भारतीय न्याय संहिता, 2023, भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता, 2023 और भारतीय साक्ष्य विधेयक, 2023 को आगे की जांच के लिए संसदीय पैनल के पास भेजा जाएगा. अमित शाह ने कहा, नए कानून में हमारा लक्ष्य सजा देना नहीं है, बल्कि न्याय दिलाना होगा. शाह ने कहा, प्रधानमंत्री जी ने गत 15 अगस्त को लाल किले की प्राचीर से देश के सामने 5 प्रण रखे थे. उनमें से एक प्रण था कि हम गुलामी की सभी निशानियों को समाप्त कर देंगे. आज मैं जो 3 विधेयक लेकर आया हूं, वो तीनों विधेयक मोदी जी द्वारा लिए गए प्रण में से एक प्रण को पूरा कर रहे हैं.
बिल में नया क्या है…
बिल के मुताबिक, नए कानूनों के माध्यम से कुल 313 परिवर्तन किए गए हैं. सरकार द्वारा आपराधिक न्याय प्रणाली में पूर्ण बदलाव किया गया है. जिन धाराओं में 7 साल से ज्यादा की सजा है, वहां पर फॉरेंसिक टीम सबूत जुटाने पहुंचेगी.
– राजद्रोह की सजा बदली गई है. नए बिल में राजद्रोह का नाम हटा दिया गया है. कुछ बदलावों के साथ धारा 150 के तहत प्रावधान बरकरार रखे गए हैं. प्रस्तावित धारा 150 में राजद्रोह के लिए आजीवन कारावास या तीन साल तक की कैद की सजा हो सकती है.
– 2027 से पहले देश की सभी कोर्ट को कंप्यूटराइज किया जाएगा. किसी भी शख्स को गिरफ्तार किया जाएगा तो उसके परिवार वालों को तुरंत जानकारी दी जाएगी. इसके लिए एक ऐसा पुलिस अधिकारी नियुक्त किया जाएगा.
– 3 साल तक की सजा वाली धाराओं का समरी ट्रायल होगा. इससे मामले की सुनवाई और फैसला जल्द आ जाएगा. चार्ज फ्रेम होने के 30 दिन के भीतर न्यायाधीश को अपना फैसला देना होगा.
– सरकारी कर्मचारी के खिलाफ अगर कोई मामला दर्ज है तो 120 दोनों के अंदर केस चलाने की अनुमति देनी जरूरी है.
– संगठित अपराध में कठोर सजा का प्रावधान किया गया है. मृत्य की सजा को आजीवन कारावास में बदला जा सकता है, लेकिन पूरी तरह बरी करना आसान नहीं होगा.
– राजद्रोह को पूरी तरह से खत्म किया जा रहा है. दोषियों की संपत्ति कुर्क करने का आदेश कोर्ट देगा, ना कि पुलिस अधिकारी.
– सबको 3 साल के अंदर न्याय मिलेगा.
प्रस्तावित नई आईपीसी की धाराएं…
145: भारत सरकार के विरुद्ध युद्ध छेड़ना/युद्ध छेड़ने का प्रयास करना या युद्ध छेड़ने के लिए उकसाना. यह वर्तमान धारा 121 के समान है. 146: युद्ध छेड़ने की साजिश. यह वर्तमान धारा 121ए के समान है. 147: भारत सरकार के विरुद्ध युद्ध छेड़ने के इरादे से हथियार आदि एकत्र करना. यह वर्तमान में धारा 122 के समान है.
राजद्रोह का कानून खत्म होगा. इसकी जगह अब धारा 150 के तहत आरोप तय किए जाएंगे. धारा 150 कहती है- भारत की संप्रभुता, एकता और अखंडता को खतरे में डालने वाले कृत्य.
