IAS Success Story: 10वीं-12वीं में फेल होने के बाद कौन सोच सकता है कि वह IAS भी बन सकता है, लेकिन एक महिला IAS ऐसी भी हैं जिन्होंने ये कारनामा कर दिखाया.
IAS Officer Success Story: UPSC की परीक्षा पास करना कोई बच्चों का खेल नहीं होता है, क्योंकि इस परीक्षा के लिए लाखों उम्मीदवार तैयारी करते हैं और उसमें से लगभग 500 से 1500 उम्मीदवारों को ही सफलता हासिल होती है. इस परीक्षा में इतने पड़ाव रहते हैं कि इसमें मेहनत करने के साथ आपके पास धैर्य भी होना चाहिए. इस परीक्षा को देश की सबसे कठिन परीक्षाओं में से एक माना जाता है. ऐसे ही आज हम आपको एक ऐसे आईएएस अधिकारी के बारे में बताएंगे जो कक्षा 10वीं-12वीं में फेल हो गईं थीं , लेकिन एक बार में ही उन्होंने IAS परीक्षा पास कर ली.
कक्षा 12वीं में हो गईं थीं फेल
आईएएस अंजू शर्मा (Anju Sharma) कक्षा 12वीं में अर्थशास्त्र के पेपर में फेल हो गई थीं और 10वीं में प्री-बोर्ड परीक्षा में फेल हो गई थीं. आपको बता दें कि बाकि के विषयों में उन्हें डिस्टिंक्शन मिली थी. अंजू शर्मा ने बताया है कि आपको लोग सफलता के लिए याद करते हैं न कि असफलताओं के लिए नहीं. वे बताती हैं कि जीवन की इस घटना ने उनके भविष्य को आकार दिया है. वे बताती है कि प्री-बोर्ड परीक्षा में मेरे पास पढ़ने के लिए बहुत सारे चैप्टर्स थे और खाने के बाद मुझे पढ़ाई करनी थी, उस समय, मैं घबराने लगी क्योंकि मैंने तैयारी नहीं हुई थी और मैं जानती थी कि मैं फेल होने वाली हूं. ऐसे में मुझे सभी लोगों ने समझाया कि कक्षा 10वीं के रिजल्ट के आधार पर ही आगे कि पढ़ाई निर्धारित होती है.
मां ने इस तरह किया सपोर्ट
उस कठिन दौर में, उनकी मां ने उन्हें सांत्वना दी और प्रेरित करती रही. वे बताती है कि इस समय उन्होंने सबक भी सीखा कि पढ़ाई के लिए आखिरी समय पर निर्भर नहीं रहना चाहिए. बस इसके बाद उन्होंने कॉलेज में पहले से ही तैयारी शुरू कर दी और अपने कॉलेज में स्वर्ण पदक विजेता बनीं. आपको बता दें कि उन्होंने जयपुर से बीएससी (B.Sc.) और एमबीए (MBA) पूरा किया. इसी रणनीति के तहत उन्होंने पहले प्रयास में ही यूपीएससी परीक्षा (UPSC Exam) पास की ली. उन्होंने सिलेबस पहले से ही पूरा कर लिया था और इस तरह वे आईएएस टॉपर्स (IAS Toppers) की सूची में शामिल हो गईं.
अभी किस पद पर हैं IAS अंजू शर्मा?
वे गुजरात कैडर की आईएएस अधिकारी हैं. उन्होंने 1991 में राजकोट से अपने करियर की शुरुआत की. उस समय वे सहायक कलेक्टर बनी थी. फिलहाल वे शिक्षा विभाग (उच्च और तकनीकी शिक्षा), सचिवालय, गांधीनगर में प्रधान सचिव हैं. वे गांधीनगर में जिला कलेक्टर भी रह चुकी हैं.