21 साल की उम्र में बनीं आईएएस, अब जेल से मिली जमानत: पूजा सिंघल की कहानी
कहते हैं कि मेहनत और लगन से हर सपना पूरा हो सकता है। लेकिन कभी-कभी यही सफलता विवादों में तब्दील हो जाती है। ऐसी ही कहानी है झारखंड कैडर की आईएएस अधिकारी पूजा सिंघल की। पढ़ाई में अव्वल, देश की सबसे कठिन परीक्षा पास करने वाली, और सबसे कम उम्र में आईएएस बनने का रिकॉर्ड अपने नाम करने वाली पूजा सिंघल की जिंदगी में एक समय ऐसा आया जब वह विवादों और घोटालों की वजह से चर्चा में रहीं।
कौन हैं पूजा सिंघल?
पूजा सिंघल का जन्म उत्तराखंड के देहरादून में हुआ। बचपन से ही पढ़ाई में तेज रहीं पूजा ने गढ़वाल विश्वविद्यालय, देहरादून से ग्रेजुएशन किया। उनकी प्रतिभा का अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि उन्होंने कॉलेज से लेकर यूनिवर्सिटी तक हर जगह टॉप किया।
वर्ष 1999 में, उन्होंने संघ लोक सेवा आयोग (UPSC) की सिविल सेवा परीक्षा दी और पहली ही कोशिश में यह कठिन परीक्षा पास कर ली। मात्र 21 साल की उम्र में पूजा सिंघल आईएएस अधिकारी बन गईं, जो अपने आप में एक रिकॉर्ड था। उनकी इस उपलब्धि को ‘लिम्का बुक ऑफ रिकॉर्ड्स’ में भी दर्ज किया गया। साल 2000 में उन्हें झारखंड कैडर आवंटित किया गया और उनकी पहली पोस्टिंग हजारीबाग में हुई।
घोटालों और विवादों में नाम
आईएएस बनने के बाद पूजा सिंघल ने झारखंड के विभिन्न जिलों में अपनी सेवाएं दीं। लेकिन खूंटी जिले की डिप्टी कमिश्नर के रूप में कार्य करते हुए उनका नाम विवादों में आया।
2009 से 2010 के बीच, जब वह खूंटी जिले की डिप्टी कमिश्नर थीं, उन पर मनरेगा फंड से 18 करोड़ रुपये की हेराफेरी का आरोप लगा। इसके बाद चतरा जिले में डिप्टी कमिश्नर के रूप में काम करते हुए भी उन पर मनरेगा फंड में 4 करोड़ रुपये की गड़बड़ी के आरोप लगे।
पलामू जिले में, खदानों के लिए नियमों में ढील देकर जमीन आवंटित करने के आरोप भी पूजा सिंघल पर लगाए गए। इन आरोपों के चलते प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने उनके खिलाफ जांच शुरू की। 11 मई 2022 को ईडी ने उन्हें गिरफ्तार कर लिया और वह पिछले 28 महीनों से जेल में बंद थीं।
जमानत मिलने के बाद फिर सुर्खियों में
लगभग 28 महीने जेल में रहने के बाद, अब ईडी कोर्ट ने पूजा सिंघल को जमानत दे दी है। कोर्ट ने उन्हें 2 लाख रुपये के निजी मुचलके पर जमानत दी है। इस फैसले के बाद वह एक बार फिर से चर्चा में आ गई हैं।
UPSC की तैयारी करने वाले युवाओं के लिए नोट
पूजा सिंघल की कहानी हमें कई सीख देती है। UPSC की तैयारी करने वाले युवाओं के लिए यह जरूरी है कि न केवल सफलता प्राप्त करें, बल्कि उसके साथ नैतिकता और ईमानदारी भी बनाए रखें। UPSC परीक्षा पास करने के बाद भी, एक अधिकारी का सबसे बड़ा गुण उनकी साख और ईमानदारी होती है।
टिप्स:
- फोकस्ड स्टडी प्लान: अपनी तैयारी के लिए एक स्पष्ट योजना बनाएं। टाइम मैनेजमेंट और प्रैक्टिस पर जोर दें।
- नैतिक मूल्यों का पालन करें: सिविल सेवा सिर्फ एक नौकरी नहीं है, बल्कि एक सेवा है। ईमानदारी और पारदर्शिता बनाए रखना जरूरी है।
- सपनों के साथ जिम्मेदारी: आपकी सफलता न केवल आपकी बल्कि समाज की भी होती है।
निष्कर्ष
पूजा सिंघल की कहानी दिखाती है कि सफलता और विवाद दोनों एक साथ आ सकते हैं। एक समय वह UPSC के छात्रों के लिए प्रेरणा थीं, लेकिन घोटालों में नाम आने के बाद वह जेल में बंद रहीं। जमानत मिलने के बाद, यह उनके लिए एक नई शुरुआत का मौका हो सकता है।
UPSC उम्मीदवारों के लिए संदेश:
“सिर्फ परीक्षा पास करना ही सफलता नहीं है। सच्ची सफलता वह है जो आपको और समाज को गर्व महसूस कराए।”
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