भारतीय अर्थव्यवस्था के लिये प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (FDI) के महत्त्व को स्पष्ट करते हुए FDI में आई हालिया गिरावट के कारणों का विश्लेषण कीजिये। भारत में FDI बढ़ाने हेतु उपचारात्मक सुझाव दीजिये। UPSC NOTE

परिचय– प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (FDI) एक प्रकार का सीमा पार निवेश है जिसमें एक देश का निवेशक दूसरे देश के...

परिचय

प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (FDI) एक प्रकार का सीमा पार निवेश है जिसमें एक देश का निवेशक दूसरे देश के किसी उद्यम में स्थायी रुचि स्थापित करता है। वैश्विक निवेश रिपोर्ट 2023 के अनुसार, वर्ष 2022 में कुल प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (FDI) प्रवाह में 12% की गिरावट आई है।

प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (FDI) के महत्त्व

प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (FDI) एक महत्वपूर्ण आर्थिक गतिविधि है जो आर्थिक विकास को बढ़ावा देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है। FDI से निम्नलिखित लाभ होते हैं:

  • पूंजी निर्माण: FDI से पूंजी निर्माण होता है, जो आर्थिक विकास के लिए आवश्यक है।
  • प्रौद्योगिकी हस्तांतरण: FDI के माध्यम से नई प्रौद्योगिकियों का हस्तांतरण होता है, जो उत्पादकता और प्रतिस्पर्धात्मकता को बढ़ाता है।
  • रोजगार सृजन: FDI से रोजगार सृजन होता है, जो बेरोजगारी को कम करने में मदद करता है।
  • निर्यात में वृद्धि: FDI से निर्यात में वृद्धि होती है, जो व्यापार घाटे को कम करने और आर्थिक विकास को बढ़ावा देने में मदद करता है।

भारतीय अर्थव्यवस्था के लिए FDI का महत्त्व

भारत एक विकासशील देश है और उसे आर्थिक विकास को बढ़ावा देने के लिए FDI की आवश्यकता है। भारत में FDI से निम्नलिखित लाभ होंगे:

  • कृषि और बुनियादी ढांचे के विकास को बढ़ावा मिलेगा।
  • उत्पादकता और प्रतिस्पर्धात्मकता में सुधार होगा।
  • रोजगार सृजन होगा।
  • निर्यात में वृद्धि होगी।

FDI में हालिया गिरावट के कारण

भारत में FDI में हालिया गिरावट के निम्नलिखित कारण हैं:

  • वैश्विक आर्थिक मंदी: वैश्विक आर्थिक मंदी के कारण विदेशी निवेशकों की रुचि में कमी आई है।
  • भारत में राजनीतिक अस्थिरता: भारत में राजनीतिक अस्थिरता के कारण विदेशी निवेशकों को निवेश करने में हिचकिचाहट हो रही है।
  • भारत में कारोबारी माहौल में सुधार की आवश्यकता: भारत में कारोबारी माहौल को और अधिक सुधारने की आवश्यकता है ताकि विदेशी निवेशकों को भारत में निवेश करने के लिए प्रोत्साहित किया जा सके।

भारत में FDI बढ़ाने के उपाय

भारत में FDI बढ़ाने के लिए निम्नलिखित उपाय किए जा सकते हैं:

  • वैश्विक आर्थिक मंदी से निपटने के लिए सरकार को कदम उठाने चाहिए।
  • भारत में राजनीतिक स्थिरता बनाए रखने के लिए सरकार को कदम उठाने चाहिए।
  • भारत में कारोबारी माहौल में सुधार के लिए सरकार को कदम उठाने चाहिए।

विशेष रूप से, निम्नलिखित उपाय किए जा सकते हैं:

  • FDI नियमों को सरल और पारदर्शी बनाने की आवश्यकता है।
  • FDI के लिए स्वीकृति प्रक्रिया को तेज करने की आवश्यकता है।
  • FDI निवेशकों को कर प्रोत्साहन प्रदान करने की आवश्यकता है।
  • भारत में बुनियादी ढांचे के विकास पर ध्यान देने की आवश्यकता है।
  • भारत में कौशल विकास पर ध्यान देने की आवश्यकता है।

इन उपायों को लागू करके भारत में FDI बढ़ाया जा सकता है और आर्थिक विकास को बढ़ावा दिया जा सकता है।

निष्कर्ष:

भारत की आर्थिक वृद्धि के लिये FDI को बढ़ाना महत्त्वपूर्ण है। हालाँकि, भारत को अपनी वृद्धि के लिये केवल FDI और विदेशी निवेश पर निर्भर नहीं रहना चाहिये बल्कि निवेश के अन्य स्रोतों का भी पता लगाना चाहिये।

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