सिविल सेवा परीक्षा के लिए कौन उपन्यास उपयोगी है?

सिविल सेवा की परीक्षा एक लंबी प्रक्रिया है,जहाँ सिर्फ आपके ज्ञान की ही नहीं बल्कि आपके धैर्य की भी परीक्षा होती है। इस दौरान कई प्रतियोगी अपनी असफलता से निराश हो जाते हैं और इस समय उन्हें एक ऐसे मित्र की तलाश होती है जो उनकी बातों को समझ सके और उन्हें आगे बढ़ने के लिए प्रोत्साहित करे। किताबें सभी मित्रों में सबसे अग्रणी है जो आपसे बिना किसी बहस के संतोषजनक सलाह देता है।


डार्क हॉर्स

सिविल सेवा के प्रतियोगिओं के जीवन पर लिखी गयी एक बेजोड़ किताब। इसमें कैसे एक हिंदी माध्यम का छात्र दिल्ली के मुखर्जी नगर में जाकर वहां के वातावरण में सामंजस्य बनाने की कोशिश करता है उसका बहुत ही शानदार वर्णन किया गया है। इसमें कई ऐसे पत्र भी है जो कई वर्षों से तैयारी में जुटे हैं पर वो हर बार सफलता से चूक जाते हैं। कहानी का नायक संतोष है जो अपनी मेहनत के दम पर अंततः अपने माता-पिता के सपने को पूरा करने में सफल होता है। आप इसी से अंदाजा लगा सकते है की लेखक को उनके इसी कृति पे 2015 का साहित्य अकादमी युवा पुरस्कार से सम्मानित किया गया।

नॉन रेज़िडेंट बिहारी

आपने NRI(नॉन रेज़िडेंट इंडियन) का नाम सुना होगा पर यहाँ बिहार की बात हो रही है। जिस तरह इंजीनियर सब विदेश प्रवास को निकल जाते हैं वैसे ही बिहार में जन्म लेते ही बच्चे का सिविल सेवा की तैयारी में जुट जाना तय होता है। और इसी में से एक NRB है राहुल,जिसके जन्म के समय ही घरवाले सोच लेते है कि इसे आगे कलक्टर की ही तैयारी करवाना है। राहुल भी अब दूसरे NRB की भांति मुखर्जी नगर पहुँचता है पर बेचारा बहुत ही घोर असमंजस में चला जाता है। एक तरफ उसकी माशूका शालू और दूसरी तरफ UPSC,फिर भी दबे मन से वो अपनी मंजिल की ओर निकलता है। कुल मिलाकर देखे तो ये पूरी उपन्यास आपको अंत तक खुद में बाँधे रखती है।

माँ,मैं कलेक्टर बन गया

2005 बैच के IAS अधिकारी राजेश पाटिल ने इस पुस्तक में अपने IAS बनने तक के सफर को लिखित रूप दिया है। उन्होंने इस पुस्तक के माध्यम से बताया है कि अगर इंसान में कुछ करने की चाह हो तो वो पा ही लेता है।

काशी टेल

यह उपन्यास BHU के दो छात्र निहाल पांडेय और सदफ को केंद्रित करके लिखा गया है। इलाहाबाद में पी सी एस की तैयारी करने वाला बिहारी लड़का निहाल पाण्डये, अपने पिता की उलाहना से तंग आकर बी.एड. करने बीएचयू आता है| वहाँ उसकी मुलाकात एक मुस्लिम लड़की सदफ से होती है, जो आईपीएस अधिकारी की बेटी है। इस दौरान दोनों एक दूसरे के प्रेम में पड़ जाते हैं। यह उपन्यास हमें अपनी अन्तरात्मा की आवाज सुनने, विषम परिस्थितियों में भी जीवटता के साथ कर्तव्य पथ पर निरंतर डटे रहने, प्रेम की अलौकिक शक्ति को आत्मसात करने और अपने सपनों के साथ हर हाल में जीने की प्रेरणा देता है|

12th फेल

इस किताब में मनोज शर्मा के जीवन की सारी ऊंच-नीच की कहानी बड़े ही खूबसूरत तरीके से बताई गई है जिससे आम लोगों को काफी कुछ सीखने को मिलेगा. मनोज शर्मा की जीवनी पढ़ कर ये भी सीखा जा सकता है कि कैसे जीवन में कितनी भी बाधाएं क्यों न आ जाए, इंसान इन तरीकों को अपना कर अपने जीवन के लक्ष्य की प्राप्ति आसानी से कर सकता है

रुक जाना नहीं 

Ruk Jaana Nahin / रुक जाना नहीं (Hindi Edition) by [Nishant Jain]

यह किताब प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी करने वाले हिंदी मीडियम के युवाओं को केंद्र में रखकर लिखी गई है।

इस किताब में कोशिश की गई है कि हिंदी पट्टी के युवाओं की ज़रूरतों के मुताबिक़ कैरियर और ज़िंदगी दोनों की राह में उनकी सकारात्मक रूप से मदद की जाए। इस किताब के छोटे-छोटे लाइफ़ मंत्र इस किताब को खास बनाते हैं। ये छोटे-छोटे मंत्र जीवन में बड़ा बदलाव लाने की क्षमता रखते हैं।

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