ग्लेशियल लेक आउटबर्स्ट फ्लड (GLOFs) के कारणों पर चर्चा कीजिये। GLOFs से संबंधित जोखिमों को कम करने हेतु क्या उपाय किये जा सकते हैं ?

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ग्लेशियल लेक आउटबर्स्ट फ्लड (GLOFs) के कारण और जोखिम कम करने के उपाय

ग्लेशियल लेक आउटबर्स्ट फ्लड (GLOFs) एक गंभीर प्राकृतिक आपदा है जो ग्लेशियरों के पिघलने से बनने वाली झीलों के अचानक टूटने से होती है। इससे बड़ी मात्रा में पानी का तेजी से प्रवाह होता है, जिससे निचले इलाकों में भारी तबाही होती है।

GLOFs के कारण

  • तापमान में वृद्धि: ग्लोबल वार्मिंग के कारण तापमान में वृद्धि से ग्लेशियर तेजी से पिघल रहे हैं, जिससे ग्लेशियल झीलें बन रही हैं।
  • अवसाद: ग्लेशियरों के पिघलने से निकलने वाले अवसाद झील में जमा हो जाते हैं, जिससे झील का दबाव बढ़ता है।
  • भूकंप और भूस्खलन: भूकंप और भूस्खलन से झील के किनारे टूट सकते हैं, जिससे पानी का बड़ा हिस्सा अचानक निकल जाता है।
  • हिमस्खलन: हिमस्खलन से झील में बड़ी मात्रा में पानी और मलबा गिर सकता है, जिससे झील का जलस्तर बढ़ जाता है।

GLOFs से संबंधित जोखिम कम करने के उपाय

  • निगरानी: ग्लेशियल झीलों की निरंतर निगरानी करना महत्वपूर्ण है ताकि जलस्तर में होने वाले बदलावों को ट्रैक किया जा सके।
  • चेतावनी प्रणाली: एक मजबूत चेतावनी प्रणाली विकसित करना आवश्यक है ताकि खतरे की स्थिति में लोगों को समय से पहले सूचित किया जा सके।
  • जल निकासी: झील के जलस्तर को कम करने के लिए कृत्रिम जल निकासी चैनल बनाए जा सकते हैं।
  • बांधों का निर्माण: झील के किनारे बांधों का निर्माण करके झील के टूटने से होने वाले नुकसान को कम किया जा सकता है।
  • जोखिम वाले क्षेत्रों में बस्तियों को हटाना: उन क्षेत्रों में बस्तियों को हटाना जहां GLOFs का खतरा अधिक होता है।
  • जागरूकता अभियान: लोगों को GLOFs के खतरों के बारे में जागरूक करना।
  • अंतरराष्ट्रीय सहयोग: GLOFs एक वैश्विक समस्या है, इसलिए इसका समाधान करने के लिए अंतरराष्ट्रीय सहयोग आवश्यक है।

निष्कर्ष

GLOFs एक गंभीर खतरा है जिसके लिए व्यापक और समन्वित प्रयासों की आवश्यकता होती है। उपरोक्त उपायों को लागू करके, हम GLOFs से होने वाले नुकसान को कम कर सकते हैं और प्रभावित समुदायों की सुरक्षा सुनिश्चित कर सकते हैं।

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