर फसली (Mixed intercropping), अवनालिका फसल (Alley cropping)।
- अधिकतर किसान आजीविका और आय के मानकों को बढ़ाने के लिये मिश्रित फसल-पशुधन प्रणाली का भी उपयोग करते हैं।
- पशुपालन या पशुकृषि विज्ञान की वह शाखा है, जिसके अंतर्गत पालतू पशुओं (जैसे-गाय-भैस, कुत्ते, भेड़ और घोड़ा) के विभिन्न पक्षों जैसे भोजन, आश्रय, स्वास्थ्य, प्रजनन आदि का अध्ययन किया जाता है।
- पशुपालन से तात्पर्य पशुधन को बढ़ाने और इनके चयनात्मक प्रजनन से है। यह एक प्रकार का पशु प्रबंधन तथा देखभाल है, जिसमें लाभ के लिये पशुओं के आनुवंशिक गुणों एवं व्यवहारों को विकसित किया जाता है। यह कृषि की एक शाखा है।
दंतक परियोजना
हाल ही में सीमा सड़क संगठन (Border Roads Organisation-BRO) की सबसे पुरानी परियोजनाओं में से एक ‘दंतक परियोजना’ (Project DANTAK) ने भूटान में अपनी ‘डायमंड जुबली’ पूरी की है।
- भूटान में महत्त्वपूर्ण बुनियादी अवसंरचना का निर्माण करते समय 1,200 से अधिक दंतक कर्मियों ने अपने जीवन का बलिदान दिया है।
दंतक परियोजना के विषय में:
- इस परियोजना की स्थापना 24 अप्रैल, 1961 को हुई थी।
- यह भूटान के तीसरे राजा और भारत के तत्कालीन प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू के दूरदर्शी नेतृत्व का परिणाम था।
- दंतक परियोजना के तहत अग्रणी मोटर योग्य सड़कों के निर्माण का लक्ष्य निर्धारित किया गया था।
उपलब्धियाँ:
- सड़क संपर्क:
- इस परियोजना के अंतर्गत पिछले कुछ वर्षों में भूटान में 5000 मीटर लंबे पुलों के साथ लगभग 1600 किमी. ब्लैकटॉप मार्ग और 120 किलोमीटर लंबा ट्रैक तैयार किया गया है।
- अन्य निष्पादित परियोजनाएँ:
- इस परियोजना द्वारा निष्पादित कुछ अन्य उल्लेखनीय परियोजनाओं में पारो हवाई अड्डा, योनफुला एयरफील्ड, थिम्फू-त्रासीगंग राजमार्ग, दूरसंचार और हाइड्रो पॉवर इंफ्रास्ट्रक्चर, शेरुबसे कॉलेज, कांग्लुंग तथा इंडिया हाउस एस्टेट का निर्माण शामिल है।
- चिकित्सा और शिक्षा सुविधाएँ:
- दंतक परियोजना द्वारा सुदूरवर्ती क्षेत्रों में पहली बार चिकित्सा और शिक्षा सुविधाएँ स्थापित की गईं।
- भोजन बिक्री केंद्र:
- सड़क के किनारे भोजन की दुकानों ने भूटानी लोगों को भारतीय व्यंजनों से परिचित कराया।
सीमा सड़क संगठन
- इस संगठन की स्थापना तत्कालीन प्रधानमंत्री पंडित जवाहरलाल नेहरू द्वारा वर्ष 1960 में देश के उत्तर और उत्तर-पूर्वी सीमा क्षेत्रों में सड़कों के नेटवर्क के त्वरित विकास के लिये की गई थी।
