dbGENVOC: ओरल कैंसर के जीनोमिक वेरिएंट का डेटाबेस
dbGENVOC: Database of Genomic Variants of Oral Cancer
हाल ही में जैव प्रौद्योगिकी विभाग द्वारा वित्तपोषित स्वायत्त संस्थान नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ बायोमेडिकल जीनोमिक्स (National Institute of Biomedical Genomics- NIBMG) ने ओरल कैंसर/ मुख के कैंसर में जीनोमिक बदलाव पर विश्व का पहला डेटाबेस (dbGENVOC) तैयार किया है।
प्रमुख बिंदु:
dbGENVOC के बारे में:
- डीबीजेनवोक ओरल कैंसर के जीनोमिक वेरिएंट्स का ब्राउज करने योग्य ऑनलाइन डेटाबेस है जिसे संभावित उपयोगकर्त्ताओं को नैदानिक रूप से प्रासंगिक विभिन्न सोमेटिक/दैहिक और जर्मलाइन वेरिएंट डेटा तक पहुंँच प्रदान करने, प्रश्न करने, ब्राउज़ करने और डाउनलोड करने की अनुमति देने के उद्देश्य से विकसित किया गया है।
- सोमेटिक या एक्वायर जीनोमिक वेरिएंट (Somatic or Acquired Genomic Variants) कैंसर का सबसे आम कारण है, जो किसी व्यक्ति के जीवन के दौरान उसकी कोशिका में जीन को नष्ट होने से होता है।
- एक जर्मलाइन वेरिएंट (Germline Variant) युग्मकों (Gametes) में पाया जाता है और गर्भाधान के समय सीधे माता-पिता से बच्चे में जाता है। जर्मलाइन रोगजनक वेरिएंट के कारण होने वाले कैंसर को विरासत में मिला या वंशानुगत कहा जाता है।
- इसे भारत और दक्षिण-पूर्व एशिया के विभिन्न क्षेत्रों में मुख के कैंसर के नए रोगियों के विभिन्न डेटा के साथ वार्षिक तौर पर अपडेट किया जाएगा।
भारत में कैंसर के मामले:
- विश्व कैंसर रिपोर्ट 2020 के अनुसार, भारत में वर्ष 2018 में अनुमानित 1.16 मिलियन नए कैंसर के मामले थे।
- 10 में से 1 भारतीय अपने जीवनकाल में कैंसर से ग्रसित होता है तथा 15 में से 1 की मृत्यु इस बीमारी से होती है।
- भारत में छह सबसे आम प्रकार के कैंसरों में स्तन कैंसर (Breast Cancer), ओरल कैंसर (Oral Cancer), सर्वाइकल कैंसर (Cervical Cancer), फेफड़े का कैंसर (Lung Cancer), पेट का कैंसर (Stomach Cancer) और कोलोरेक्टल कैंसर (Colorectal Cancer) शामिल हैं।
- ओरल कैंसर भारत में पुरुषों में पाया जाने वाला कैंसर का सबसे प्रचलित रूप है जो मुख्य रूप से तंबाकू चबाने के कारण होता है।
अन्य संबंधित पहलें:
- नेशनल कैंसर ग्रिड (National Cancer Grid- NCG): यह संपूर्ण देश में प्रमुख कैंसर केंद्रों, अनुसंधान संस्थानों, रोगी समूहों तथा धर्मार्थ संस्थानों का एक नेटवर्क है, जिसे ऑन्कोलॉजी (कैंसर का अध्ययन), कैंसर की रोकथाम, निदान और उपचार हेतु रोगियों की देखभाल के लिये एक समान मानक स्थापित करने, विशेष प्रशिक्षण एवं शिक्षा प्रदान करने का अधिकार है। यह कैंसर के उपचार में सहयोगी बुनियादी ज़रूरतों के साथ-साथ नैदानिक अनुसंधान की सुविधा प्रदान करता है। इसका गठन अगस्त 2012 में हुआ था।
- राष्ट्रीय जीनोम ग्रिड (National Genomic Grid- NGG): NGG भारत में कैंसर से प्रभावित जीनोमिक कारकों का अध्ययन करने के लिये कैंसर रोगियों के नमूने एकत्र करेगा और इन नमूनों को सत्यापित करेगा।
