UPSC पास करके IAS और IPS बनना इस देश के लाखों युवाओं का ख्वाब होता है। सालों से इस चुनौतिपूर्ण परीक्षा की तैयारी कर रहे हैं। वह कभी मेन्स में रह जाते हैं तो कभी इंटरव्यू में। आखिरी स्टेज इंटरव्यू में क्या प्रश्न पूछे जाएंगे, यह परीक्षा की तैयारी कर रहे हर शख्स के जहन में उत्सुकता का विषय होता है। आखिरी उन 20 से 25 मिनट के दौरान किस तरह के सवाल पूछकर उम्मीदवार की पर्सनैलिटी का टेस्ट लिया जाता है। संघ लोक सेवा आयोग (यूपीएससी) के पूर्व चेयमैन और IAS अफसर (1974 बैच) रह चुके दीपक गुप्ता ने इंटरव्यू को लेकर कुछ टिप्स दिए हैं।
अपनी किताब ‘द स्टील फ्रेम: ए हिस्ट्री ऑफ आईएएस’ को लेकर दिए एक इंटरव्यू में यूपीएससी के पूर्व चेयरमैन दीपक गुप्ता ने कहा कि यूपीएससी सिविल सेवा परीक्षा के सिलेबस में यह लिखा होता है कि इंटरव्यू का क्या उद्देश्य है। हर उम्मीदवार को इस पर जरूरी नजर डालनी चाहिए। उसमें लिखा होता है उम्मीदवार का एटीट्यूट, कम्युनिकेशन एबिलिटी, लॉजिकल रीजनिंग चेक की जाएगी।
दुनिया की हलचल के बारे में आपको बता हो
– इंटरव्यू में उम्मीदवार को नॉलेज का नहीं बल्कि उसकी अवेयरनेस का टेस्ट होता है। नॉलेज पहले की परीक्षाओं में हो चुकी होती है। देश दुनिया की हलचल से आपका रूबरू होना जरूरी होता है। इसके अलावा आप जो भी बात कहें उसके हर पहलू से आपको अवगत होना चाहिए।
– अगर इंटरव्यू बोर्ड में से कोई सदस्य आपके जवाब पर काउंटर कर दें तो आप क्या कहेंगे। हर पहलू के बारे में सोचना चाहिए। हर विषय को गंभीरता से लेने और समझने की जरूरत होती है।
– कॉन्फिडेंस, नॉर्मल और नेचुरल होना चाहिए।
– इंटरव्यू में आपके अंदर से एक ईमानदार आदमी की झलक दिखनी चाहिए।
– थोड़ी बहुत इंग्लिश आनी चाहिए’
उन्होंने कहा कि ऐसा कहना गलत है कि UPSC का CSAT पैटर्न आर्ट्स वालों के खिलाफ है या साइंस वालों की मदद करता है। क्वेश्चन पेपर के स्टैंडर्ड को देखना जरूरी है। आमतौर पर CSAT जैसे प्रश्न बैंक समेत अन्य बहुत सी सरकारी नौकरी की प्रतियोगी परीक्षाओं में पूछे जाते हैं। ये लॉजिकल क्वेश्चन होते हैं। आईएएस परीक्षा में बैठ रहे हैं तो आपका कॉम्प्रिहेंशन टेस्ट किया जा रहा है। कॉम्प्रिहेंशन तो आर्ट्स व साइंस दोनों स्ट्रीम के स्टूडेंट्स कर सकते हैं। रीजनिंग के सवाल सभी को आने चाहिए। ये मुश्किल क्वेश्चन नहीं होते। बहुत सारी कमिटीज ने गहन विचार-विमर्श के बाद सीसैट की सिफारिश की थी। आईएएस बनना चाह रहे युवाओं को थोड़ी बहुत इंग्लिश आनी चाहिए। ग्लोबलाइजेशन के दौर में इंग्लिश का आना जरूरी है।
– ‘हमें यंग और एनर्जी से भरपूर ऑफिसर चाहिए’
1974 बैच झारखंड कैडर के IAS ऑफिसर दीपक गुप्ता का कहना है कि अधिकतर स्टेक होल्डर्स मानते हैं कि सिविल सेवा परीक्षा की अधिकतम आयु सीमा कम होनी चाहिए। हमें सिविल सेवाओं में यंग लोग चाहिए। चाहिए वह किसी भी वर्ग या तबके के हों। हम क्यों नहीं चाहेंगे तो कि एससी, एसटी, ओबीसी वर्ग के यंग लोग सिविल सेवा में आएं। हर कैटेगरी के हमें यंग ऑफिसर चाहिए। हम चाहते हैं कि टाइम से वह प्रमोट होते हुए हर टॉप पॉजिशन तक पहुंचे। हमें फ्रेश, एनर्जी ये भरपूर युवा सिविल सेवा अधिकारी चाहिए। युवा ही सबसे ज्यादा चेंज एजेंट्स होते हैं।
– सिविल सेवाओं में भी चुनौती
एक कोचिंग संस्थान के छात्रों से बातचीत करते हुए दीपक गुप्ता ने कहा कि अभ्यर्थियों को सिविल सेवाओं की चुनौतियों के लिए तैयार रहना चाहिए। ऐसा नहीं है कि देश की सर्वोच्च सिविल सेवा में चुनौतियां नहीं हैं। और चुनौतियों के बगैर जीवन भी क्या है! ये बात उन्होंने एक छात्र के प्रश्न के जवाब में कही। छात्र ने पूछा था कि बहुत से सिविल अधिकारियों को बार-बार तबादलों का सामना करना पड़ता है। इससे यूपीएससी की तैयारी कर रहे युवा हतोत्साहित होते हैं।
दीपक गुप्ता ने सेंट स्टीफन कॉलेज से मास्टर और जेएनयू से इंटरनेशनल रिलेशन में एमफिल किया हुआ है। 2011 में मिनिस्ट्री ऑफ रिन्यूवल एनर्जी (MNRE) में सेक्रेटरी पद से रिटायर होने के बाद वह कंसल्टेंट के तौर पर वर्ल्ड बैंक व UNIDO. में भी रहे। वर्तमान में वह NSEF के महानिदेशक हैं।
हर वर्ष यूपीएससी सिविल सेवा परीक्षा तीन चरणों — प्रारंभिक, मुख्य परीक्षा और साक्षात्कार– में आयोजित की जाती है। इसके जरिए भारतीय प्रशासनिक सेवा (आईएएस), भारतीय पुलिस सेवा (आईपीएस) और भारतीय विदेश सेवा (आईएफएस) सहित अन्य सेवाओं के लिए चयन किया जाता है।