राष्ट्रीय हरित हाइड्रोजन मिशन: भारत का ऊर्जा भविष्य NGHM

राष्ट्रीय हरित हाइड्रोजन मिशन: भारत का ऊर्जा भविष्य

राष्ट्रीय हरित हाइड्रोजन मिशन (एनजीएचएम) भारत सरकार द्वारा शुरू की गई एक महत्वाकांक्षी पहल है जिसका लक्ष्य स्वच्छ ऊर्जा के एक महत्वपूर्ण स्रोत के रूप में हरित हाइड्रोजन को विकसित करना और उसे अपनाना है। यह मिशन 2030 तक 5 गीगावाट (जीडब्ल्यू) और 2050 तक 100 गीगावाट हरित हाइड्रोजन उत्पादन क्षमता हासिल करने का लक्ष्य रखता है।

एनजीएचएम के मुख्य घटक:

  • हरित हाइड्रोजन उत्पादन: नवीकरणीय ऊर्जा स्रोतों जैसे सौर और पवन ऊर्जा का उपयोग करके इलेक्ट्रोलाइसिस के माध्यम से हरित हाइड्रोजन का उत्पादन।
  • हरित हाइड्रोजन भंडारण: हरित हाइड्रोजन को कुशलतापूर्वक भंडारण करने के लिए तकनीकों का विकास।
  • हरित हाइड्रोजन परिवहन: हरित हाइड्रोजन को पाइपलाइन और जहाजों के माध्यम से सुरक्षित और कुशलतापूर्वक परिवहन करने के लिए बुनियादी ढांचे का विकास।
  • हरित हाइड्रोजन अनुप्रयोग: हरित हाइड्रोजन का उपयोग बिजली उत्पादन, उद्योग, परिवहन और अन्य क्षेत्रों में करने के लिए अनुप्रयोगों का विकास।

एनजीएचएम के लाभ:

  • कार्बन उत्सर्जन में कमी: हरित हाइड्रोजन जीवाश्म ईंधन का स्वच्छ विकल्प है, जो जलवायु परिवर्तन से लड़ने में मदद करेगा।
  • ऊर्जा सुरक्षा: हरित हाइड्रोजन भारत को ऊर्जा आयात पर निर्भरता कम करने में मदद करेगा।
  • आर्थिक विकास: हरित हाइड्रोजन अर्थव्यवस्था में नए रोजगार और निवेश के अवसर पैदा करेगा।
  • प्रौद्योगिकी नेतृत्व: भारत हरित हाइड्रोजन प्रौद्योगिकियों में वैश्विक नेता बनने की दिशा में अग्रसर है।
  • राष्ट्रीय हरित हाइड्रोजन मिशन (NGHM) क्या है?
  • भारत ने जनवरी 2023 में राष्ट्रीय हरित हाइड्रोजन मिशन (NGHM) लॉन्च किया।
  • नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा मंत्रालय (MNRE) वर्ष 2030 तक देश में हरित हाइड्रोजन की उत्पादन क्षमता 5 मिलियन टन प्रति वर्ष हासिल करने के लक्ष्य के साथ NGHM को क्रियान्वित कर रहा है।
    • NGHM के अंतर्गत हरित हाइड्रोजन संक्रमण कार्यक्रम हेतु रणनीतिक हस्तक्षेप (SIGHT), इलेक्ट्रोलाइज़र के विनिर्माण और ग्रीन अमोनिया के उत्पादन के लिये प्रोत्साहन प्रदान करता है।
  • NGHM के तहत भारत में हरित हाइड्रोजन पारिस्थितिकी तंत्र विकसित करने के मिशन और कदमों के बारे में जानकारी प्रदान करने के लिये एक समर्पित पोर्टल लॉन्च किया गया।
  • भारत ने इस्पात, परिवहन और शिपिंग क्षेत्रों में ग्रीन हाइड्रोजन के उपयोग के लिये योजना दिशानिर्देश भी जारी किये हैं।
  • विज्ञान और प्रौद्योगिकी विभाग ने भारत में नवाचार को बढ़ावा देने और हरित हाइड्रोजन पारिस्थितिकी तंत्र को बढ़ावा देने के लिये हाइड्रोजन वैली इनोवेशन क्लस्टर की शुरुआत की है।

एनजीएचएम की प्रगति:

  • मिशन को 2023 में ₹19,744 करोड़ के परिव्यय के साथ शुरू किया गया था।
  • भारत ने पहले ही कई हरित हाइड्रोजन उत्पादन परियोजनाओं की घोषणा की है।
  • सरकार हरित हाइड्रोजन अनुसंधान और विकास को बढ़ावा देने के लिए भी काम कर रही है।

एनजीएचएम भारत के ऊर्जा भविष्य के लिए एक महत्वपूर्ण पहल है। यह न केवल देश को स्वच्छ और टिकाऊ ऊर्जा स्रोत प्रदान करने में मदद करेगा, बल्कि अर्थव्यवस्था को भी बढ़ावा देगा और रोजगार के अवसर पैदा करेगा।

यहां कुछ उपयोगी संसाधन दिए गए हैं:

क्या आपके पास राष्ट्रीय हरित हाइड्रोजन मिशन के बारे में कोई अन्य प्रश्न हैं?

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