राष्ट्रीय ऊर्जा संरक्षण दिवस
विद्युत मंत्रालय के अधीनस्थ ऊर्जा दक्षता ब्यूरो (BEE) द्वारा हर साल 14 दिसंबर को ‘राष्ट्रीय ऊर्जा संरक्षण दिवस’ का आयोजन किया जाता है। इसका उद्देश्य ऊर्जा दक्षता एवं संरक्षण में भारत की उपलब्धियों को दर्शाना और जलवायु परिवर्तन में कमी की दिशा में राष्ट्र के सर्वांगीण प्रयासों के तहत समग्र विकास की अपनी महत्वाकांक्षा के लिए अथक कोशिश करना है।
भारत में प्रतिवर्ष 14 दिसंबर को राष्ट्रीय ऊर्जा संरक्षण दिवस मनाया जाता है। इस दिवस के आयोजन का प्राथमिक उद्देश्य ऊर्जा संसाधनों के संरक्षण की दिशा में प्रयासों को बढ़ावा देते हुए आम लोगों को ग्लोबल वार्मिंग और जलवायु परिवर्तन के खतरों के प्रति जागरूक बनाना है। राष्ट्रीय स्तर पर प्रतिवर्ष इस दिवस का आयोजन ऊर्जा दक्षता ब्यूरो (BEE) द्वारा किया जाता है। भारत सरकार ने ऊर्जा संरक्षण अधिनियम, 2001 के तहत 1 मार्च, 2002 को ऊर्जा दक्षता ब्यूरो (BEE) की स्थापना की थी। यह एक सांविधिक निकाय है, जो कि ऐसी नीतियों और रणनीतियों के विकास में सहायता प्रदान करता है जिनका प्रमुख उद्देश्य भारतीय अर्थव्यवस्था में ऊर्जा की गहनता को कम करना है। ज्ञात हो कि देश की जनसंख्या में अनवरत बढ़ोतरी दर्ज की जा रही है, जिसकी वजह से ऊर्जा उपभोग में भी बढ़ोतरी हो रही है। अतः ऊर्जा के उपभोग को कम-से-कम करने हेतु ऊर्जा संरक्षण की दिशा में प्रयासों को बढ़ावा देना आवश्यक है, ताकि ऊर्जा स्रोतों और संसाधनों को भविष्य के उपयोग के लिये बचाया जा सके।
ऊर्जा संरक्षण के उपाय
- जब उपयोग में न हो, बल्ब या लाइट और पंखों को बंद कर दें।
- ट्यूब लाइट, बल्बों और अन्य उपकरणों पर जमी हुई धूल को नियमित रूप से साफ करें।
- हमेशा आईएसआई मुहर लगे बिजली उपकरणों और साधनों का प्रयोग करें।
- अपनी ट्यूब लाइट और बल्बों को ऐसी जगह लगाएं जहां प्रकाश आने में दिक्कत न हो।
- ऊर्जा बचाने के लिए एलईडी बल्ब का प्रयोग करें।
- फ्रिज का दरवाजा बार-बार खोलने बंद करने से बिजली की खपत बढ़ती है।
- टीवी म्यूजिक सिस्टम और टेप रिकॉर्ड आदि को स्टेंड बाई मोड में न रखे।
- गीजर में अधिकतम बिजली खर्च होती है अतः उतना पानी गरम करें जितनी जरूरत है।
- दिन में सूर्य के प्रकाश का अधिकतम उपयोग करे तथा गैर जरुरी पंखे लाइट एसी इत्यादि उपकरणों को बंद रखे।
‘महाशरद’ प्लेटफॉर्म
इस प्लेटफार्म का उपयोग सहायक उपकरणों के वितरण के लिए एक फ्लैगशिप योजना शुरू करने के लिए किया जाएगा। ये सहायक उपकरण दिव्यांग व्यक्तियों को वितरित किए जाएंगे। यह प्लेटफार्म मार्च 2021 तक गूगल प्ले स्टोर पर उपलब्ध होगा।
महाशरद प्लेटफार्म को “Maharashtra System for Health and Rehabilitation Assistance” भी कहा जाता है। यह प्लेटफार्म दिव्यांग व्यक्तियों को विभिन्न उपकरण उपलब्ध कराने के लिए बनाया गया है।
दिव्यांग लोगों की सहायता के लिये महाराष्ट्र सरकार ने डिजिटल प्लेटफॉर्म विकसित किया है। ‘महाशरद’ (MahaSharad) नाम का यह डिजिटल प्लेटफॉर्म राज्य में दिव्यांग लोगों को मुफ्त में आवश्यक उपकरण प्राप्त करने में मदद करेगा। यह डिजिटल प्लेटफॉर्म राज्य के दिव्यांगजनों और उपकरण दान करने वाले लोगों, कंपनियों और विक्रेताओं के बीच एक सेतु के रूप में कार्य करेगा। दिव्यांगजनों के जीवन को सुगम बनाने के लिये आवश्यक आधुनिक उपकरण जैसे- ब्रेल किट, श्रवण यंत्र, कृत्रिम अंग और बैटरी से चलने वाली व्हीलचेयर आदि सभी बाज़ार में उपलब्ध हैं, किंतु इन उपकरणों को खरीदने की क्षमता सभी लोगों के पास नहीं है, जिसके कारण प्रायः आर्थिक रूप से कमज़ोर वर्ग के दिव्यांग लोगों को दैनिक जीवन में बाधाओं का सामना करना पड़ता है। वहीं दूसरी ओर देश भर में कई संगठन, निजी कंपनियाँ और उद्योगपति ऐसे हैं जो इस प्रकार के उपकरणों को दान देने के इच्छुक हैं, ऐसे में इन दोनों प्रकार के लोगों को एक साथ, एक मंच पर लाना आवश्यक है। ज्ञात हो कि महाराष्ट्र सरकार के इस डिजिटल प्लेटफॉर्म पर प्राप्तकर्त्ता के रूप में केवल महाराष्ट्र के दिव्यांग लोग ही पंजीकरण करवा सकते हैं, जबकि दानकर्त्ता के रूप में यहाँ पर देश भर से कोई भी व्यक्ति अथवा संगठन पंजीकरण करवा सकता है।
