UPSC HINDI NOTES:भारत में आपदा प्रबंधन की बढ़ती आवश्यकता पर प्रकाश डालिए। साथ ही, आपदा प्रबंधन में इसरो (ISRO) के योगदान की विवेचना कीजिये।

आपदा एक प्राकृतिक या मानव निर्मित जोखिम का ‘प्रभाव’ है, जो समाज एवं पर्यावरण को बड़े स्तर पर नकारात्मक रूप से प्रभावित करता है। सूखा, बाढ़, चक्रवाती तूफान, भूकंप, भूस्खलन, वनों में लगने वाली आग, टिड्डी दल और ज्वालामुखी फटने की घटनाएँ ‘आपदा’ का स्वरूप ले लेती हैं।

एक सक्षम आपदा प्रबंधन प्रणाली द्वारा विभिन्न आपदाओं से होने वाली क्षति से काफी हद तक बचा जा सकता है। कम-से-कम जनहानि को तो न्यूनतम या शून्य किया ही जा सकता है। भारतीय उपमहाद्वीप की भौगोलिक एवं पर्यावरणीय स्थिति ऐसी है कि यहाँ विभिन्न प्रकार की आपदाओं के घटित होने की संभावनाओं को नकारा नहीं जा सकता। यथा-

  • भारतीय उपमहाद्वीप का लगभग 60 प्रतिशत भू-भाग भूकंप संभावित क्षेत्र के अंतर्गत आता है।
  • विश्व के लगभग 10 प्रतिशत चक्रवातों के प्रभाव क्षेत्र में भारत आता है।
  • भारत की लगभग 68 प्रतिशत कृषि योग्य भूमि ‘सूखे’ के लिये अत्यन्त संवेदनशील है।
  • हिमालय क्षेत्र एवं पश्चिमी घाट में मानवीय हस्तक्षेपों से भूस्खलन की घटनाएँ बढ़ी हैं।
  • एक बहुत बड़ा क्षेत्र बाढ़ से प्रभावित रहता है।
  • शुष्क पर्णपाती एवं पर्णपाती वनों में आग लगने की घटनाएँ बार-बार होना।

भारत में बढ़ती जनसंख्या की आवश्यकताओं के कारण भी पर्यावरण में मानवीय हस्तक्षेप बढ़ने से विभिन्न प्रकार की आपदाओं की बारम्बारता बढ़ी है। अतः एक कुशल, प्रभावी, एवं मजबूत आपदा प्रबंधन प्रणाली की सक्रियता आज की आवश्यकता है।

UPSC:आपदा प्रबंधन में इसरो (ISRO) का योगदान:

भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) आपदा प्रबंधन में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है। ISRO के योगदानों में निम्नलिखित शामिल हैं:

  • उपग्रह डेटा और सूचना: ISRO विभिन्न प्रकार के उपग्रहों का संचालन करता है जो आपदाओं से पहले, दौरान और बाद में महत्वपूर्ण डेटा और सूचना प्रदान करते हैं। इस डेटा का उपयोग आपदाओं का आकलन करने, राहत कार्यों को प्राथमिकता देने और प्रभावित क्षेत्रों की निगरानी करने के लिए किया जाता है।
  • आपदा प्रबंधन प्रणाली: ISRO ने राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्रणाली (NDMS) और आपदा मिटिगेशन सपोर्ट सिस्टम (DMSS) जैसी आपदा प्रबंधन प्रणालियों को विकसित और कार्यान्वित किया है। ये प्रणालियाँ विभिन्न एजेंसियों के बीच समन्वय और सूचना साझाकरण में सुधार करती हैं।
  • संचार और नेविगेशन: ISRO आपदा प्रभावित क्षेत्रों में संचार और नेविगेशन सुविधाएं प्रदान करता है। इससे बचाव और राहत कार्यों में मदद मिलती है।
  • क्षमता निर्माण और प्रशिक्षण: ISRO आपदा प्रबंधन में क्षमता निर्माण और प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित करता है।

ISRO, अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष एजेंसियों के साथ भी सहयोग करता है आपदा प्रबंधन प्रयासों में।

निष्कर्ष:

ISRO भारत में आपदा प्रबंधन के लिए एक महत्वपूर्ण भागीदार है। उपग्रह डेटा, आपदा प्रबंधन प्रणालियों, संचार और नेविगेशन सुविधाओं और क्षमता निर्माण कार्यक्रमों के माध्यम से, ISRO आपदाओं के प्रभाव को कम करने और देश को अधिक आपदा-प्रतिरोधी बनाने में महत्वपूर्ण योगदान देता है।

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