UPSC NOTES:क्या आप मानते हैं कि राजनीति ने हमारे जीवन और हमारी सोच को दूषित किया है? अपना मत तर्क सहित प्रकट करें।

UPSC NOTES:राजनीति और समाज पर उसका प्रभाव: जीवन और सोच पर प्रभाव

राजनीति हमारे जीवन का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है, क्योंकि यह समाज के शासन, नीतियों और संसाधनों के प्रबंधन को नियंत्रित करती है। लेकिन यह कहना कि राजनीति ने हमारे जीवन और सोच को पूरी तरह दूषित कर दिया है, एक पक्षपाती दृष्टिकोण हो सकता है। राजनीति का प्रभाव नकारात्मक और सकारात्मक, दोनों रूपों में देखा जा सकता है।

नकारात्मक पक्ष यह है कि कई बार राजनीति का उद्देश्य लोकहित से हटकर निजी स्वार्थ और सत्ता प्राप्ति तक सीमित हो जाता है। जातिवाद, सांप्रदायिकता और विभाजनकारी नीतियां राजनीति के दूषित स्वरूप को उजागर करती हैं। इससे समाज में वैमनस्य बढ़ता है और हमारी सोच सीमित होकर एक निश्चित ढांचे में बंध जाती है। भ्रष्टाचार, वादाखिलाफी और शक्ति के दुरुपयोग ने राजनीति को आम जनता के प्रति अविश्वसनीय बना दिया है। इस प्रकार, राजनीति ने हमारे दृष्टिकोण को संकीर्ण और आत्मकेंद्रित बनाने में भूमिका निभाई है।

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दूसरी ओर, राजनीति का सकारात्मक पहलू यह है कि यह सामाजिक विकास और कल्याण का मार्ग प्रशस्त करती है। स्वतंत्रता संग्राम, सामाजिक सुधार, शिक्षा का अधिकार, और महिलाओं के सशक्तिकरण जैसे आंदोलनों ने राजनीति के सकारात्मक योगदान को सिद्ध किया है। यह जनता को उनकी शक्ति और अधिकारों के प्रति जागरूक बनाती है।

इसलिए, यह कहना उचित होगा कि राजनीति अपने आप में दूषित नहीं है; बल्कि, यह इसे संचालित करने वाले व्यक्तियों और उनकी नीतियों पर निर्भर करता है। यदि राजनीति को नैतिकता और पारदर्शिता के साथ संचालित किया जाए, तो यह समाज को सुधारने और प्रगति की दिशा में ले जाने का सशक्त माध्यम बन सकती है। सोच और जीवन को दूषित करना या सुधारना, दोनों हमारे विवेक और राजनीतिक भागीदारी पर निर्भर करता है।

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