UPSC Mains: तैयारी के ये खास टिप्स अपनाकर IAS बनी ये IPS अफसर
मध्यप्रदेश की रहने वाली गरिमा अग्रवाल ने जून 2018 में प्रीलिम्स परीक्षा पास की. फिर सितंबर 2018 में मेन्स परीक्षा दी, 27 मार्च 2019 को आए रिजल्ट में गरिमा आईएएस इंटरव्यू के लिए चुनी गईं, इसमें पास होने के बाद उन्होंने 40वीं रैंक हासिल की. इससे पहले 2017 में वो 241 वीं रैंक के साथ आईपीएस अफसर चुनी गई थीं. आइए, आईएएस गरिमा से जानें, उनकी तैयारी के वो टिप्स जिनके जरिये उन्होंने एक जॉब में रहते हुए पाई आईएएस में इतनी अच्छी रैंक.
एक इंटरव्यू में गरिमा अग्रवाल कहती हैं कि हर जगह से हर तरह लोगों के यूपीएससी में चयन होते हैं. कई लोग बेहद कठिन परिस्थिति में रहकर अपनी मंजिल पा लेते हैं. मैंने भी दिल्ली में रहकर तैयारी की. यहां आकर मैंने जाना और जो मेरे हिसाब से तैयारी के टिप्स हैं, वो इस प्रकार हैं.
कम से कम सोर्स, ज्यादा रिवीजन
अगर आप किताबों की दुनिया में जाते हैं तो लोग आपको हजारों किताबों के लिए गाइड करते हैं. इस तरह अगर देखा जाए तो बहुत किताबों के चक्कर में तैयारी नहीं होते. अंत में आपको पता चलता है कि जितनी कम किताबें होंगी, उतनी आसानी से नोट्स के जरिये तैयारी हो जाएगी.
ध्यान भटकाने वाली चीजों से दूर रहें
तैयारी के दौरान मैंने एक साल फेसबुक, इंस्ट्राग्राम, ट्विटर से लेकर व्हाट्सऐप तक हटा दिया था. तैयारी के दौरान कोशिश करनी चाहिए कि कम से कम पारिवारिक सम्मेलन में शामिल हों. सिर्फ अगर एक साल मन लगाकर तैयारी कर लें तो काफी अच्छा रिजल्ट आ सकता है.
सपोर्ट सिस्टम
जब हनुमान को पर्वत उठाना था तो उन्हें जामवंत ने उन्हें शक्ति याद दिलाई थी. आपके लाइफ में भी ऐसे लोग होने चाहिए जो आपको मोटिवेट करें. ऐसे लोगों से दूर रहें जो आपको कहें कि कब तक ये तैयारी करते रहेंगे. नौकरी कब करेंगे. उन्हें कम से कम आधा घंटा जरूर द
ग्रुप में डिस्कशन हैं जरूरी
स्पेक्ट्रम, पॉलिटिक्स और जियोग्राफी साथ में पढ़ी. मैं अपनी दो दोस्तों के साथ बहुत डिस्कशन करती थी. हम लोग किसी सवाल पर एक साथ आंसर लिखते थे. इसके अलावा सेल्फ स्टडी सबसे बेस्ट है.
मेहनत बहुत जरूरी है
लोग कहते हैं कि कठिन मेहनत करो, फल मिलेगा. लेकिन हकीकत ये है कि सही दिशा में मेहनत हो, लेकिन निरंतर हो. आप लगातार पढ़ाई के लिए समय दें. मेरे मामले में भी ये ही था कि मैंने पढ़ाई में सिर्फ ये ही मंत्र अपनाया कि कुछ भी हो जाए, तैयारी नहीं छोड़ना है. वो कहती हैं कि मैं अपनो के आशीर्वाद से आज इस मुकाम पर हूं, इसमें मेरी मेहनत और बड़ों का आशीर्वाद भी शामिल है.