- यह रक्षा मंत्रालय के प्रशासनिक नियंत्रण में काम करता है।
- यह एयरफील्ड, बिल्डिंग प्रोजेक्ट्स, डिफेंस वर्क्स और सुरंग निर्माण तथा विकास जैसे विभिन्न कार्यों में संलग्न है।
- हाल की कुछ उपलब्धियाँ:
- अटल सुरंग: यह हिमाचल प्रदेश के रोहतांग पास में स्थित है। यह मनाली के पास सोलांग घाटी को लाहौल और स्पीति ज़िले से जोड़ती है।
- नेचिपु सुरंग: यह अरुणाचल प्रदेश के पश्चिम कामेंग ज़िले में बालीपारा-चारुदर-तवांग (बीसीटी) मार्ग पर स्थित है।
- दापोरिजो पुल: यह अरुणाचल प्रदेश में सुबनसिरी नदी के ऊपर स्थित है।
- कासोवाल पुल: यह पूल रावी नदी के ऊपर स्थित है और पंजाब में भारत-पाकिस्तान सीमा के पास कसोवाल एन्क्लेव को देश के शेष हिस्सों से जोड़ता है।
- दारबुक-श्योक-दौलत बेग ओल्डी रोड: यह उत्तरी सीमा के पास दौलत बेग ओल्डी (डीबीओ) पोस्ट को दक्षिणी श्योक नदी घाटी में स्थित दारबुक और श्योक गाँवों के माध्यम से लेह से जोड़ता है।
- बरसी पुल (मनाली-लेह राजमार्ग पर सबसे लंबा पुल): इस पुल को बग्गा (Bagga) नदी पर बनाया गया है, जो लाहौल में टांडी में चंद्रा नदी के साथ मिलकर जम्मू और कश्मीर में चिनाब के रूप में बहती है।
मार्टियन वातावरण में कार्बन डाइऑक्साइड से निकाली गई ऑक्सीजन
मंगल पर ऑक्सीजन की अभूतपूर्व निकासी मंगल ऑक्सीजन इन-सीटू रिसोर्स यूटिलाइज़ेशन एक्सपेरिमेंट (MOXIE) नामक एक उपकरण द्वारा प्राप्त की गई थी
यह दृढ़ता, छह पहियों वाले विज्ञान रोवर पर सवार है।
इसने लगभग 5 ग्राम ऑक्सीजन का उत्पादन किया, जो एक अंतरिक्ष यात्री के लिए लगभग 10 मिनट की सांस लेने के बराबर थी।
नासा की योजना है कि भविष्य के मानव मिशनों ने मोक्सी के छोटे संस्करणों को अपने साथ लाल ग्रह पर ले जाने के बजाय उन्हें बनाए रखने के लिए आवश्यक सभी ऑक्सीजन ले जाने की कोशिश करेंगे।
96% की सांद्रता में कार्बन डाइऑक्साइड (CO atmosphere) पर मंगल का वातावरण हावी है।
उम्मीद है कि यह प्रति घंटे 10 ग्राम O₂ तक उत्पादन कर सकता है।
यह किसी दूसरे ग्रह के वातावरण से प्राकृतिक संसाधन का पहला निष्कर्षण है।
महाराष्ट्र का टू-चाइल्ड नॉर्म
महाराष्ट्र जेल विभाग की एक महिला अधिकारी को एक जांच के बाद सेवा से बर्खास्त कर दिया गया था कि उसने महाराष्ट्र सिविल सेवा (छोटे परिवार की घोषणा) नियमों का उल्लंघन किया क्योंकि उसने अधिकारियों से जानकारी को दबा दिया कि उसके तीन बच्चे हैं।
महाराष्ट्र सरकार के कर्मचारियों के लिए इस दो बच्चों की सेवा नियम ’क्या है?
