मां की बीमारी से टूट गई थी उम्मीद, कठिन था UPSC का सफर, आखिरी अटेंप्ट में हुईं सफल

हर यूपीएससी एस्पिरेंट मसूरी में स्थित LBSNAA में ट्रेनिंग हासिल करने का सपना देखता है. 2022 की यूपीएससी परीक्षा में...

हर यूपीएससी एस्पिरेंट मसूरी में स्थित LBSNAA में ट्रेनिंग हासिल करने का सपना देखता है. 2022 की यूपीएससी परीक्षा में सफल हुए उम्मीदवारों की ट्रेनिंग शुरू हो चुकी है. 98वें फाउंडेशन कोर्स के लिए सभी ट्रेनी अफसर LBSNAA पहुंच चुके हैं. इन्हीं में से एक हैं प्रियंका गोयल. इनकी सक्सेस स्टोरी काफी मोटिवेशनल है 

जो लोग छोटी-बड़ी असफलताओं से घबरा जाते हैं, उनके लिए प्रियंका गोयल की कहानी काफी मोटिवेशनल साबित हो सकती है दिल्ली की रहने वाली प्रियंका के लिए यूपीएससी का सफर काफी मुश्किलों भरा रहा लेकिन इस दौरान वह बिना हार माने अपने लक्ष्य के प्रति अडिग रहीं. वह अपने सपने को लेकर बिल्कुल स्पष्ट थीं. उनके लिए सिर्फ मंजिल मायने रखती थी, न कि सामने का कठिन रास्ता.

 प्रियंका गोयल दिल्ली की रहने वाली हैं. उन्होंने पीतमपुरा में स्थित महाराजा अग्रसेन मॉडल स्कूल से 12वीं तक पढ़ाई की है. इसके बाद दिल्ली यूनिवर्सिटी के केशव महाविद्यालय से कॉमर्स में बैचलर्स की डिग्री हासिल की (Delhi University Colleges). ग्रेजुएशन की पढ़ाई पूरी होने के बाद से ही वह सरकारी नौकरी के लिए यूपीएससी परीक्षा की तैयारी में जुट गई थीं 

प्रियंका गोयल ने यूपीएससी परीक्षा के टोटल 6 अटेंप्ट दिए थे. अगर वह यूपीएससी सीएसई 2022 में असफल हो जातीं तो सरकारी अफसर बनने का उनका ख्वाब अधूरा रह जाता. प्रियंका गोयल का ऑप्शनल विषय पब्लिक एडमिनिस्ट्रेशन था इसमें उन्होंने 292 मार्क्स हासिल किए थे. प्रियंका ने एक इंटरव्यू में बताया कि यूपीएससी परीक्षा का उनका यह सफर बहुत मुश्किल था. उन्हें यह भी नहीं पता था कि वह कभी सफल हो भी पाएंगी या नहीं.

यूपीएससी परीक्षा के पहले प्रयास के दौरान प्रियंका गोयल को सिलेबस की सही जानकारी नहीं थी. इसमें वह प्रीलिम्स भी क्लियर नहीं कर पाई थीं. दूसरे प्रयास मे वह 0.7 मार्क्स से कट ऑफ लिस्ट में जगह बनाने से चूक गई थीं. अपने तीसरे प्रयास में वह यूपीएससी मेंस परीक्षा में फेल हो गई थीं. चौथे में CSAT में पीछे रह गई थीं. 5वें में कोविड काल में उनकी मां के 80% लंग्स डैमेज हो गए थे. इस प्रयास में भी वह प्रीलिम्स क्लियर नहीं कर पाई थीं.

प्रियंका मानती हैं कि उन्हें अपना 5वां अटेंप्ट उस समय नहीं देना चाहिए था. तब वह क्राइसिस के दौर से गुजर रही थीं और ऐसे में प्रतियोगी परीक्षा पास कर पाना वाकई बहुत मुश्किल था. इतने सालों में उन पर सोसाइटी और शादी का प्रेशर भी बढ़ने लगा था. उनके पास सिर्फ एक अटेंप्ट बचा था और इसमें उन्हें अपनी काबिलियत साबित कर अपना फ्यूचर सेट करना था. आखिरकार उनकी मेहनत रंग लाई और 2022 यूपीएससी परीक्षाॉ में उन्होंने 369वीं रैंक हासिल कर ली.

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