IAS Chandrajyoti Singh UPSC Success Story: आईएएस ऑफिसर चंद्रज्योति सिंह ने ग्रेजुएशन की पढ़ाई पूरी करने के बाद यूपीएससी की तैयारी के लिए एक साल का समय लिया था और उन्होंने बिना किसी कोचिंग के अपने पहले ही प्रयास में यूपीएससी सिविल सेवा परीक्षा पास कर डाली थी.
IAS success story चंद्रज्योति सिंह ने 2019 में यूपीएससी सिविल सर्विसेज एग्जाम में 28वीं रैंक हासिल कर IAS बनने का सपना पूरा किया। उन्होंने केवल एक वर्ष की तैयारी में ही अपना पहले ही प्रयास में यह मुकाम हासिल किया। यूपीएससी की तैयारी के लिए चंद्रज्योति सिंह ने किसी भी कोचिंग का सहारा नहीं लिया और स्ट्रैटजी के साथ तैयारी करके स्व-अध्ययन के बल पर इस परीक्षा को पास किया।
यूपीएससी सिविल सेवा परीक्षा भारत की सबसे कठिन परीक्षाओं में से एक है. हर साल देशभर के लाखों उम्मीदवार इस परीक्षा को क्रैक करने के लिए पूरे फोकस और रणनीतिक योजना के साथ परीक्षा की तैयारी करते हैं. हालांकि, उनमें से केवल कुछ ही उम्मीदवार इस परीक्षा पास कर पाते हैं और आईएएस और आईपीएस समेत अन्य अधिकारी का पद हासिल कर पाते हैं.
चंद्रज्योति के पिता दलबरा सिंह रिटायर्ड आर्मी रेडियोलॉजिस्ट हैं और उनकी माता मीना सिंह ने अपनी सेवाएं सेना में दी हैं, जिसके चलते उनके अंदर भी देश सेवा का जुनून बचपन से ही आ गया और उन्होंने आईएएस बनने का सपना देखा।
स्व-अध्ययन को बताया बेस्ट
चंद्रज्योति सिंह ने ग्रेजुएशन की पढ़ाई समाप्त कर एक साल का ब्रेक लिया और उसके बाद यूपीएससी सिविल सर्विसेज एग्जाम की तैयारी शुरू की। उन्होंने इसकी तैयारी के लिए केवल स्व-अध्ययन पर भरोसा किया और इसके लिए किसी भी प्रकार की कोचिंग का सहारा लिया।
तैयारी के लिए उन्होंने प्रतिदिन 6 से 8 घंटे तक अध्ययन किया। इसके अलावा एग्जाम नजदीक आने पर उन्होंने एक दिन में 10 घंटे या उससे भी अधिक पढ़ाई की। अन्य विषयों के अध्ययन के साथ वे प्रतिदिन न्यूज पेपर पढ़ती थीं और डेली करेंट अफेयर्स की तैयारी करती रहीं, जिसके चलते उन्हें एग्जाम क्रैक करने में आसानी हुई।
चंद्रज्योति ने चंडीगढ़ के भवन विद्यालय से 12वीं कक्षा की परीक्षा में आश्चर्यजनक 95.4% अंक और जालंधर के एपीजे स्कूल से 10वीं कक्षा की बोर्ड परीक्षा में 10 सीजीपीए अंक हासिल किए थे. उन्होंने 2018 में दिल्ली विश्वविद्यालय के सेंट स्टीफंस कॉलेज से 7.75 सीजीपीए और इतिहास में ऑनर्स की डिग्री हासिल करते हुए अपनी पढ़ाई आगे बढ़ाई.
चंद्रज्योति का जन्म पूर्व सेना अधिकारियों के परिवार में हुआ था; उनकी मां लेफ्टिनेंट कर्नल मीना सिंह थीं और उनके पिता कर्नल दलबारा सिंह एक आर्मी रेडियोलॉजिस्ट थे. उनके माता-पिता, जो सेना अधिकारी हैं, उन्होंने चंद्रज्योति को हमेशा जीवन में सफल होने के लिए प्रेरित किया है.
अपनी ग्रेजुएशन लेवल की पढ़ाई के बाद, चंद्रज्योति ने 2018 में अपनी यूपीएससी की तैयारी शुरू करने से पहले एक साल की छुट्टी ली और एक सख्त योजना और अटूट प्रतिबद्धता के साथ, उन्होंने न केवल यूपीएससी परीक्षा उत्तीर्ण की, बल्कि ऑल इंडिया 28वीं रैंक भी हासिल की. इस प्रतिष्ठित रैंक के साथ चंद्रज्योति को आईएएस का पद हासिल हुआ. उनकी सफलता की कहानी कई यूपीएससी उम्मीदवारों के लिए प्रेरणा बन गई है, जिससे पता चलता है कि असंभव लगने वाली यूपीएससी परीक्षा को दृढ़ता और एक सुविचारित योजना से पास किया जा सकता है.