महाराष्ट्र देश के कुछ राज्यों में से एक है जहाँ सरकारी नौकरियों में नियुक्ति के लिए इन दो बच्चों की नीति ’है या कुछ स्थानीय सरकारी निकायों के चुनाव के लिए भी।
महाराष्ट्र सिविल सेवा (छोटे परिवार की घोषणा) 2005 का नियम एक छोटे परिवार को पत्नी, पति और दो बच्चों के रूप में परिभाषित करता है और यह निर्धारित करता है कि एक व्यक्ति महाराष्ट्र सरकार के साथ नौकरी के लिए योग्य नहीं है यदि उसके पास 2005 के बाद दो से अधिक बच्चे हैं।
नियम सरकारी नौकरी के लिए आवेदन करते समय एक छोटे से परिवार की घोषणा दर्ज करना अनिवार्य है।
इन नियमों के तहत बच्चे की परिभाषा में गोद लिए गए बच्चे शामिल नहीं हैं।
नियम राज्य सरकार को reasonable न्यायसंगत और उचित ’तरीके से छूट देने का अधिकार देते हैं और ऐसे कारणों को दर्ज करते हैं।
राजस्थान, मध्य प्रदेश, आंध्र प्रदेश और तेलंगाना, गुजरात, ओडिशा, उत्तराखंड और असम जैसे अन्य राज्यों में सरकारी सेवाओं में नियुक्ति के लिए बच्चों की नीति समान है।
कोविड-19 संकट: अमेरिका एवं भारत
हाल ही में कोविड -19 महामारी के लिये टीकों की आपूर्ति शृंखला के सुचारू क्रियान्वयन तथा महामारी से संबंधित अन्य मुद्दों को लेकर भारतीय प्रधानमंत्री और अमेरिकी राष्ट्रपति के मध्य टेलीफोन पर बातचीत की गई।
- टेलीफोन पर हुई वार्ता न केवल अमेरिका से टीकों की आपूर्ति शृंखला को सुनिश्चित करने से संबंधित थी , बल्कि इस दौरान उन संसाधनों की कमी पर भी चर्चा की गई जिनके आभाव के कारण भारत में वायरस संक्रमण और मौतों की संख्या तेज़ी से बढ़ोतरी हो रही है।
- इससे पहले वर्ष 2020 में भारत और अमेरिका ने कोविड-19 हेतु वैक्सीन अनुसंधान और परीक्षण पर एक साथ कार्य करने की योजना बनाई थी।
प्रमुख बिंदु:
द्विपक्षीय चर्चा:
- भारत द्वारा विकासशील देशों के लिये टीकों और दवाओं की त्वरित और सस्ती पहुंँच सुनिश्चित करने के लिये ‘ट्रिप्स’ यानी ‘ट्रेड रिलेटेड आस्पेक्ट्स ऑफ इंटेलेक्चुअल प्रॉपर्टी राइट्स’ समझौते के मानदंडों में छूट हेतु विश्व व्यापार संगठन (World Trade Organisation- WTO) में की गई अपनी पहल पर चर्चा की।
- वर्ष 1995 में लागू यह समझौता सदस्य देशों को अपने अधिकार क्षेत्र में बौद्धिक संपदा (IP) अधिकारों का कुशल संरक्षण और प्रवर्तन सुनिश्चित करने के लिये सदस्य देशों पर बाध्यकारी दायित्त्व को लागू करके बौद्धिक संपदा (IP) संरक्षण संबंधी प्रयासों में समन्वय स्थापित करता है।
- बौद्धिक संपदा अधिकार सस्ती दरों पर टीकों और दवाओं की आपूर्ति में बाधा उत्पन्न कर सकते हैं।
- भारत द्वारा विश्व स्तर पर कोविड-19 महामारी हेतु अपनी वैक्सीन मैत्री पहल तथा COVAX और क्वाड वैक्सीन पहल (Quad Vaccine Initiatives) के प्रति अपनी प्रतिबद्धता का उल्लेख किया गया।
- दोनों देशों द्वारा अपने-अपने देशों में उत्पन्न कोविड-19 की स्थिति पर चर्चा की गई, जिसमें भारत में चल रहे टीकाकरण प्रयासों के माध्यम से कोविड-19 की दूसरी लहर को नियंत्रित करने हेतु किये जा रहे प्रयास, महत्त्वपूर्ण दवाओं, चिकित्सीय और स्वास्थ्य देखभाल उपकरणों की आपूर्ति सुनिश्चित करना आदि मुद्दे शामिल थे।
- दोनों देशों के संबंधों में हुई प्रगति:
- वर्ष 2020 में भारत-अमेरिका ‘व्यापक वैश्विक रणनीतिक साझेदारी’ (Comprehensive Global Strategic Partnership) हेतु एक साथ आए थे।
- भारत और अमेरिका के मध्य भू-स्थानिक सहयोग के लिये ‘बुनियादी विनिमय तथा सहयोग समझौते’ (Basic Exchange and Cooperation Agreement for Geo-Spatial Cooperation- BECA) पर हस्ताक्षर किये गए, जिसके तहत दोनों देशों के मध्य रक्षा संबंधों को मज़बूत करने हेतु चार आधारभूत समझौते शामिल है।
- अन्य कई प्रमुख मुद्दों में दोनों देशों की सरकारों के मध्य निरंतर संवाद, इंडो-पैसिफिक क्षेत्र में साझा हित, क्षेत्रीय सहयोग, रक्षा संबंध तथा दोनों देशों द्वारा अप्रत्याशित चुनौतियों का मिलकर मुकाबला करना आदि शामिल हैं।