हम सभी ने सिविल सेवा परीक्षा (सामान्य रूप में आईएएस परीक्षा) की तैयारी को लेकर कई मिथक प्रश्नों को सुना है। इनमें से कई प्रश्न इस परीक्षा की तैयारी शुरू करने वाले अभ्यर्थियों को भयभीत करते हैं तो कई अनुभवी अभ्यर्थियों को भी परेशान कर देते हैं।
चलिये कुछ प्रश्नों के माध्यम से अभ्यर्थियों को इन मिथकों से दूर रखते हुए उनका ध्यान परीक्षा पर केन्द्रित करने का प्रयास करते हैं।
👉कुछ लोग कहते हैं सिविल सेवा परीक्षा में सफल होने के लिये प्रतिदिन 16-18 घंटे अध्ययन करना आवश्यक है?
देखिये सबसे पहली बात सिविल सेवा परीक्षा सामान्यत: तीन चरणों (प्रारंभिक, मुख्य परीक्षा एवं साक्षात्कार) में आयोजित की जाती है, जिनमें प्रत्येक चरण की प्रकृति एवं रणनीति अलग-अलग होती हैं।
ऐसे में यह कहना कि इस परीक्षा में सफल होने के लिये आपको प्रतिदिन 16-18 घंटे अध्ययन करना आवश्यक है,ये पूर्णत: सही नहीं है।
सफलता, पढ़ाई के घंटों के अलावा अन्य पहलुओं पर भी निर्भर करती है। सभी अभ्यर्थियों की क्षमताओं में अंतर होना स्वाभाविक है, हो सकता है किसी विषय को कोई अभ्यर्थी जल्दी समझ ले और कोई देर में, फिर भी अगर कोई अभ्यर्थी कुशल मार्गदर्शन में नियमित रूप से 8 घंटे पढ़ाई करता है तो उसके सफल होने की संभावना बढ़ जाती है।
👉कुछ लोग कहते हैं कि यह परीक्षा एक बड़े महासागर के समान है और इसमें प्रश्न पाठ्यक्रम से बाहर से भी पूछे जाते हैं। कुछ तो यह भी कहते हैं कि इसमें प्रश्न ऐसे पूछे जाते हैं जो अभ्यर्थियों की समझ से बाहर होते हैं?
यह बिल्कुल गलत है। यूपीएससी अपने पाठ्यक्रम पर दृढ़ है। हाँ ऐसा होता है कि कुछ प्रश्न देखने के बाद ऐसा प्रतीत होता है कि हम पहली बार देख रहे है। ये पाठ्यक्रम से बाहर पूछे गए हैं, जबकि ऐसा नहीं होता है वे किसी-न-किसी शीर्षक से संबंधित रहते हैं। आपको इस प्रकार की मिथक बातों पर ध्यान नहीं देना चाहिये। यूपीएससी के वेबसाइट पर जाइए आपको वहा साफ साफ अक्षरों में लिखा हुआ मिल जाएगा की यूपीएससी का उद्देश्य योग्य अभ्यर्थियों का चयन करना है न कि अभ्यर्थियों से अनावश्यक प्रश्न पूछकर उन्हें परेशान करना।
👉वैकल्पिक विषयों के चयन में माध्यम का क्या प्रभाव पड़ता है? कुछ लोगों का मानना है कि हिंदी माध्यम की तुलना में अंग्रेज़ी माध्यम के अभ्यर्थी ज़्यादा अंक प्राप्त करते हैं?
