भारतीय इतिहास की कैसे करें तैयारी- सिविल सर्विसेज़ में दाखिल होने के लिए UPSC IAS प्रारंभिक परीक्षा पहली सीढ़ी है। यह एक ऑब्जेक्टिव टाइप परीक्षा होती है और प्रारंभिक परीक्षा में स्कोर किए गए अंकों को अंतिम मेरिट लिस्ट तैयार करते वक़्त जोड़ा नहीं जाता है। IAS मुख्य परीक्षा में बैठने के लिए यह एक अनिवार्य चरण है, जिसमें सफल होने पर ही आप आगे बढ़ सकते हैं।
हर साल लगभग 9 लाख उम्मीदवार सिविल सर्विसीज़ की परीक्षा देते हैं। इनमें से केवल 10,000-12,000 उम्मीदवार ही मुख्य परीक्षा के अगले चरण में पहुंच पाते हैं। ऐसे में यह बहुत ज़रूरी है कि प्रत्येक आकांक्षी प्रारम्भिक परीक्षा को बहुत ही गंभीरता से लें।
भारतीय इतिहास IAS की प्रारम्भिक और प्रमुख परीक्षा दोनों ही चरणों का एक महत्वपूर्ण हिस्सा होता है। जनरल स्टडीज़ में पूछे जाने वाले प्रश्नों की एक बड़ी संख्या भारतीय इतिहास से जुड़े प्रश्नों की होती है। हालांकि, इस लेख में हम केवल IAS प्रारंभिक परीक्षा में पूछे जाने वाले इतिहास से जुड़े सवालों पर चर्चा करने वाले हैं।
इससे पहले की हम आगे बढ़ें, यहाँ प्रारम्भिक परीक्षा में पिछले कुछ वर्षों से पूछे जाने सवालों का एक विश्लेषण दिया जा रहा है। इससे आपको भारतीय इतिहास से संबन्धित अंक विभाजन को समझने में सहायता मिलेगी।
ज़ाहिर है कि 100 में से 15-20 सवाल निरंतर ही कला, संस्कृति और भारतीय इतिहास से पूछे जाते रहे हैं। ये भाग कम से कम 30-40 अंकों का निर्धारण करता है। इसकी तुलना पिछले कुछ वर्षों में जारी की गई कटऑफ से कीजिए।
भारतीय इतिहास एक बड़ा विषय है। समय की जिस कमी का सामना IAS आकांक्षियों को करना पड़ता है, ऐसे में उन्हें निम्नलिखित उपायों को अपनाना चाहिए:
+विषयों को दोहराते रहें।
+अपनी परख करें
+तैयारी करें
+कुछ खास स्रोतों को छांट लीजिए
+विषयों को महत्ता के अनुसार क्रमबद्ध करना
1. विषयों को महत्ता के अनुसार क्रमबद्ध करना:
IAS प्रारंभिक परीक्षा में पूछे जाने वाले अधिकतर प्रश्न आधुनिक भारत की कला और संस्कृति से संबन्धित होते हैं। ऐसा देखा गया है कि मध्यकालीन और प्राचीन भारत का इतिहास, पूछे जाने वाले प्रश्नों का एक बड़ा भाग नहीं होता है।
इसका अर्थ है कि यदि आपको भारतीय इतिहास, आधुनिक भारत (विशेष तौर पर स्वतन्त्रता संघर्ष) में से विषयों को महत्ता के अनुसार क्रम देना है तो कला और संस्कृति को प्राथमिकता दी जानी चाहिए। इसके बाद मध्यकालीन भारत और प्राचीन भारत आते हैं। UPSC की परीक्षाओं का अंदाज़ा लगाना बहुत मुश्किल है। ऐसे में संभव है कि आप कुछ बहुत ही साधारण और स्कोरिंग लायक प्रश्नों के जवाब दे पाने से चूक जाएं, जो मध्यकालीन और प्राचीन भारत से पूछे जाते हैं। इसलिए ऐसा जोखिम न उठाएं।
2. कुछ खास किताबों और स्रोतों को छांट लीजिए:
एक गलती जो लगभग सभी IAS आकांक्षी करते हैं, वो ये कि संबन्धित किताबों और शिक्षा सामग्री की खोज में, अंत में वो अनेकों किताबों के ढेर में खुद को खोया हुआ पाते हैं। जब शीघ्रता से दोहराने की बात हो, तो ऐसे में किसी एक विषय पर बहुत अधिक किताबों और शिक्षा सामग्री का होना कुछ भला करने की बजाय नुकसानदायक साबित हो सकता है।
कुछ चुनिन्दा किताबों और शिक्षा सामग्री से ही अध्ययन करें, और अंत तक उन्हीं किताबों से सहायता लें। अगर आपको अनेकों स्रोतों से जानकारी लेना पसंद है, तो ऐसे आप अपनी भाषा में उन सभी किताबों की सहायता लेते हुए नोट्स तैयार कर सकते हैं। प्रयास करें कि अंत में आपके पास एक ही कॉपी हो, जो भली भांति रेखांकित और हाइलाइटिड हो। ऐसा करने से आपका बहुत सा समय बचेगा।