- ज़िला स्तर की गतिविधियों हेतु राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन (National Health Mission- NHM) के तहत कैंसर, मधुमेह, हृदय रोग और स्ट्रोक की रोकथाम व नियंत्रण के लिये राष्ट्रीय कार्यक्रम (National Programme for Prevention and Control of Cancer, Diabetes, Cardiovascular Diseases and Stroke- NPCDCS) को लागू किया जा रहा है।
राष्ट्रीय मत्स्य किसान दिवस
राष्ट्रीय मत्स्य पालन विकास बोर्ड (National Fisheries Development Board- NFDB) के सहयोग से मत्स्य पालन, पशुपालन और डेयरी मंत्रालय के मत्स्य विभाग द्वारा प्रत्येक वर्ष 10 जुलाई को राष्ट्रीय मत्स्य किसान दिवस (National Fish Farmers’ Day) मनाया जाता है। इस आयोजन का उद्देश्य स्थायी स्टॉक एवं स्वस्थ पारिस्थितिकी तंत्र सुनिश्चित करने के लिये देश के मत्स्य संसाधनों के प्रबंधन के तरीके को बदलने पर ध्यान आकर्षित करना है। यह दिवस मत्स्य किसानों, उद्यमियों, मछुआरों, हितधारकों और मत्स्य पालन में योगदान के लिये मत्स्य पालन से जुड़े किसी अन्य व्यक्ति को सम्मानित करने हेतु मनाया जाता है। यह दिवस वैज्ञानिक डॉ केएच अलीकुन्ही और डॉ एचएल चौधरी की याद में प्रतिवर्ष मनाया जाता है, जिन्होंने जुलाई, 1957 में कार्प मछलियों का प्रेरित प्रजनन का आविष्कार किया था। वर्ष 2021 में 21वाँ राष्ट्रीय मत्स्य किसान दिवस मनाया जा रहा है।
नमक-स्रावित मैंग्रोव प्रजाति
समाचारों में हाल ही में भारत में पहली बार अत्यधिक नमक-सहिष्णु और नमक-स्रावित ट्रू-मैंग्रोव प्रजाति, एविसेनिया मरीना के संदर्भ-ग्रेड पूरे जीनोम अनुक्रम की सूचना मिली थी।
Avicennia marina . के बारे में
एविसेनिया मरीना भारत में सभी मैंग्रोव संरचनाओं में पाई जाने वाली सबसे प्रमुख मैंग्रोव प्रजातियों में से एक है।
यह एक नमक-स्रावित और असाधारण रूप से नमक-सहिष्णु मैंग्रोव प्रजाति है जो 75% समुद्री जल में बेहतर रूप से बढ़ती है और> 250% समुद्री जल को सहन करती है।
यह दुर्लभ पौधों की प्रजातियों में से एक है, जो पत्तियों में नमक ग्रंथियों के माध्यम से 40% नमक का उत्सर्जन कर सकता है, इसके अलावा इसकी जड़ों में नमक के प्रवेश को बाहर करने की असाधारण क्षमता है।
अध्ययन का क्या महत्व है?
- यह अध्ययन इसलिए महत्वपूर्ण है क्योंकि वैश्विक स्तर पर कृषि उत्पादकता सीमित पानी की उपलब्धता और मिट्टी और पानी के लवणीकरण जैसे अजैविक तनाव कारकों के कारण प्रभावित होती है।
- शुष्क क्षेत्रों में फसल उत्पादन के लिए पानी की उपलब्धता एक महत्वपूर्ण चुनौती है।
- वैश्विक स्तर पर ~900 मिलियन हेक्टेयर में लवणता प्रचलित है और इससे 27 बिलियन अमरीकी डालर का वार्षिक नुकसान होने का अनुमान है।
- अध्ययन में उत्पन्न जीनोमिक संसाधन शोधकर्ताओं के लिए तटीय क्षेत्र की महत्वपूर्ण फसल प्रजातियों की सूखा और लवणता सहिष्णु किस्मों के विकास के लिए पहचाने गए जीन की क्षमता का अध्ययन करने का मार्ग प्रशस्त करेंगे जो भारत के लिए महत्वपूर्ण हैं।
मैंग्रोव क्या हैं?
