बक्सर की बेटी गरिमा लोहिया ने ऑल इंडिया यूपीएससी एग्जाम में दूसरा स्थान हासिल करके जैसे ही सफलता का कीर्तिमान रचा, उनके पास बधाइयों का ताता लग गया। मां के सपनों को साकार करने के लिए घर पर रहकर ही बेटी ने सोशल साइट की मदद से तैयारी करते हुए अपनी सफलता का परचम हर जगह लहरा दिया।
बक्सर, बिहार की रहने वाली गरिमा लोहिया ने ऑल इंडिया यूपीएससी परीक्षा में दूसरा स्थान हासिल करके पूरे देश में अपना नाम रोशन किया है। घर में ही रहकर बिना किसी कोचिंग या संस्थान के सोशल साइट्स के सहारे तैयारी कर गरिमा ने देश के सबसे कठिन परीक्षा को पास किया है।
छोटे से शहर के रहने वाली गरिमा ने सोशल साइट्स की मदद से अपनी तैयारी शुरू की थी और उनकी मां का यह सपना था उनकी बेटी आईएएस अफसर बने और आज उन्हें इसमें सफलता मिली है। गरिमा लोहिया की पिता की मौत साल 2015 में हुई थी और इसके बाद से ही बेटी की सारी जिम्मेदारियों का बोझ मां के कंधों पर आ गया। बेटी के साथ पूरी रात मां भी जागकर बैठी रहती थी।
कोरोना काल मे आई थी घर
बक्सर वुड स्टॉक स्कूल से प्रारंभिक शिक्षा ग्रहण करने के बाद गरिमा लोहिया ने दिल्ली से ग्रेजुएशन की। इसके अलावा कोरोना काल में घर वापस आ गईं। घर पर ही रह कर उन्होंने मां के सपनों को साकार करने के लिए यूपीएससी की तैयारी की और आज पूरे देश में उन्होंने दूसरा स्थान हासिल किया।
पिता के जाने के बाद भी नही मानी हार
अपनी तैयारी में संघर्ष पर बात करते हुए गरिमा लोहिया ने बताया कि साल 2015 में पिता मनोज कुमार लोहिया के निधन के बाद भी उन्होंने हार ना मानकर जुटे रहने का निश्चय किया। उन्होंने कहा कि वह तमाम लड़के लड़कियो से यही कहेंगी कि मन मे ठान लेने के बाद कोई भी बाधा रास्ते की रुकावट नही बन सकती।
उन्होंने बताया कि बिना किसी कोचिंग संस्थान के सहारा लिए खुद से पढ़ाई कर उन्होंने पूरे देश में दूसरा स्थान लाया है। पहले तो उनको यकीन ही नहीं हो रहा था लेकिन जब चार पांच बार उन्होंने अपना नाम रिजल्ट में देखा तब उन्हें इस पर विश्वास हुआ।
बिहार में ही देना चाहती है सेवा
यूपीएससी आईएएस परीक्षा में पूरे देश में परचम लहराने वाली गरिमा ने अपना आगे का इक्षा जाहिर करते हुए कहा कि, वह बिहार के ही किसी छोटे से शहर मैं रहकर वहां के लोगों के लिए काम करना चाहती है।