UPSC NOTES:अंतरिक्ष मलबा क्या है? पृथ्वी की कक्षा में अंतरिक्ष मलबे की बढ़ती समस्या, अंतरिक्ष अन्वेषण और उपग्रह संचालन पर इसके संभावित प्रभावों पर चर्चा कीजिये।

UPSC NOTES:अंतरिक्ष मलबा, जिसे अंतरिक्ष का कचरा भी कहा जाता है, मानव निर्मित वस्तुएं हैं जो पृथ्वी की कक्षा में छोड़ी जा चुकी हैं और अब किसी उपयोग में नहीं हैं। इसमें निष्क्रिय उपग्रह, रॉकेट के टुकड़े, टूटे हुए उपकरण और मिशन से जुड़े अन्य अवशेष शामिल हैं। यह मलबा पृथ्वी की कक्षा में बहुत तेज गति से घूमता है, जिससे सक्रिय उपग्रहों और अंतरिक्ष यात्रियों की सुरक्षा के लिए गंभीर खतरे उत्पन्न होते हैं।

UPSC NOTES:अंतरिक्ष मलबे की बढ़ती समस्या

पिछले कुछ दशकों में अंतरिक्ष गतिविधियों में वृद्धि हुई है, जिससे मलबे का जमाव भी बढ़ा है। विशेष रूप से निम्न-पृथ्वी कक्षा (LEO) में यह समस्या गंभीर है, क्योंकि यहां अधिकतर उपग्रह, अंतर्राष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन और अन्य उपकरण स्थित हैं। इसके अतिरिक्त, अंतरिक्ष में टक्कर की घटनाएं भी मलबे की मात्रा को बढ़ाती हैं, जैसे 2009 में इरिडियम और कॉस्मोस उपग्रहों की टक्कर, जिसने हजारों टुकड़े पैदा कर दिए थे।

UPSC NOTES:अंतरिक्ष अन्वेषण और उपग्रह संचालन पर संभावित प्रभाव

  1. उपग्रहों की सुरक्षा: अंतरिक्ष मलबा सक्रिय उपग्रहों को नुकसान पहुंचा सकता है। तेज गति से चलने वाला मलबा किसी भी उपग्रह से टकरा सकता है, जिससे संचार, नेविगेशन और मौसम पूर्वानुमान सेवाओं में रुकावटें आ सकती हैं।
  2. अंतरिक्ष स्टेशन और अंतरिक्ष यात्री: अंतर्राष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन (ISS) और उसमें रहने वाले अंतरिक्ष यात्रियों को मलबे से खतरा रहता है। मलबे से बचने के लिए कई बार अंतरिक्ष स्टेशन को कक्षा में मामूली बदलाव करने पड़ते हैं, जो जटिल और महंगे हैं।
  3. कक्षीय स्थान की कमी: अंतरिक्ष मलबा एक अनियंत्रित तरीके से फैलता है, जिससे उपग्रहों और अंतरिक्ष यानों के लिए सुरक्षित कक्षीय पथों की कमी होती जा रही है। इससे नए मिशनों की योजना बनाने और अंतरिक्ष अन्वेषण को सुचारू रूप से संचालित करने में चुनौतियाँ उत्पन्न होती हैं।
  4. केसलर सिंड्रोम: केसलर सिंड्रोम एक ऐसी स्थिति है जिसमें अंतरिक्ष मलबे की वृद्धि एक दुष्चक्र को जन्म देती है। एक मलबे का टुकड़ा अन्य वस्तुओं से टकरा कर अधिक मलबा उत्पन्न करता है, जिससे टकराव की संभावनाएँ बढ़ जाती हैं। यह स्थिति अंतरिक्ष में काम करना अत्यंत कठिन और खतरनाक बना सकती है।
  5. वित्तीय लागत: मलबे के कारण अंतरिक्ष यानों को अपनी कक्षा में सुधार करने के लिए अतिरिक्त ईंधन की आवश्यकता होती है, जिससे मिशन की लागत में वृद्धि होती है। इसके अलावा, टक्कर से हुए नुकसान की मरम्मत और उपग्रहों को बदलने में भी अधिक खर्च होता है।

समाधान और प्रयास

अंतरिक्ष मलबे की समस्या को नियंत्रित करने के लिए कई अंतर्राष्ट्रीय संगठनों ने प्रयास किए हैं। अंतर्राष्ट्रीय मानकों का पालन करते हुए उपग्रहों को उनकी आयु पूरी होने के बाद सुरक्षित रूप से निष्क्रिय किया जा सकता है। नई तकनीकों का विकास भी किया जा रहा है, जैसे कि मलबे को हटाने के लिए रोबोटिक आर्म्स, लेजर तकनीक, और ड्रैग सेल का उपयोग। इसके अतिरिक्त, कई देशों ने कानून बनाए हैं ताकि कक्षा में उपग्रहों और उपकरणों को छोड़े जाने के बाद उनकी जिम्मेदारी तय की जा सके।

निष्कर्ष

अंतरिक्ष मलबा भविष्य में अंतरिक्ष अन्वेषण के लिए एक गंभीर चुनौती बन सकता है। यह न केवल वर्तमान में चल रही अंतरिक्ष गतिविधियों को प्रभावित कर रहा है, बल्कि भविष्य में भी हमारी खोज और संचालन को बाधित कर सकता है। अंतर्राष्ट्रीय सहयोग, जिम्मेदार अंतरिक्ष प्रक्षेपण और मलबा प्रबंधन की नई तकनीकों के माध्यम से ही इस समस्या का समाधान संभव है, ताकि अंतरिक्ष अन्वेषण का क्षेत्र सुरक्षित और स्थायी बना रहे।

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