- मैंग्रोव दलदली अंतर्ज्वारीय मुहाना क्षेत्रों में पाई जाने वाली प्रजातियों का एक अनूठा समूह है और कई अनुकूली तंत्रों के माध्यम से उच्च स्तर की लवणता से बचे रहते हैं।
- मैंग्रोव तटीय क्षेत्र के लिए महत्वपूर्ण संसाधन हैं और महान पारिस्थितिक और आर्थिक मूल्य के हैं जैसे:
- लकड़ी के पेड़ों का उत्पादन
- फिन-मछली और शंख के लिए आवास, भोजन और अंडे देने के मैदान का प्रावधान
- पक्षियों और अन्य मूल्यवान जीवों के लिए आवास का प्रावधान
- नई भूमि बनाने के लिए तटरेखाओं की सुरक्षा और तलछट का अभिवृद्धि।
- वे समुद्री और स्थलीय पारिस्थितिक तंत्र के बीच एक कड़ी बनाते हैं, तटरेखाओं की रक्षा करते हैं, और स्थलीय जीवों की एक विविध सरणी के लिए आवास प्रदान करते हैं।
- इंडिया स्टेट ऑफ़ फ़ॉरेस्ट रिपोर्ट, 2017 के अनुसार, भारत में दुनिया की लगभग 3.3% मैंग्रोव वनस्पतियाँ हैं।
भारत और नेपाल
समाचार में भारत और नेपाल के बीच रेल परिवहन को हाल ही में एक बड़ा बढ़ावा मिला है।
- दोनों देशों ने सभी कार्गो ट्रेन ऑपरेटरों को नेपाल के लिए बाध्य सभी कंटेनरों को ले जाने के लिए भारतीय रेलवे नेटवर्क का उपयोग करने के लिए अधिकृत किया।
- भारत और नेपाल के अधिकारियों के बीच विनिमय पत्र (एलओई) पर भी हस्ताक्षर किए गए।
- इस एलओई के बाद, सभी श्रेणियों के वैगनों में सभी प्रकार के कार्गो जो भारत के भीतर भारतीय रेलवे नेटवर्क पर माल ढुलाई कर सकते हैं, वे भी नेपाल से माल ले जा सकते हैं।
एलओई के लाभ
- यह उदारीकरण नेपाल में रेल माल ढुलाई खंड में बाजार की ताकतों को आने की अनुमति देगा।
- दक्षता और लागत-प्रतिस्पर्धा में वृद्धि की संभावना, अंततः नेपाली उपभोक्ताओं को लाभ।
- इस कदम से ऑटोमोबाइल और कुछ अन्य उत्पादों के लिए परिवहन लागत कम हो जाएगी, जिनकी ढुलाई विशेष वैगनों में होती है।
- “पड़ोसी पहले” नीति के तहत क्षेत्रीय संपर्क बढ़ाने के भारत के प्रयासों में एक और मील का पत्थर।
क्या आप जानते हैं?
केंद्र सरकार ने 21 सितंबर 2016 को रेलवे के लिए अलग बजट की 92 साल पुरानी प्रथा को समाप्त करते हुए 2017 से रेल और आम बजट के विलय को मंजूरी दी।
दोनों बजटों को मर्ज करने का निर्णय नीति आयोग के सदस्य विवेक देबरॉय की अध्यक्षता वाली समिति की सिफारिशों पर आधारित था।
आईएनएस तबर
हाल ही में भारतीय नौसेना पोत तबर (INS Tabar) ने इतालवी नौसेना के फ्रंटलाइन फ्रिगेट के साथ सैन्य अभ्यास में भाग लिया। आईएनएस तबर ने 3 जुलाई को भूमध्य सागर में चल रही तैनाती के हिस्से के रूप में नेपल्स के बंदरगाह में प्रवेश किया। कमांडिंग ऑफिसर कैप्टन महेश मंगिपुडी (Mahesh Mangipudi) ने अपने प्रवास के दौरान नेपल्स अथॉरिटी के प्रीफेक्ट (फ्राँस), क्षेत्रीय इतालवी नौसेना मुख्यालय और तटरक्षक मुख्यालय के वरिष्ठ अधिकारियों से मुलाकात की। इस अभ्यास में कई नौसैनिक ऑपरेशन जैसे- वायु रक्षा प्रक्रियाएँ, संचार अभ्यास, समुद्र में पुनः पूर्ति तथा दिन एवं रात में क्रॉस डेक हेलो ऑपरेशन शामिल थे। यह अभ्यास इंटरऑपरेबिलिटी बढ़ाने और समुद्री खतरों के खिलाफ संयुक्त संचालन को मज़बूत करने हेतु पारस्परिक रूप से लाभदायक था।
अमेज़न ने गुजरात में अपना पहला डिजिटल केंद्र लॉन्च किया
अमेज़न (Amazon) ने भारत में गुजरात के सूरत में अपना पहला डिजिटल केंद्र लॉन्च किया है। अमेज़न के डिजिटल केंद्र ऐसे केंद्र हैं जो सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यमों (MSME) को ई-कॉमर्स के लाभों के संदर्भ में जानने का अवसर प्रदान करेंगे। MSME अमेज़न डिजिटल केंद्र पर जा सकते हैं और ई कामर्स, GST तथा कराधान समर्थन, शिपिंग एवं रसद समर्थन, कैटलॉगिंग सहायता व डिजिटल मार्केटिंग सेवाओं के लाभों पर प्रशिक्षण सहित तीसरे पक्ष की सेवाओं का फायदा उठा सकते हैं। कंपनी ने विक्रेताओं को पूरे भारत और वैश्विक स्तर पर ग्राहकों तक पहुँचने में सक्षम बनाने पर ध्यान केंद्रित किया है तथा प्रौद्योगिकी, रसद वितरण, बुनियादी ढाँचे एवं डिजिटल भुगतान के क्षेत्र में महत्त्वपूर्ण निवेश किया है, जिससे अधिक ग्राहकों व व्यवसायों को सामूहिक रूप से ऑनलाइन पहुँच प्रदान करने में मदद मिली है।