ऊर्जा संक्रमण सूचकांक 2023 UPSC NOTE

हाल ही में विश्व आर्थिक मंच (WEF) ने अपने ऊर्जा संक्रमण सूचकांक (ETI) में भारत को वैश्विक स्तर पर 67वें स्थान पर...

हाल ही में विश्व आर्थिक मंच (WEF) ने अपने ऊर्जा संक्रमण सूचकांक (ETI) में भारत को वैश्विक स्तर पर 67वें स्थान पर रखा है।

  • सूचकांक के अनुसार, भारत एकमात्र प्रमुख अर्थव्यवस्था है जिसमें सभी आयामों में ऊर्जा परिवर्तन की गति तेज़ देखी गई है और सिंगापुर एकमात्र अन्य प्रमुख देश है जो संतुलित तरीके से स्थिरता, ऊर्जा सुरक्षा और इक्विटी को बढ़ाकर “उचित गति” प्रदर्शित कर रहा है।

नोट: ETI 120 अर्थव्यवस्थाओं के लिये आर्थिक विकास एवं वृद्धि, पर्यावरणीय स्थिरता, ऊर्जा सुरक्षा, अभिगम संकेतकों और सुरक्षित, स्थायी, किफायती तथा समावेशी ऊर्जा प्रणालियों में संक्रमण की उनकी तत्परता के आधार पर ऊर्जा प्रणालियों के वर्तमान प्रदर्शन पर मानदंड सुनिश्चित करता है।

प्रमुख बिन्दु

  • ऊर्जा संक्रमण सूचकांक- 2021 में ‘विश्व आर्थिक मंच’ ने 115 देशों को शामिल किया है। 2021 के सूचकांक में विभिन्न पहलुओं के आधार पर 115 देशों की ऊर्जा प्रणालियों के वर्तमान प्रदर्शन का मूल्यांकन व सर्वेक्षण किया गया है।
  • ऊर्जा संक्रमण सूचकांक- 2021 में 115 देशों की सूची में भारत को 87वां स्थान प्राप्त हुआ है।
  • वहीं इस सूचकांक में स्वीडन पहले स्थान पर जबकि नार्वे और डेनमार्क क्रमश: दूसरे और तीसरे स्थान पर हैं। अगर देखा जाये तो ऊर्जा संक्रमण सूचकांक- 2021 में दुनिया के शीर्ष 10 देशों में पश्चिमी और उत्तरी यूरोप के ही देश हैं।
  • 2021 के इस सूचकांक में बताया गया है कि चीन और भारत की कुल वैश्विक ऊर्जा मांग में सामूहिक रूप से एक तिहाई हिस्सेदारी है। हालांकि इन दोनों ही देशों ने ऊर्जा बास्केट में कोयले की महत्वपूर्ण भूमिका बने रहने के बावजूद, पिछले दशक के मुकाबले ऊर्जा रूपांतरण के क्षेत्र में मजबूत सुधार दर्ज किया है।
  • भारत और चीन ने अपने ऊर्जा बास्केट में नवीकरणीय ऊर्जा को बढ़ाया है।
  • ऊर्जा संक्रमण सूचकांक- 2021 में चीन की रैंक 68 है।
  • गौरतलब है कि ऊर्जा संक्रमण सूचकांक- 2020 में भारत को 74वीं रैंक प्राप्त हुई थी।

ऊर्जा संक्रमण सूचकांक की मुख्य विशेषताएँ:

  • रैंकिंग:
    • इस सूची में स्वीडन शीर्ष पर है और उसके बाद 120 देशों की सूची में शीर्ष पाँच में डेनमार्क, नॉर्वे, फिनलैंड और स्विट्ज़रलैंड हैं।
    • शीर्ष 10 देशों में फ्राँस (7वें) एकमात्र G20 देश था, उसके बाद जर्मनी (11वें), अमेरिका (12वें) और यूनाइटेड किंगडम (13) का स्थान है।
  • वैश्विक दृष्टिकोण:
    • वर्ष 2014 के बाद से वैश्विक औसत ETI स्कोर में 10% की वृद्धि हुई है, लेकिन पिछले तीन वर्षों में न्यूनतम वृद्धि देखी गई है।
    • पिछले दशक में केवल 41 देशों ने लगातार प्रगति प्रदर्शित की है।