NCERT की किताबें सभी IAS आकांक्षियों के लिए अनिवार्य हैं। इसके अलावा भी कुछ किताबें हैं, जिनकी मदद ली जा सकती हैं:
भारत का इतिहास
आधुनिक भारत का इतिहास – बिपीन चंद्र
भारत का स्वतन्त्रता संघर्ष – बिपीन चंद्र
आधुनिक भारत का संक्षिप्त इतिहास – स्पेक्ट्रम (इतिहास)
भारत का प्राचीन काल – आरएस शर्मा (प्राचीन भारत के लिए)
मध्यकालीन भारत का इतिहास – सतीश चंद्र (मध्यकालीन भारतीय इतिहास के लिए)
कला और संस्कृति
कक्षा 11 की NCERT (पुरानी) – फ़ाइन आर्ट्स पर टेक्स्ट बुक
3. तैयारी
शिक्षा सामग्री के चयन के बाद आपको तैयारी की शुरुआत करनी है। भारतीय इतिहास को कालक्रम-बद्ध तरीके से पढ़ना हमेशा फायदे का सौदा रहता है। NCERT की किताबें इस चीज़ में आपकी सहायता करती हैं। इन कि
ताबों में भारतीय इतिहास को पूरी कड़ाई के साथ कालक्रम-बद्ध तरीके से लिखा गया है। एक बार आप अपने लिए एक टाइमलाइन तैयार कर ली है, इसके बाद बिपीन चंद्र की भारतीय स्वतन्त्रता का संघर्ष जैसी सहायक पुस्तकों से पढ़ना और समझना आसान हो जाता है।
अक्सर ही इतिहास को एक विषय के तौर पर देखा जाता है, जिसे रटना होता है। जबकी यह इससे कहीं ज्यादा है। ऐसी कई चीज़ें हैं, जिन्हें आप इतिहास को एक अलग नज़रिए से देखने पर बेहतर तरीके से समझते और सराहते हैं। कोशिश करें और इतिहास की हर घटना को बड़े कैनवस पर देखने का प्रयास करते हुए उस घटना को समझें। इसके बाद भी, तथ्यों और तारीखों को याद करने से आप बच नहीं सकते। आपकी तैयारी ऐसी होनी चाहिए कि आपको तारीखें और तथ्य अपनी अंगुलियों पर याद हों और याद करने में आपको ज़रा भी समय न लगे।
4. अपनी परख करें:
किसी एक विशेष सेक्शन या पाठ को पढ़ने के बाद, निश्चित करें कि आपके पास काफी मात्रा में सवाल भी हों। शुरुआत के लिए, आप पिछले वर्षों में पूछे गए प्रश्नपत्रों की सहायता ले सकते हैं। आजकल तो ये मुफ्त में ही उपलब्ध हैं और आप चाहें तो इन्हें बाज़ार से भी खरीद सकते हैं। इससे आपको स्वयं को परखने का मौका मिलता है कि आप एक बार पढ़ने के बाद कितनी चीज़ें याद रख सकते हैं। हर सप्ताह टेस्ट पेपर्स को हल करें। यह बार-बार करें, जिससे कि आप अपनी कमियों में सुधार कर पाएंगे। सवालों को हल करने से पहले उन्हें सावधानीपूर्वक समझें और ऐसा करते हुए आप UPSC द्वारा पूछे गए सवालों की विविधता को समझ पाएंगे। ऐसा करने से आप असल परीक्षा में गलतियां करने से बच पाएंगे।
5. विषयों को दोहराना:
किसी भी चीज़ को दोहराना, सफलता की कुंजी है। सिविल सर्विसेज़ का पाठ्यक्रम अथाह है, जिसमें अनेकों टॉपिक समाए हैं। जब आप तैयारी कर रहे होते हैं तो मुमकिन है कि दूसरे विषय आपके दिमाग से निकल जाएं। इस बात को निश्चित करें कि आप उन विषयों से जुड़े रहें, जिन्हें आप पढ़ चुके हैं और इसका सबसे अच्छा तरीका है कि आप Mock Tests और Revision Cards की मदद लें। अगर आपके पास एक फाइनल कॉपी है, जो अच्छे से रेखांकित और हाइलाइटिड है तो इससे बहुत सा सकारात्मक फर्क पड़ता है। इसकी सहायता से आप एक नज़र में ही सभी महत्वपूर्ण विषयों को दोहरा सकते हैं। जैसे-जैसे प्रारंभिक परीक्षा करीब आता जाता है, प्रयास करें कि आप अधिक से अधिक मॉक टेस्ट को हल करें