कर्मचारी राज्य बीमा योजना
कर्मचारी राज्य बीमा भारत के योजना, एकीकृत सामाजिक सुरक्षा के लिए संगठित क्षेत्र के श्रमिकों को सामाजिक सुरक्षा उपलब्ध कराने और आकस्मिकताओं में उनके आश्रितों, जैसे, बीमारी, प्रसूति या मृत्यु और एक रोजगार चोट या व्यावसायिक रोग के कारण विकलांगता अनुरूप योजना है.
हाल ही में केंद्र सरकार द्वारा जारी एक अधिसूचना के अनुसार, 1 नवंबर, 2020 से अरुणाचल प्रदेश में पहली बार कर्मचारी राज्य बीमा योजना [Employees’ State Insurance (ESI) Scheme] की शुरुआत की जाएगी।
कर्मचारी राज्य बीमा अधिनियम 1948 के अधीन सामाजिक सुरक्षा कार्यक्रम कर्मचारी राज्य बीमा योजना का शुभारम्भ तत्कालीन प्रधानमंत्री पं० जवाहर लाल नेहरू के कर-कमलों द्वारा 24 फरवरी, 1952 को कानपुर नगर से हुआ। यह योजना विद्युत तथा गैर विद्युत से चलने वाले प्रतिष्ठानों में कम से कम 10 कामगार कार्य करने वाले कारखानों से उन कर्मचारियों पर लागू है जिनकी मासिक वेतन की अधिकतम सीमा रूपया 15000/- तक है इस योजना से आच्छादित श्रमिकों के वेतन से 1.75 प्रतिशत तथा सेवायोजक से आच्छादित श्रमिकों के वेतन का 4.75 प्रतिशत प्रतिमाह की दर से कर्मचारी राज्य बीमा अंशदान कर्मचारी राज्य बीमा निगम भारत सरकार के खाते में जमा होता है।
- इस योजना को कर्मचारी राज्य बीमा निगम (Employees’ State Insurance Corporation- ESIC) द्वारा संचालित किया जाता है।
- ESIC द्वारा ‘कर्मचारी राज्य बीमा अधिनियम, 1948’ (ईएसआई अधिनियम) के तहत कर्मचारियों को कार्यस्थल पर चोट, बीमारी या मृत्यु के मामलों में उचित चिकित्सा देखभाल और नकद लाभ की एक विस्तृत सामाजिक सुरक्षा लाभ प्रदान की जाती है।
- ESIC द्वारा इस योजना के तहत कामगारों के लगभग 3.49 करोड़ परिवारों को कवर किया जाता है और यह लगभग 13.56 करोड़ लाभार्थियों को नकद लाभ तथा उचित चिकित्सा सुविधा प्रदान करता है।
- वर्तमान में 1520 औषधालयों (मोबाइल औषधालयों) सहित 307 ISM इकाइयों और 159 ESI अस्पतालों, 793 शाखा/वेतन कार्यालयों और 64 क्षेत्रीय तथा उप-क्षेत्रीय कार्यालयों के साथ इसकी अवसंरचना में व्यापक विस्तार हुआ है।
- वर्तमान में ESI योजना देश के सभी राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों (लक्षद्वीप को छोड़कर) के 568 ज़िलों में लागू है।
- ESI योजना के तहत मिलने वाले विभिन्न लाभों के अतिरिक्त इस योजना के तहत आने वाले कर्मचारी बेरोज़गारी भत्ते के भी हकदार होते हैं।
- ESIC द्वारा ‘अटल बीमित व्यक्ति कल्याण योजना’ (ABVKY) और ‘राजीव गांधी श्रमिक कल्याण योजना’ (RGSKY) नामक दो बेरोज़गारी भत्ता योजनाओं का संचालन किया जाता है।
विदेशी मुद्रा भंडार
देश का विदेशी मुद्रा भंडार 16 अक्तूबर 2020 को समाप्त सप्ताह में 3.615 अरब डॉलर बढ़कर 555.12 अरब डॉलर की सर्वकालिक रिकॉर्ड ऊंचाई पर पहुंच गया है। भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) द्वारा जारी आंकड़ों के अनुसार, इससे पूर्व नौ अक्तूबर को समाप्त सप्ताह में देश का विदेशी मुद्रा भंडार 5.867 अरब डॉलर बढ़कर 551.505 अरब डॉलर हो गया था।
देश का विदेशी मुद्रा भंडार 16 अक्तूबर 2020 को समाप्त सप्ताह में 3.615 अरब डॉलर बढ़कर 555.12 अरब डॉलर की सर्वकालिक रिकॉर्ड ऊंचाई पर पहुंच गया है। भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) द्वारा जारी आंकड़ों के अनुसार, इससे पूर्व नौ अक्तूबर को समाप्त सप्ताह में देश का विदेशी मुद्रा भंडार 5.867 अरब डॉलर बढ़कर 551.505 अरब डॉलर हो गया था।
क्या है विदेशी मुद्रा भंडार?
