अदिति उपाध्याय की सफलता की कहानी हजारों UPSC उम्मीदवारों के लिए प्रेरणा का स्रोत है, जिन्होंने कठिन परिस्थितियों में भी अपने लक्ष्य को हासिल करने का संकल्प लिया। अदिति, जो कि एक डॉक्टर थीं, ने अपने कर्तव्यों के बीच UPSC सिविल सर्विस परीक्षा में 127वीं रैंक हासिल कर IPS बनने का गौरव प्राप्त किया है। आइए उनकी सफलता के इस सफर और संघर्ष को विस्तार से जानें, साथ ही UPSC परीक्षा की तैयारी से जुड़े कुछ महत्वपूर्ण पहलुओं पर नजर डालें।
अदिति उपाध्याय: संघर्ष से सफलता तक का सफर
अदिति उपाध्याय का जन्म और पालन-पोषण वाराणसी में हुआ। उनकी प्रारंभिक शिक्षा वाराणसी में ही हुई और उन्होंने बचपन से ही पढ़ाई में उत्कृष्ट प्रदर्शन किया। स्कूल की पढ़ाई खत्म होने के बाद, अदिति ने डॉक्टर बनने का फैसला किया और बनारस हिंदू यूनिवर्सिटी (BHU) के IMS में BDS (बैचलर इन डेंटल सर्जरी) में दाखिला लिया। यहां से डेंटल सर्जरी की डिग्री प्राप्त कर, वे एक डॉक्टर बनीं और चिकित्सा के क्षेत्र में अपने करियर की शुरुआत की।
UPSC के प्रति प्रेरणा का स्रोत
अदिति के अनुसार, उनके दादा जी ने बचपन से ही उन्हें UPSC सिविल सेवा की तैयारी के लिए प्रेरित किया। हालांकि उन्होंने अपने करियर की शुरुआत डॉक्टरी से की, लेकिन अस्पताल में काम करते हुए उन्होंने महसूस किया कि सिविल सर्विस में जाकर वे समाज में एक सकारात्मक बदलाव ला सकती हैं। इस सोच ने अदिति को डॉक्टर रहते हुए भी UPSC की तैयारी करने के लिए प्रेरित किया।
डॉक्टर की नौकरी के साथ UPSC की तैयारी
अदिति के UPSC की तैयारी का सफर आसान नहीं था, क्योंकि उन्होंने कभी भी ऑफलाइन कोचिंग का सहारा नहीं लिया। अदिति ने अपने व्यस्त चिकित्सा जीवन के बीच रात को ऑनलाइन प्लेटफॉर्म्स से पढ़ाई की। ऑनलाइन अध्ययन ने उन्हें समय का सदुपयोग करते हुए संपूर्ण UPSC सिलेबस को कवर करने में मदद की। उनकी रणनीति और समर्पण का ही परिणाम है कि उन्होंने बिना कोचिंग के इस कठिन परीक्षा में सफलता प्राप्त की।
मेन्स परीक्षा के बाद डॉक्टर की नौकरी छोड़ी
जब अदिति ने UPSC मेन्स परीक्षा में सफलता प्राप्त कर ली, तो उन्होंने इंटरव्यू की तैयारी के लिए पूरी तरह से डॉक्टरी छोड़ दी। उनके अनुसार, इंटरव्यू से पहले उन्होंने हनुमान चालीसा का पाठ किया और विश्वास के साथ परीक्षा भवन में प्रवेश किया। उनका यह विश्वास और समर्पण उन्हें 127वीं रैंक तक लेकर आया और अब वे IPS के रूप में देश की सेवा करने के लिए तैयार हैं।
UPSC परीक्षा: एक संक्षिप्त परिचय
UPSC (Union Public Service Commission) सिविल सेवा परीक्षा भारत में सबसे प्रतिष्ठित परीक्षाओं में से एक है, जो IAS, IPS, IFS, IRS सहित कई सेवाओं के लिए अधिकारियों का चयन करती है। इसे तीन चरणों में आयोजित किया जाता है: प्रारंभिक परीक्षा (Prelims), मुख्य परीक्षा (Mains) और साक्षात्कार (Interview)।
- प्रारंभिक परीक्षा: यह पहला चरण होता है, जिसमें सामान्य अध्ययन (General Studies) और सीसैट (CSAT) पेपर शामिल होते हैं।
- मुख्य परीक्षा: यह चरण लिखित होता है, जिसमें नौ पेपर होते हैं। इनमें निबंध (Essay), सामान्य अध्ययन (General Studies), और वैकल्पिक विषय (Optional Subject) के पेपर शामिल होते हैं।
- साक्षात्कार: यह अंतिम चरण होता है, जिसमें उम्मीदवार की सोच, व्यक्तित्व, और दृष्टिकोण को परखा जाता है।
UPSC की तैयारी के लिए टिप्स
- सिलेबस को समझें: UPSC का सिलेबस बहुत विस्तृत होता है, इसलिए इसकी अच्छी तरह से समझ बनाना जरूरी है।
- समय प्रबंधन करें: अदिति की तरह, उम्मीदवारों को समय प्रबंधन पर विशेष ध्यान देना चाहिए। डॉक्टरी जैसी व्यस्त नौकरी के बीच भी अदिति ने समय का सदुपयोग कर परीक्षा की तैयारी की।
- ऑनलाइन संसाधनों का उपयोग करें: यदि आपके पास कोचिंग के लिए समय नहीं है, तो अदिति की तरह ऑनलाइन संसाधनों का उपयोग करें। कई वेबसाइट्स और यूट्यूब चैनल मुफ्त में गुणवत्ता सामग्री उपलब्ध कराते हैं।
- समर्पण और दृढ़ता रखें: यूपीएससी में सफलता की कुंजी है धैर्य और लगन। अदिति की सफलता का राज़ भी यही है कि उन्होंने कठिनाइयों के बावजूद हार नहीं मानी।
अदिति उपाध्याय की कहानी UPSC सिविल सेवा की कठिनाइयों और संघर्ष के बीच खुद को बनाए रखने और समाज में बदलाव लाने की उनकी दृढ़ इच्छा को दर्शाती है। उनकी सफलता उन लाखों छात्रों को प्रेरित करेगी जो UPSC परीक्षा की तैयारी कर रहे हैं और कठिनाइयों का सामना कर रहे हैं।
यह कहानी उनके जैसे सभी उम्मीदवारों के लिए प्रेरणा है जो समाज में सकारात्मक बदलाव लाना चाहते हैं और देश की सेवा करने का सपना देखते हैं।