महत्व
ये आधुनिक उपकरण दिव्यांगजनों को सामान्य व्यक्तियों की तरह जीवन जीने में मदद करेंगे। कई लोग, संगठन, निजी कंपनियां और उद्योगपति दिव्यांग के लिए इस तरह के उपकरण प्रदान करना चाहते हैं। महाशरद प्लेटफार्म इन दान देने वाले लोगों और संस्थाओं को जरूरतमंद दिव्यांगजनों से मिलने में मदद करेगा। इससे दिव्यांगजन सर्वाधिक लाभान्वित होंगे।
अंतर्राष्ट्रीय दिव्यांगजन दिवस
प्रतिवर्ष 3 दिसंबर को अंतर्राष्ट्रीय दिव्यांग दिवस के रूप में मनाया जाता है। इसका उद्देश्य समाज में दिव्यांग जनों का विकास सुनिश्चित करना है।
CinemaSCOpe
हाल ही में भारतीय दूतावास ने 13 दिसंबर, 2020 को चीन में एक फिल्म श्रृंखला “CinemaSCOpe” लॉन्च की है। यह फिल्म श्रृंखला को विशेष रूप से शंघाई सहयोग संगठन (SCO) के लिए लॉन्च की गयी है।
इस कार्यक्रम का उद्घाटन चीन में भारतीय राजदूत और शंघाई सहयोग संगठन के महासचिव व्लादिमीर नोरोव ने संयुक्त रूप से किया। बीजिंग में भारतीय दूतावास ने सिनेमा के माध्यम से संबंधों को मज़बूत बनाने का फैसला किया है। गौरतलब है कि वर्तमान में ‘एससीओ फिल्म फेस्टिवल’ पर भी विचार किया जा रहा है।
इस फिल्म श्रृंखला में, दो दर्जन से अधिक भारतीय फिल्मों को रूसी भाषा में डब किया गया है। यह श्रृंखला मासिक आधार पर प्रदर्शित की जाएगी। फिल्मों की स्क्रीनिंग की शुरुआत प्रसिद्ध फिल्म ‘थ्री इडियट्स’ के साथ हुई। यह श्रृंखला वर्ष 2023 में SCO ‘काउंसिल ऑफ हेड्स ऑफ स्टेट’ की बैठक की भारत की अध्यक्षता तक जारी रहेगी।
शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ)
यह एक राजनीतिक और सुरक्षा समूह है जिसका मुख्यालय बीजिंग में है। रूस, चीन, किर्गिज गणराज्य, कजाखस्तान, ताजिकिस्तान और उज्बेकिस्तान के राष्ट्रपतियों ने वर्ष 2001 में शंघाई में एक शिखर सम्मेलन में एससीओ की स्थापना की थी। यह 40% से अधिक मानवता एवं वैश्विक सकल घरेलू उत्पाद का लगभग 20% हिस्से का प्रतिनिधित्व करता हैं। अफगानिस्तान, बेलारूस, ईरान और मंगोलिया वर्तमान में इसके पर्यवेक्षक है। वर्ष 2005 में भारत और पाकिस्तान को इस समूह के पर्यवेक्षकों के तौर पर शामिल किया गया था. दोनों देशों को वर्ष 2017 में पूर्ण सदस्य बनाया गया।
संयुक्त राष्ट्र शैक्षिक, वैज्ञानिक और सांस्कृतिक संगठन (UNESCO)
संयुक्त राष्ट्र शैक्षिक, वैज्ञानिक और सांस्कृतिक संगठन (UNESCO) संयुक्त राष्ट्र संगठन है, जो दुनिया भर में ऐतिहासिक और सांस्कृतिक स्थलों को संरक्षित रखने में मदद करता है। यह फ्रांस में स्थित बहु-राष्ट्र एजेंसी है, जिसकी स्थापना वर्ष 1945 में की गयी थी। यह साक्षरता और यौन शिक्षा के साथ-साथ दुनिया भर के देशों में लैंगिक समानता में सुधार को बढ़ावा देता है। यह विश्व धरोहर स्थलों को पहचानने और प्राचीन खंडहर, गांवों और मंदिरों, और ऐतिहासिक स्थलों जैसे सांस्कृतिक और विरासत स्थलों को संरक्षित करने के लिए भी पहचाना जाता है।
यूनेस्को ने बांग्लादेश के पिता कहे जाने वाले शेख मुजीबुर रहमान के नाम पर ‘रचनातमक अर्थव्यवस्था’ के क्षेत्र में एक पुरस्कार शुरू करने का निर्णय लिया है। यह पुरस्कार नवम्बर 2021 में शुरू किया जायेगा, इस पुरस्कार के विजेता को 50,000 डॉलर प्रदान किये जायेंगे।