न्यू इंडिया लिटरेसी प्रोग्राम (एनआईएलपी)
उद्देश्य: देश भर में 5 करोड़ गैर-साक्षरों को कवर करते हुए, 15 वर्ष और उससे अधिक आयु वर्ग में गैर-साक्षर लोगों के बीच साक्षरता को बढ़ावा देने में राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों का समर्थन करना।
अवयव:
- मूलभूत साक्षरता और संख्यात्मकता
- महत्वपूर्ण जीवन कौशल
- व्यावसायिक कौशल विकास
- बुनियादी शिक्षा
- पढाई जारी रकना
एनआईएलपी की मुख्य विशेषताएं हैं
- स्कूली छात्रों, उच्च शिक्षा संस्थानों (एचईआई) के पूर्व-सेवा छात्रों, स्कूल शिक्षकों, आंगनवाड़ी और आशा कार्यकर्ताओं, एनवाईकेएस, एनएसएस, एनसीसी स्वयंसेवकों की भागीदारी
- योजना के क्रियान्वयन की इकाई बनेगी स्कूल
- ‘ऑनलाइन टीचिंग लर्निंग एंड असेसमेंट सिस्टम’ (ओटीएलएएस) के माध्यम से योजना के आईसीटी और ऑनलाइन कार्यान्वयन का उपयोग
- डिजिटल मोड के माध्यम से सामग्री और संसाधन, जैसे टीवी, रेडियो, सेल फोन-आधारित फ्री/ओपन-सोर्स ऐप्स/पोर्टल्स इत्यादि।
- राज्यों/संघ राज्य क्षेत्रों द्वारा स्कूलों में आयोजित की जाने वाली मूल्यांकन परीक्षाएं और एनआईओएस/एसआईओएस द्वारा शिक्षार्थियों का मूल्यांकन; ओटीएलएएस के माध्यम से मांग पर मूल्यांकन और ई-प्रमाणपत्रों का निर्माण
- नमूना उपलब्धि सर्वेक्षण
- ऑनलाइन एमआईएस
समाचार स्रोत: पीआईबी
खनिज अन्वेषण (mineral exploration) के लिए ड्रोन का उपयोग करेगा NMDC
भारत के सबसे बड़े लौह अयस्क उत्पादक, राष्ट्रीय खनिज विकास निगम (National Mineral Development Corporation – NMDC) लिमिटेड ने ड्रोन आधारित खनिज अन्वेषण के उद्देश्य से IIT खड़गपुर के साथ एक समझौता ज्ञापन (MoU) पर हस्ताक्षर किए हैं।
मुख्य बिंदु
- भारत में पहली बार NMDC द्वारा खनिज अन्वेषण के लिए ड्रोन आधारित भूभौतिकीय सर्वेक्षण (Geophysical Surveys) और हाइपरस्पेक्ट्रल अध्ययन (Hyperspectral Studies) किया जाएगा। NMDC और IIT-खड़गपुर के बीच सहयोग देश के लिए खनिज अन्वेषण में एक नए युग की शुरुआत करेगा।
- खनन के लिए ड्रोन (UAV) का उपयोग करके अन्वेषण के लिए IIT खड़गपुर और NMDC द्वारा स्पेक्ट्रल उत्पाद, एल्गोरिदम और तरीके विकसित किए जाएंगे।
- इस सहयोग से खनन प्रौद्योगिकी और खनिज उत्खनन पर क्षमता निर्माण कार्यक्रमों के उद्देश्य से सॉफ्टवेयर स्पेक्ट्रल टूल्स का विकास भी होगा।
NMDC का खनिज अन्वेषण
NMDC छह दशकों से रॉक फॉस्फेट, तांबा, मैग्नेसाइट, चूना पत्थर, टंगस्टन, हीरा जैसे खनिजों की एक विस्तृत श्रृंखला के लिए खनिजों की खोज कर रहा है।
खनिज अन्वेषण कहाँ किया जा रहा है?
