यूरोपियन यूनियन 28 देशों का एक समूह है जो एक संसक्त आर्थिक और राजनीतिक ब्लॉक के रूप में कार्य करता है।
इसके 19 सदस्य देश अपनी आधिकारिक मुद्रा के तौर पर ‘यूरो’ का उपयोग करते हैं, जबकि 9 सदस्य देश (बुल्गारिया, क्रोएशिया, चेक गणराज्य, डेनमार्क, हंगरी, पोलैंड, रोमानिया, स्वीडन एवं यूनाइटेड किंगडम) यूरो का उपयोग नहीं करते हैं।
यूरोपीय देशों के मध्य सदियों से चली आ रही लड़ाई को समाप्त करने के लिये यूरोपीय संघ के रूप में एक एकल यूरोपीय राजनीतिक इकाई बनाने की इच्छा विकसित हुई जिसका द्वितीय विश्व युद्ध के साथ समापन हुआ और इस महाद्वीप का अधिकांश भाग समाप्त हो गया।
EU ने कानूनों की मानकीकृत प्रणाली के माध्यम से एक आंतरिक एकल बाज़ार (Internal Single Market) विकसित किया है जो सभी सदस्य राज्यों के मामलों में लागू होता है और सभी सदस्य देशों की इस पर एक राय होती है।
लक्ष्य
- EU के सभी नागरिकों के लिये शांति, मूल्य एवं कल्याण को प्रोत्साहित करना।
- आंतरिक सीमाओं के बिना स्वतंत्रता, सुरक्षा एवं न्याय प्रदान करना।
- यह सतत् विकास, संतुलित आर्थिक वृद्धि एवं मूल्य स्थिरता, पूर्ण रोज़गार और सामाजिक प्रगति के साथ एक अत्यधिक प्रतिस्पर्धी बाज़ार अर्थव्यवस्था और पर्यावरणीय सुरक्षा पर आधारित है।
- सामाजिक बहिष्कार और भेदभाव का निराकरण।
- वैज्ञानिक और तकनीकी प्रगति को बढ़ावा देना।
- EU देशों के मध्य आर्थिक, सामाजिक और क्षेत्रीय एकजुटता एवं समन्वय को बढ़ावा देना।
- इसकी समृद्ध सांस्कृतिक और भाषायी विविधता का सम्मान करना
- एक आर्थिक और मौद्रिक यूनियन की स्थापना करना जिसकी मुद्रा यूरो है।
इतिहास
- यूरोपीय एकीकरण को द्वितीय विश्व युद्ध के बाद अत्यधिक राष्ट्रवाद को नियंत्रित करने के रूप में देखा गया था जिसने महाद्वीप को लगभग तबाह कर दिया था।
- वर्ष 1946 में जुरिच विश्वविद्यालय, स्विट्ज़रलैंड में विंस्टन चर्चिल ने आगे बढ़कर यूनाइटेड स्टेट ऑफ यूरोप के उद्भव की वकालत की।
- वर्ष 1952 में 6 देशों (बेल्जियम, फ्राँस , जर्मनी, इटली, लक्जमबर्ग और नीदरलैंड) द्वारा अपने कोयला और इस्पात उत्पादन को एक आम बाज़ार में रखकर, उनकी संप्रभुता के हिस्से को खत्म करने हेतु पेरिस संधि के तहत यूरोपीय कोल एवं स्टील कम्युनिटी (European Coal and Steel Community – ECSC) की स्थापना की गई थी।
- वर्ष 1952 में पेरिस संधि के तहत यूरोपीय न्यायालय ( वर्ष 2009 तक इसे यूरोपीय समुदायों के न्याय के लिये न्यायालय कहा जाता था ) की स्थापना भी की गई थी।
कार्य
- यूरोपीय संघ का कानून और विनियमन अपने सदस्य देशों की एक संसक्त आर्थिक इकाई बनाने के लिये है ताकि माल को सदस्य राष्ट्रों की सीमाओं तक बिना शुल्क के एक ही मुद्रा में और एक बढ़े हुए श्रम समुच्चय के निर्माण से स्वतंत्र रूप से पहुँचाया जा सके, जो अधिक कुशल वितरण और श्रम का उपयोग सुनिश्चित करता है।
- यह वित्तीय संसाधनों का एक संयोजन है ताकि सदस्य राष्ट्र निवेश करने के लिये ‘बेल आउट’ या पैसा उधार ले सकें।
- सदस्य देशों के लिये संघ की अपेक्षाएँ मानव अधिकार एवं पर्यावरण जैसे क्षेत्रों में राजनीतिक निहितार्थ हैं। संघ अपने सदस्य देशों को सहायता देने की शर्तों के रूप में मितव्ययी बजट (Austerity Budget) और विभिन्न कटौतियों जैसे भारी राजनीतिक लागतों को आरोपित कर सकता है।
- व्यापार
a. इसके सदस्यों के मध्य मुक्त व्यापार यूरोपीय संघ के संस्थापक सिद्धांतों में से एक था जिसका श्रेय एकल बाज़ार को जाता है। इसकी सीमाओं से परे यूरोपीय संघ विश्व व्यापार के उदारीकरण के लिये भी प्रतिबद्ध है।
b. यूरोपीय संघ विश्व में सबसे बड़ा व्यापारिक ब्लॉक है। यह विश्व में निर्मित वस्तुओं एवं सेवाओं का सबसे बड़ा आयातक है और 100 से अधिक देशों के लिये निर्यात हेतु सबसे बड़ा बाज़ार है। - मानवीय सहयोग
a. यूरोपीय संघ विश्व भर में कृत्रिम और प्राकृतिक आपदाओं से प्रभावित लोगों के सहयोग के लिये प्रतिबद्ध है एवं प्रतिवर्ष 120 मिलियन से अधिक लोगों को सहयोग प्रदान करता है।
b. EU और उसके घटक देश मानवीय सहायता प्रदान करने वाले दुनिया के प्रमुख दाता देश हैं। - कूटनीति और सुरक्षा
a. EU कूटनीति के क्षेत्र में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाता है और स्थिरता, सुरक्षा तथा समृद्धि, लोकतंत्र आधारभूत स्वतंत्रता एवं अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर विधि के नियमों को बढ़ावा देने के लिये कार्य करता है।