फ्रांसीसी क्रान्ति के उद्देश्य और उपलब्धि में कोई सामञ्जस्य नहीं था। स्पष्ट करें।

फ्रांसीसी क्रांति के उद्देश्य और उपलब्धियों में विसंगतियां:

फ्रांस की क्रांन्ति  कोई पूर्व-नियोजित क्रान्ति नहीं थी बल्कि यह तो एक स्वतः स्फूर्त्त क्रान्ति थी क्योंकि 1789 ई. में न तो फ्रांस के लोग क्रान्ति चाहते थे और न ही क्रान्ति की कोई तैयारी थी। तथापि, क्रान्ति हुई; लेकिन परिस्थिति-विशेष और नेतृत्व-विशेष में क्रान्ति का उद्देश्य, उसका स्वरूप और उसकी उपलब्धियाँ बदलती गई।

लेकिन क्रांति आगे बढ़ते-बढ़ते अधिक कट्टरपंथी होती गई, जिसके परिणामस्वरूप राजशाही का उन्मूलन, एक गणतंत्र की स्थापना, और “आतंक का शासन” हुआ।

यह क्रांति के मूल उद्देश्यों से काफी हटकर था, जिसके कारण कई क्रांतिकारियों को भी निराशा हुई।

यहां कुछ प्रमुख विसंगतियां दी गई हैं:

1. स्वतंत्रता और समानता:

  • उद्देश्य: क्रांतिकारियों ने सभी नागरिकों के लिए समान अधिकार और स्वतंत्रता की मांग की।
  • उपलब्धि: क्रांति ने कुछ लोगों के लिए स्वतंत्रता और समानता स्थापित की, लेकिन महिलाओं, अल्पसंख्यकों और गरीबों सहित कई समूहों को इससे वंचित रखा गया।

2. राजशाही की शक्ति:

  • उद्देश्य: क्रांतिकारियों ने राजशाही की शक्ति को सीमित करना और एक संवैधानिक राजतंत्र स्थापित करना चाहा।
  • उपलब्धि: क्रांति ने राजशाही को पूरी तरह से समाप्त कर दिया और एक गणतंत्र स्थापित किया।

3. चर्च की शक्ति:

  • उद्देश्य: क्रांतिकारियों ने चर्च की शक्ति को कम करना और धार्मिक स्वतंत्रता स्थापित करना चाहा।
  • उपलब्धि: क्रांति ने चर्च की संपत्ति को जब्त कर लिया और इसे राज्य के नियंत्रण में रख दिया।

4. हिंसा:

  • उद्देश्य: क्रांतिकारियों ने एक अहिंसक क्रांति की शुरुआत की थी।
  • उपलब्धि: क्रांति हिंसक हो गई, जिसके परिणामस्वरूप हजारों लोगों की मौत हुई।

इन विसंगतियों के कई कारण थे:

  • क्रांतिकारियों के बीच विभिन्न विचारधाराएं: क्रांतिकारियों में उदारवादियों, कट्टरपंथियों और गणतंत्रवादियों सहित विभिन्न समूह शामिल थे, जिनके अलग-अलग लक्ष्य थे।
  • परिस्थितियों में बदलाव: क्रांति के दौरान, परिस्थितियां तेजी से बदलती रहीं, जिसके कारण क्रांतिकारियों को अपने लक्ष्यों को बदलना पड़ा।
  • शक्ति संघर्ष: क्रांति के दौरान विभिन्न समूहों के बीच सत्ता के लिए संघर्ष हुआ, जिसके परिणामस्वरूप क्रांति का रास्ता बदल गया।

यह ध्यान रखना महत्वपूर्ण है कि फ्रांसीसी क्रांति एक जटिल और बहुआयामी घटना थी। क्रांति के उद्देश्य और उपलब्धियों में विसंगतियां क्रांति की जटिलता और विभिन्न कारकों को दर्शाती हैं जिन्होंने इसे आकार दिया।

निष्कर्षतः रूस की क्रान्ति (1917) के विपरीत फ्रांसीसी क्रान्ति में उद्देश्य, नेतृत्व और पूर्व योजना के अभाव में कान्ति के स्वरूप और उद्देश्यों में बदलाव आता रहा। इसीलिये फ्रांसीसी क्रान्ति के उद्देश्य और उपलब्धि के बीच सीधा अन्तर्संबंध ढूंढना उचित नहीं होगा।

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