विदेशी मुद्रा भंडार देश के केंद्रीय बैंकों द्वारा रखी गई धनराशि या अन्य परिसंपत्तियां होती हैं, जिनका उपयोग जरूरत पड़ने पर देनदारियों का बुगतान करने में किया जाता है। पर्याप्त विदेशी मुद्रा भंडार एक स्वस्थ अर्थव्यवस्था के लिए काफी महत्वपूर्ण होता है। यह आयात को समर्थन देने के लिए आर्थिक संकट की स्थिति में अर्थव्यवस्था को बहुत आवश्यक मदद उपलब्ध कराता है। इसमें आईएमएफ में विदेशी मुद्रा असेट्स, स्वर्ण भंडार और अन्य रिजर्व शामिल होते हैं, जिनमें से विदेशी मुद्रा असेट्स सोने के बाद सबसे बड़ा हिस्सा रखते हैं।
दक्षिण एशियाई फ्लैश फ्लड गाइडेंस सिस्टम
देश में बाढ़ के खतरे को देखते हुए भारतीय मौसम विभाग में शुक्रवार को फ्लैश बाढ़ चेतावनी प्रणाली (Flash Flood Warning System) लॉन्च की गई है। यह प्रणाली दक्षिण एशियाई देशों के लिए अपनी तरह की पहली प्रणाली है, जो 6-24 घंटे पहले बाढ़ की चेतावनी के लिए अलर्ट जारी कर सकती है। बता दें कि बिना किसी बरसात के तटबंध टूटने या मीलों दूर पहाड़ों में हुई बरसात से अचानक आई ऐसी बाढ़ को फ्लैश फ्लड या आकस्मिक बाढ़ कहा जाता है।
विश्व मौसम विज्ञान संगठन (World Meteorological Organisation- WMO) के आँकड़ों के अनुसार, फ्लैश फ्लड के कारण विश्व भर में हर वर्ष लगभग 5,000 लोगों की मौत हो जाती है।
IMD की पहल के तहत नई दिल्ली में एक समर्पित FFGS केंद्र की स्थापना की जाएगी, जहाँ पर सदस्य देशों से वर्षो से प्राप्त संबंधित डेटा की समीक्षा की जाएगी।
वर्षा और संभावित बाढ़ के अनुमान के आधार पर संबंधित देशों को फ्लैश फ्लड की चेतावनी जारी की जाएगी।
इसके तहत संबंधित देश को राष्ट्रीय मौसम विज्ञान और जल विज्ञान सेवाओं के क्षेत्रीय केंद्र द्वारा फ्लैश फ्लड के खतरे की चेतावनी छह घंटे पहले, जबकि बाढ़ जोखिम की चेतावनी 24 घंटे पहले और जल-विभाजक स्तर के बारे में चेतावनी 12 घंटे पहले जारी की जाएगी।
‘लाइफ इन मिनिएचर’ परियोजना
केंद्रीय संस्कृति और पर्यटन राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) श्री प्रहलाद सिंह पटेल ने “लाइफ इन मिनिएचर” परियोजना की शुरुआत की
“लाइफ इन मिनिएचर”, राष्ट्रीय संग्रहालय, नई दिल्ली और गूगल आर्ट्स एंड कल्चर की संयुक्त परियोजना है
नई दिल्ली स्थित राष्ट्रीय संग्रहालय से सैकड़ों लघु चित्रों को “लाइफ इन मिनिएचर” प्रोजेक्ट के माध्यम से दुनिया भर के लोग ऑनलाइन देख सकते हैं
भारत सरकार के संस्कृति मंत्रालय के अन्तर्गत आने वाला नई दिल्ली स्थित राष्ट्रीय संग्रहालय देश का एक प्रमुख सांस्कृतिक संस्थान है। राष्ट्रीय संग्रहालय में आज की तारीख में भारतीय और विदेशी मूल दोनों की 2,00,000 पुरातन और कला वस्तुएं हैं जो भारतीय और विदेशी दोनों मूल की सांस्कृतिक विरासत को 5,000 से अधिक वर्षों से कवर करता है। वर्तमान महामारी के समय में डिजिटल प्लेटफॉर्म के माध्यम से आगंतुक राष्ट्रीय संग्रहालय से जुड़ रहे हैं।
गूगल आर्ट्स एंड कल्चर के बारे में :
एक क्लिक पर गूगल आर्ट्स एंड कल्चर पर 2,000 से अधिक संग्रहालयों का संग्रह देख सकते हैं। यह कला, इतिहास और दुनिया के अजूबों का पता लगाने का एक शानदार तरीका है। गूगल आर्ट्स एंड कल्चर ऐप आईओएस और एन्ड्रॉइड पर ऑनलाइन मुफ्त उपलब्ध है।‘गूगल आर्ट्स एंड कल्चर’ गूगल (Google) की एक गैर-लाभकारी पहल है, यह विश्व भर में सांस्कृतिक संस्थानों और कलाकारों के साथ मिलकर कार्य करती है।
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