भारत की ऊर्जा संक्रमण प्रगति और चिंताएँ:

  • योगदानकर्ता: सार्वभौमिक विद्युत पहुँच, खाना पकाने के आदर्श विकल्प और नवीकरणीय ऊर्जा परिनियोजन ने भारत के प्रदर्शन में सुधार किया है।
    • प्राकृतिक गैस पर कम निर्भरता तथा मौजूदा क्षमताओं के प्रभावी उपयोग से भारत को हाल के ऊर्जा संकट का सामना करने में सहायता प्राप्त हुई।
  • चिंताएँ: वैश्विक ऊर्जा बाज़ार की अस्थिरता मुख्य रूप से कार्बन-सघन ऊर्जा मिश्रण के बीच आयात पर बढ़ती निर्भरता की चुनौतियों में आर्थिक विकास को संतुलित करना तथा बढ़ती कामकाजी उम्र की आबादी के लिये गुणवत्तापूर्ण नौकरियाँ सृजित करना शामिल है।
  • अनुशंसाएँ: दीर्घकालिक ऊर्जा संक्रमण लक्ष्यों को प्राप्त करने के लिये निरंतर गति, प्रभावी नीति प्रबंधन के साथ-साथ साझेदारी महत्त्वपूर्ण है। इसमें समावेशिता सुनिश्चित करते हुए स्वच्छ ऊर्जा निवेश, नवाचार तथा ऊर्जा दक्षता को बढ़ावा देना भी शामिल है।
  • भारत के सफल ऊर्जा संक्रमण के लिये एक कुशल कार्यबल का निर्माण, सार्वजनिक-निजी सहयोग को बढ़ावा देने के साथ कार्बन न्यून प्रौद्योगिकी अनुसंधान तथा विकास में निवेश करना आवश्यक है।

‘विश्व आर्थिक मंच’

  • विश्व आर्थिक मंच, स्विट्ज़रलैंड में स्थित एक गैर-लाभकारी संस्था है। इसका मुख्यालय जिनेवा में है।
  • इसकी स्थापना 1971 में नॉट-फॉर-प्रॉफिट फाउंडेशन के रूप में हुई थी।
  • इसे एक निजी-सार्वजनिक सहयोग के लिए एक अंतर्राष्ट्रीय संस्था के रूप में मान्यता प्राप्त हुई है।
  • इसका मिशन विश्व के व्यवसाय, राजनीति, शैक्षिक और अन्य क्षेत्रों में अग्रणी लोगों को एकसाथ लाकर वैश्विक, क्षेत्रीय और औद्योगिक दिशा तय करना है।
  • विश्व आर्थिक मंच द्वारा प्रकाशित की जाने वाली कुछ अन्य महत्त्वपूर्ण रिपोर्ट व सूचकांक निम्नलिखित हैं-
  • वैश्विक प्रतिस्पर्द्धात्मकता सूचकांक
  • यात्रा और पर्यटन प्रतिस्पर्द्धात्मकता रिपोर्ट
  • वैश्विक सूचना प्रौद्योगिकी रिपोर्ट
  • ग्लोबल जेंडर गैप रिपोर्ट
  • ग्लोबल रिस्क रिपोर्ट

ऊर्जा संक्रमण सूचकांक

  • ऊर्जा संक्रमण सूचकांक  को प्रतिवर्ष ‘विश्व आर्थिक मंच’  द्वारा जारी किया जाता है।
  • इस सूचकांक में वैश्विक स्तर पर विभिन्न देशों की ऊर्जा प्रणाली के प्रदर्शन का मूल्यांकन किया जाता है।
  • ऊर्जा संक्रमण सूचकांक, विभिन्न देशों के ‘नेट-शून्य उत्सर्जन’   की स्थिति का विश्लेषण करता है। उल्लेखनीय है कि ‘नेट-शून्य उत्सर्जन’ का तात्पर्य उस स्थिति से है जब मानव द्वारा उत्सर्जित ‘ग्रीनहाउस गैस’  को वायुमंडल से हटाकर संतुलित कर दिया जाए।

  • About
    teamupsc4u

Leave A Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Last Post

Categories

You May Also Like