यह पूर्णत: सही नहीं है। किसी विषय में अच्छे अंक प्राप्त करना उम्मीदवार की उस विषय में रुचि, उसकी व्यापक समझ, स्तरीय पाठ्य सामग्री की उपलब्धता, अच्छी लेखन शैली एवं समय प्रबंधन इत्यादि पर निर्भर करता है। अभ्यर्थी को उसी विषय का चयन वैकल्पिक विषय के रूप में करना चाहिये जिसमें वह सहज हो।
हिंदी माध्यम के अभ्यर्थी उन्हीं विषयों या प्रश्नपत्रों में अच्छे अंक (यानी अंग्रेज़ी माध्यम के गंभीर उम्मीदवारों के बराबर या उनसे अधिक अंक) प्राप्त कर सकते हैं जिनमें तकनीकी शब्दावली का प्रयोग कम या नहीं के बराबर होता हो और जिन विषयों पर पुस्तकें हिंदी में उपलब्ध हों।
👉वैकल्पिक विषयों का चयन कैसे करें? कुछ लोगों का मानना है कि ऐसे विषय का चयन करना चाहिये जिसका पाठ्यक्रम अन्य विषयों की तुलना में छोटा हो और जो सामान्य अध्ययन में भी मदद करता हो?
दरअसल, वैकल्पिक विषय का चयन ही वह निर्णय है जिस पर किसी उम्मीदवार की सफलता सबसे ज़्यादा निर्भर होता है। विषय चयन का असली आधार सिर्फ यही है कि वह विषय आपके माध्यम में कितना ‘ स्कोरिंग’ है?
विषय छोटा है या बड़ा, वह सामान्य अध्ययन में मदद करता है या नहीं, ये सभी आधार गलत हैं। अगर विषय छोटा भी हो और सामान्य अध्ययन में मदद भी करता हो किंतु दूसरे विषय की तुलना में 50 अंक कम दिलवाता हो तो उसे चुनना निश्चित तौर पर गलत है। आपको ये बात नहीं भूलना चाहिए कि आपका चयन अंततः आपके अंकों से ही होता है, इधर-उधर के तर्कों से नहीं।
👉कुछ लोग कहते हैं कि आईएएस की नियुक्ति में भ्रष्टाचार होता है?
यह आरोप गलत है। यह पूरी परीक्षा इतनी निष्पक्ष है कि आप इस पर आँख बंद करके विश्वास कर सकते हैं। परीक्षा के संचालन के तरीके में गलतियां हो सकती है लेकिन सिविल सेवा अधिकारियों की नियुक्ति में भ्रष्टाचार नहीं होता है। इनकी नियुक्तियाँ निष्पक्ष होती हैं। आप इस पर विश्वास कर सकते हैं।
👉लाखों अभ्यर्थी इस परीक्षा में भाग लेते हैं जबकि कुछ मेधावी अभ्यर्थी ही आईएएस बनते हैं। क्या मै ये परीक्षा पास कर सकता हूँ या सकती हूँ?
इस सवाल को लेकर आपको परेशान होने की आवश्यकता नहीं है, यद्यपि इस परीक्षा के लिये लाखों अभ्यर्थी आवेदन करते हैं और इस परीक्षा में सम्मिलित होते हैं, परन्तु वास्तविक प्रतिस्पर्द्धा केवल 8-10 हज़ार गंभीर अभ्यर्थियों के बीच ही होती है। ये वे अभ्यर्थी होते हैं जो व्यवस्थित ढंग से और लगातार अध्ययन करते हैं और इस परीक्षा में सफल होते हैं। यदि आप भी ऐसा ही करते हैं तो आप भी उन सभी में से एक हो सकते हैं। तैयारी आरंभ करने से पहले ही आपको भयभीत नहीं होना है। आपको इस दौड़ में शामिल होना चाहिये तथा इसे जीतने के लिये कड़ी मेहनत करनी चाहिये। याद रखें
ये सवाल पूछना और इनका जवाब लिखने का मेरा उद्देश्य सिर्फ इतना है कि आप दूसरो की बातो पर मत ध्यान दीजिए कि क्या सही है और क्या गलत।
आप अपने सवालों के जवाब खुद ढूढने की कोशिश कीजिए। कही सुनी बातो पर विश्वास करना आपको, सिर्फ अपने लक्ष्य से दूर ले जा सकता है।