अध्याय
अनुभागों को कवर किया गया
अपराधों का वर्गीकरण
अध्याय 1
धारा 1 से 5
परिचय
दूसरा अध्याय
धारा 6 से 52
सामान्य स्पष्टीकरण
अध्याय III
धारा 53 से 75
सज़ाओं का
अध्याय चतुर्थ
धारा 76 से 106
सामान्य अपवादनिजी रक्षा का अधिकार (धारा 96 से 106)
अध्याय वी
धारा 107 से 120
उकसाने का
अध्याय वी.ए
धारा 120ए से 120बी
आपराधिक षडयंत्र
अध्याय VI
धारा 121 से 130
राज्य के विरुद्ध अपराधों के बारे में
अध्याय सातवीं
धारा 131 से 140
थल सेना, नौसेना और वायु सेना से संबंधित अपराधों के बारे में
अध्याय आठ
धारा 141 से 160 तक
सार्वजनिक शांति के विरुद्ध अपराध
अध्याय IX
धारा 161 से 171
लोक सेवकों द्वारा या उनसे संबंधित अपराधों के बारे में
अध्याय IXA
धारा 171ए से 171आई
चुनाव से संबंधित अपराधों के बारे में
अध्याय X
धारा 172 से 190 तक
लोक सेवकों के वैध प्राधिकार की अवमानना के संबंध में
अध्याय XI
धारा 191 से 229
झूठे सबूतों और सार्वजनिक न्याय के विरुद्ध अपराधों के बारे में
अध्याय XII
धारा 230 से 263
सिक्के और सरकारी टिकटों से संबंधित अपराध
अध्याय XIII
धारा 264 से 267
वज़न और माप से संबंधित अपराधों के बारे में
अध्याय XIV
धारा 268 से 294
सार्वजनिक स्वास्थ्य, सुरक्षा, सुविधा, शालीनता और नैतिकता को प्रभावित करने वाले अपराध।
अध्याय XV
धारा 295 से 298
धर्म से संबंधित अपराधों के बारे में
अध्याय XVI
धारा 299 से 377
मानव शरीर को प्रभावित करने वाले अपराध.हत्या, गैर इरादतन हत्या सहित जीवन को प्रभावित करने वाले अपराध (धारा 299 से 311)गर्भपात के कारण, अजन्मे बच्चों को चोट पहुँचाने, शिशुओं को उजागर करने और जन्मों को छुपाने के बारे में (धारा 312 से 318)चोट पहुंचाने की (धारा 319 से 338)गलत तरीके से रोकना और गलत तरीके से कारावास में डालना (धारा 339 से 348)आपराधिक बल और हमले की (धारा 349 से 358)अपहरण , अपहरण , दासता और जबरन श्रम (धारा 359 से 374)बलात्कार और सोडोमी सहित यौन अपराध (धारा 375 से 377)
अध्याय XVII
धारा 378 से 462
संपत्ति के विरुद्ध अपराधों काचोरी की (धारा 378 से 382)जबरन वसूली (धारा 383 से 389)लूट और डकैती की (धारा 390 से 402)संपत्ति का आपराधिक दुरुपयोग (धारा 403 से 404)विश्वास का आपराधिक उल्लंघन (धारा 405 से 409)चोरी की संपत्ति प्राप्त करने का (धारा 410 से 414)धोखाधड़ी की (धारा 415 से 420)कपटपूर्ण कार्यों और संपत्ति के निपटान के बारे में (धारा 421 से 424)शरारत की (धारा 425 से 440)आपराधिक अतिचार (धारा 441 से 462)
अध्याय XVIII
धारा 463 से 489-ई
दस्तावेज़ों और संपत्ति चिन्हों से संबंधित अपराधदस्तावेज़ों से संबंधित अपराध (धारा 463 से 477-ए)संपत्ति और अन्य चिह्नों से संबंधित अपराध (धारा 478 से 489)करेंसी नोटों और बैंक नोटों से संबंधित अपराध (धारा 489ए से 489ई)
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