16 अप्रैल, 2009 को सर्वोच्च न्यायालय ने अपना एक महत्वपूर्ण सुझाव दिया कि सार्वजनिक संपत्ति बरबादी निरोधक अधिनियम में संशोधन किया जाना चाहिए कि प्रदर्शन एवं विरोध के दौरान सार्वजनिक संपत्ति को होने वाले नुकसान के लिए राजनितिक दलों एवं उनके नेताओं को जिम्मेदार ठहराया जाना चाहिए।
सर्वोच्च न्यायालय के तीन न्यायाधीशों की बेंच ने न्यायाधीश के. टी. थामस कमेटी एवं अधिवक्ता फाली नारीमन की अनुशंसाओं को स्वीकार किया एवं सुझाव दिया कि सार्वजनिक संपत्ति को नुकसान पहुंचाने पर कड़े दण्ड का प्रावधान किया जाना चाहिए साथ ही ऐसे अपराध की स्थिति में जमानत संबंधी कठोर प्रावधान होने चाहिए।
गौरतलब है कि राजस्थान में गुज्जर आंदोलन के समय सार्वजनिक संपत्ति के नुकसान पर विचार करते हुए सर्वोच्च न्यायालय ने जस्टिस के.टी. थामस एवं फाली नारीमन की अध्यक्षता में समिति गठित की थी।