यूपीएससी सिविल सेवा परीक्षा 2021 में टॉप करने वाली श्रुति शर्मा ने अपनी तैयारी के बारे में बताया कि वह अपने नोट्स बनाया करती थीं। नोट्स बनाने के लिए न्यूजपेपर का इस्तेमाल किया करती थीं। उन्होंने बताया कि अच्छा उत्तर लिखने के लिए वह बेहतर प्रजेंटेशन व आंसर लिखने की ज्यादा से ज्यादा प्रैक्टिस करने पर फोकस करती थीं। उत्तर प्रदेश के बिजनौर की रहने वाली श्रुति ने बताया कि यूपी कैडर उनकी पहली प्राथमिकता रहेगी। श्रुति ने दिल्ली विश्वविद्यालय के सेंट स्टीफंस कॉलेज से इतिहास ऑनर्स में स्नातक तथा जेएनयू में इतिहास से परास्नातक किया है। वह पिछले दो साल से जामिया मिल्लिया इस्लामिया की रेजिडेंशियल कोचिंग से पढ़ाई कर रही थी। उन्होंने कहा मुझे जो जिम्मेदारी दी जाएगी उसे स्वीकार करूंगी लेकिन मेरी व्यक्तिगत रूचि शिक्षा और महिला सशक्तिकरण क्षेत्र है।
आईएएस टॉपर श्रुति शर्मा कौन हैं?
आईएएस टॉपर श्रुति शर्मा के बारे में बता दें कि वह उत्तर प्रदेश के बिजनौर की रहने वाली हैं. उन्होंने दिल्ली में अपनी पढ़ाई पूरी की है. वह इतिहास की छात्रा रही हैं. श्रुति शर्मा पिछले दो साल से जामिया मिलिया इस्लामिया में आवासीय कोचिंग एकेडमी से कोचिंग ले रही थीं.
श्रुति शर्मा ने माता-पिता, शिक्षकों और दोस्तों को दिया श्रेय
सिविल सेवा परीक्षा टॉप करने को लेकर श्रुति शर्मा ने मीडिया से बातचीत में कहा, मुझे अभी भी विश्वास नहीं हो रहा है, लेकिन अच्छा लग रहा है. बिल्कुल उम्मीद नहीं थी. मैं इस रिजल्ट के लिए उन सभी लोगों की बहुत शुक्रगुजार हूं, जिन्होंने इसमें महत्वपूर्ण भूमिका निभाई. उन्होंने बताया कि ग्रेजुएशन के बाद सिविल सर्विसेज की तैयारी के बारे में सोचा. सोसायटी के लिए कुछ करना चाहती थी इसलिए ये करियर चुना.
श्रुति बताती हैं कि यूपीएससी का सेलेबस बड़ा है। अपने कोर्स की पढ़ाई के लिए एक रणनीति बनाना जरूरी है, नोट बनाना, उसे दोहराना बेहद आवश्यक है। यूपीएससी की तैयारी के लिए धैर्य जरूरी है।
श्रुती की मां रुचि शर्मा ने कहा, ‘मैं बहुत खुश हूं। ये सब उसकी मेहनत का नतीजा है। वह हमेशा पढ़ाई में डूबी रहती थी। हम उसे सोने के लिए कहते रहते थे। श्रुति सोशल मीडिया पर काफी कम एक्टिव थी।’
दोस्तों और परिवार का मिला सपोर्ट
अपनी सफलता को लेकर श्रुति शर्मा ने बताया कि यह एक लंबा एग्जाम होता है. कड़ी मेहनत, लगातार प्रेरणा, माता पिता के सपोर्ट से ये मुकाम हासिल हो सका है. अपनी यात्रा के बारे में श्रुति शर्मा ने बताया कि जैसे हर चीज में उतार-चढ़ाव आते हैं. इसमें भी आए, लेकिन फ्रेंड्स और फैमिली के सपोर्ट से ये कर पाई.
‘पढ़ाई के घंटे नहीं गिने, पर मेहनत की’
पढ़ाई को लेकर उन्होंने कहा, जितना हो सकता था हर दिन उतना पढ़ती थी. जिस दिन ज्यादा पढ़ने का मन करता था उस दिन ज्यादा पढ़ती थी जिस दिन ब्रेक लेने का मन करता था तो ब्रेक लेती थी. दिन में पढ़ाई के घंटे नहीं गिने, लेकिन इसमें मेहनत जरूर लगती है. जामिया की रेजिडेंशियल कोचिंग अकाडमी से पढ़ाई में काफी मदद मिली.
‘हर कुछ नहीं पढ़ सकते हैं, स्ट्रेटजी बनाकर पढ़ें’
पढ़ाई की स्ट्रेटजी को लेकर श्रुति ने बताया, कोर्स कंटेंट स्ट्रेटजी, टाइम मैनेजमेंट और कन्सिसटेंसी मदद करती है. आप हर कुछ नहीं पढ़ सकते हैं इसलिए स्ट्रेटजी काम आती है कि क्या महत्वपूर्ण है और क्या नहीं, उसकी समझ काम आती है. उम्मीद थी कि एग्जाम पास करूंगी, लेकिन टॉप करने की उम्मीद नहीं थी.
4 सालों से कर रही थी तैयारी: Shruti Sharma
श्रृति शर्मा ने जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (JNU) से स्नातकोत्तर की पढ़ाई की और पिछले 4 वर्षों से सिविल सेवा परीक्षा की तैयारी कर रही थीं. वह जामिया मिलिया इस्लामिया की रेजिडेंशियल कोचिंग अकादमी (RCA) की छात्रा थीं. आरसीए को अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति और अल्पसंख्यक जैसे वर्गों से संबंधित छात्रों को मुफ्त कोचिंग और आवासीय सुविधाएं प्रदान करने के लिए विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (UGC) की तरफ से आर्थिक सहायता प्रदान की जाती है. जामिया के एक अधिकारी ने बताया कि कोचिंग अकादमी के 23 छात्रों ने परीक्षा पास की है. बता दें कि यूपीएससी द्वारा सोमवार को घोषित परिणाम के अनुसार कुल 685 परीक्षार्थियों ने सफलता हासिल की है.