UPSC NOTES HINDI:भारतीय उपमहाद्वीप की राजनीतिक जमीन पर ब्रिटिश आधिपत्य की इमारत स्थापित करने की प्रक्रिया के क्रम में ‘नींव का पत्थर’ रॉबर्ट क्लाइव ने रखा।” व्याख्या करें।

“भारतीय उपमहाद्वीप में ब्रिटिश आधिपत्य की नींव रॉबर्ट क्लाइव ने रखी” – व्याख्या: UPSC NOTES HINDI यह कथन इस बात...

“भारतीय उपमहाद्वीप में ब्रिटिश आधिपत्य की नींव रॉबर्ट क्लाइव ने रखी” – व्याख्या: UPSC NOTES HINDI

यह कथन इस बात पर प्रकाश डालता है कि 18वीं शताब्दी के मध्य में रॉबर्ट क्लाइव द्वारा किए गए कार्यों ने भारत में ब्रिटिश साम्राज्य की स्थापना में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। आरंभ में ईस्ट इंडिया कंपनी भारत में अपने व्यापारिक हितों की सुरक्षा एवं अधिकतम लाभ प्राप्ति के उद्देश्य हेतु विभिन्न शहरों में स्वयं को अन्य यूरोपीय व्यापारिक शक्तियों के बनस्त मजबूत करने में लगी रही। किंतु, प्लासी के युद्ध, तृतीय कर्नाटक युद्ध और बक्सर युद्ध के पश्चात् यह अंग्रेजी कंपनी भारतीय उपमहाद्वीप विशेषकर उत्तरी भारत की सबसे बड़ी शक्ति बनकर उभरी। कालान्तर में आंग्ल-मराठा, आंग्ल-सिख व आंग्ल-मैसूर युद्धों को जीतकर अंग्रेजों ने भारतीय उपमहाद्वीप के अधिकतर भू-भाग पर अपना आधिपत्य स्थापित किया। परंतु, भारतीय उपमहाद्वीप में ब्रिटिश आधिपत्य की नींव ईस्ट इंडिया कंपनी के अधिकारी रॉबर्ट क्लाइव ने रखी थी।

UPSC NOTES HINDI उनके योगदानों में शामिल हैं:

  • प्लासी का युद्ध (1757): क्लाइव ने बंगाल के नवाब सिराज-उद-दौला को हराकर, जिसके परिणामस्वरूप ईस्ट इंडिया कंपनी को बंगाल में भारी राजनीतिक और आर्थिक प्रभाव प्राप्त हुआ।
  • द्वैध शासन (1765): क्लाइव ने बंगाल में द्वैध शासन की स्थापना की, जिसमें कंपनी ने राजस्व वसूली का अधिकार प्राप्त कर लिया, जबकि प्रशासनिक शक्तियां नवाब के पास रहीं।
  • राजनीतिक गठबंधन: क्लाइव ने विभिन्न भारतीय शासकों के साथ गठबंधन बनाकर अपनी स्थिति को मजबूत किया, जिससे ‘फूट डालो और शासन करो’ की नीति को बढ़ावा मिला।
  • सैन्य विस्तार: क्लाइव ने कंपनी की सैन्य शक्ति का विस्तार किया, जिससे अंग्रेजों को अपनी स्थिति को मजबूत करने और विरोधियों को कुचलने में मदद मिली।

UPSC NOTES HINDI इन कारकों के परिणामस्वरूप

  • ब्रिटिश ईस्ट इंडिया कंपनी बंगाल में एक प्रमुख शक्ति बन गई।
  • इसने पूरे भारत में कंपनी के विस्तार की नींव रखी।
  • यह ब्रिटिश साम्राज्य के उदय की शुरुआत का प्रतीक था जिसने 200 वर्षों से अधिक समय तक भारत पर शासन किया।

यह ध्यान रखना महत्वपूर्ण है कि क्लाइव के कार्यों को अक्सर विवादास्पद माना जाता है।

  • उनकी आलोचना अक्सर भारतीय शासकों के साथ धोखाधड़ी और अन्यायपूर्ण व्यवहार करने के लिए की जाती है।
  • उन्हें भारी भ्रष्टाचार और लूटपाट का दोषी भी ठहराया जाता है।

निष्कर्ष:

हालांकि, रॉबर्ट क्लाइव की भूमिका जटिल और विवादास्पद है, यह निर्विवाद है कि उनके कार्यों ने भारत में ब्रिटिश शासन की नींव रखने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। इस प्रकार, यह कहना कि भारतीय उपमहाद्वीप की राजनीतिक जमीन पर आधिपत्य की इमारत स्थापित करने की प्रक्रिया के क्रम में नींव का पत्थर रॉबर्ट क्लाइव ने रखा, कोई अतिश्योक्ति नहीं होगा।

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