मध्य प्रदेश में विभिन्न खनिजों की खोज NMDC द्वारा की जा रही है और हीरों के लिए छत्तीसगढ़ के बेलौदा-बेलमुंडी ब्लॉक में अन्वेषण किया जा रहा है।
NMDC पहला CPSE है जो मध्य भारतीय हीरा प्रांत में अंतरिक्ष भूभौतिकी का उपयोग कर रहा है और डेटा की खोज की भुवन (BHUVAN) प्लेटफॉर्म की ऑनलाइन निगरानी का उपयोग कर रहा है।
भुवन प्लेटफॉर्म (BHUVAN Platform)
भुवन एक बहुउद्देश्यीय एंड-यूज़र सैटेलाइट एप्लिकेशन प्लेटफॉर्म है, जिसे गूगल मैप्स के भारतीय संस्करण के रूप में भी जाना जाता है।इसरो इस प्लेटफॉर्म का इंचार्ज है। यूजर्स इस सॉफ्टवेयर प्रोग्राम के साथ पृथ्वी की सतह के 2D/3D चित्र देख सकते सकते हैं। अन्य वर्चुअल ग्लोब सॉफ़्टवेयर की तुलना में, यह 1 मीटर तक के स्थानिक रिज़ॉल्यूशन के साथ भारतीय स्थानों की अधिक विस्तृत छवियां प्रदान करता है।
22 मार्च : बिहार दिवस (Bihar Diwas)
बिहार 22 मार्च, 2022 को अपना 110वां स्थापना दिवस मना रहा है। इस स्थापना दिवस को “बिहार दिवस” के रूप में जाना जाता है।
बिहार दिवस
यह दिवस हर साल 22 मार्च को मनाया जाता है। यह बिहार राज्य के गठन का प्रतीक है। इस दिन, बिहार को ब्रिटिश सरकार द्वारा बंगाल से अलग करके 1912 में बनाया गया था।
बिहार
बिहार जो पूर्वी भारत का एक राज्य है, भारत में यह जनसंख्या के हिसाब से तीसरा सबसे बड़ा राज्य है। यह क्षेत्र के हिसाब से 12वां सबसे बड़ा राज्य है। इसका क्षेत्रफल 94,163 वर्ग किलोमीटर है। यह पश्चिम में उत्तर प्रदेश, उत्तर में नेपाल, पूर्व में पश्चिम बंगाल के उत्तरी भाग और दक्षिण में झारखंड से घिरा हुआ है। इसके तीन मुख्य सांस्कृतिक क्षेत्रों में मिथिला, मगध और भोजपुर शामिल हैं। राज्य की आधिकारिक भाषाएं हिंदी और उर्दू हैं।
बिहार का इतिहास
प्राचीन भारत में बिहार के क्षेत्र को शक्ति, सीखने और संस्कृति के केंद्र के रूप में जाना जाता था। भारत का पहला साम्राज्य जिसे “मौर्य साम्राज्य” कहा जाता है, का उदय मगध से हुआ था।
22 मार्च : विश्व जल दिवस (World Water Day)
1993 से हर साल, विश्व जल दिवस (World Water Day) 22 मार्च को मनाया जाता है। यह ताजे पानी के महत्व को फैलाने के लिए मनाया जाता है। यह दिन संयुक्त राष्ट्र द्वारा और साथ ही दुनिया भर में विभिन्न अन्य संगठनों द्वारा मनाया जाता है।
महत्व
विश्व जल दिवस का मुख्य उद्देश्य सतत विकास लक्ष्य 6 (Sustainable Development Goal 6) प्राप्त करना है। इसमें 2030 तक सभी के लिए जल और स्वच्छता शामिल है।
आवश्यकता
2050 तक, 5.7 बिलियन से अधिक लोग उन क्षेत्रों में होंगे, जहां पानी दुर्लभ होगा। दुनिया भर में पानी की मांग 2040 तक 50% तक बढ़ जाएगी। इसलिए, जल संरक्षण पर बल देना आवश्यक है।
इतिहास
1992 में पर्यावरण और विकास पर संयुक्त राष्ट्र सम्मेलन (United Nations Conference on Environment and Development) में इस दिवस की शुरुआत हुई थी। इस सम्मेलन में, संयुक्त राष्ट्र ने विश्व जल दिवस मनाने का प्रस्ताव पारित किया था। तब से कई इवेंट्स को जोड़ा गया है। इसमें 2013 में जल क्षेत्र में सहयोग का अंतर्राष्ट्रीय वर्ष (International Year of Cooperation in the Water Sphere) भी शामिल है। इसके अलावा, वर्तमान में सतत विकास के लिए पानी पर अंतर्राष्ट्रीय कार्रवाई दशक (2018-28) (International Decade for Action on Water for Sustainable Development) को भी मनाया जा रहा है।
पहली पेपरलेस विधानसभा
हाल ही में नगालैंड राज्य की विधानसभा पेपरलेस कार्यप्रणाली को अपनाने हेतु नेशनल ई-विद्या एप्लीकेशन (National e-Vidhan Application- NeVA) कार्यक्रम को लागू कर देश की पहली राज्य विधानसभा बन गई है। NeVA एक प्रकार की कार्य-प्रवाह प्रणाली (Work-Flow System) है जिसे NIC क्लाउड, मेघराज (MeghRaj) पर तैनात किया गया है जो सदन के अध्यक्ष द्वारा सदन की कार्यवाही के सुचारू रूप से संचालन के साथ ही सदन के विधायी कार्य को कागज़ रहित/पेपरलेस तरीके से संचालित करने में मदद करती है। NeVA एक सदस्य-केंद्रित और डिवाइस न्यूट्रल एप्लीकेशन है जिसे सदस्यों के संपर्क विवरण, व्यवसाय की सूची, प्रक्रिया नियमों, बुलेटिन, नोटिस, तारांकित या अतारांकित प्रश्नों के बारे में पूरी जानकारी एकत्र कर सदस्यों की विभिन्न कार्यवाही को स्मार्ट तरीके से संभालने के लिये तैयार किया गया था। NeVA के कार्यान्वयन पर होने वाले खर्च को केंद्र सरकार और राज्य सरकार के बीच 90:10 के अनुपात के आधार पर वित्तपोषित किया जाता है। NeVA का उद्देश्य देश की विधायिकाओं को एक मंच प्रदान कर एक साथ लाना है।