IAS Success Story: न्यूज 18 हिंदी पर आप हर दिन IAS अधिकारियों के संघर्ष की कहानी से रूबरू होते हैं. आज भी एक ऐसी ही युवती की कहानी हम आपको बताएंगे, जिसके घर के आर्थिक हालात बचपन में बेहद खराब थे. यहां तक कि स्कूल जाने की उम्र में पढ़ाई के साथ-साथ उन्हें अपने घर के काम यानी कि पशु-पालन में हाथ बांटना पड़ता था. इस युवती का नाम है सी.वनमती. वनमती खुद भी बचपन में भैंस चराने जाया करती थीं. इन हालातों में भी उन्होंने न केवल पढ़ाई पूरी की बल्कि IAS अफसर बनकर एक मिसाल पेश की है. आइए जानते हैं कैसे बनाया उन्होंने नामुमिकन को मुमिकन.
सी.वनमती केरल के इरोड जिले से ताल्लुक रखती हैं. वह एक बेहद साधारण परिवार से हैं, जिनके यहां पशुओं को पालने का काम होता था. वनमती भी पशुओं को चारा खिलाती थीं. साथ-साथ भैंस चराने जाया करती थीं, लेकिन वो पढ़ने में अच्छी थीं. इसलिए वे अपने घर के हालात पढ़ाई से बदलना चाहती थीं.
12वीं के बाद था शादी का दबाव
12वीं के बाद वनमती पर शादी का दबाव पड़ने लगा था. उनके नाते-रिश्तेदार उनसे शादी करने की बात कहते थे. इसी दौरान उन्होंने गंगा यमुना सरस्वती नाम का सीरियल देखा, जिसमें नायिका IAS ऑफिसर होती है. बस उसके बाद से ही वनमती ने ये तय कर लिया था कि उनको भी IAS अफसर बनना है.
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UPSC की तैयारी शुरू की
आईएएस की तैयारी शुरू करने से पहले वे अपनी पढ़ाई पूरी कर चुकी थीं. उन्होंने कंप्यूटर ऐप्लीकेशन में PG किया फिर घर का खर्चे में मदद करने के लिए एक प्राइवेट बैंक में नौकरी भी कर ली. इसके बाद वे घर में मदद देने लगी थीं, लेकिन वे अपना लक्ष्य नहीं भूलीं. इसलिए उन्होंने यूपीएससी की तैयारी शुरू कर दी.
इंटरव्यू के दिन पिता थे एडमिट
इंटरव्यू से ठीक दो दिन पहले ही सी. वनमती के पिता बीमार हो गए थे. उन्हें अस्पताल में भर्ती कराना पड़ा. अपने पिता की देखभाल करते हुए ही वनमती ने इंटरव्यू दिया.
दूसरी बार में मिली सफलता
वनमती ने जब यूपीएससी परीक्षा की तैयारी की तो पहली बार में उन्हें सफलता नहीं मिली लेकिन फिर भी उन्होंने हार नहीं मानी. वे डटी रहीं. इसका नतीजा ये हुआ कि आखिरकार साल 2015 में उन्हें सफलता मिल ही गई. उन्होंने यूपीएससी परीक्षा क्रैक कर लिया था