सखी वन स्टॉप सेंटर योजना FOR UPSC

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी कार्यकाल में केंद्र सखी योजना के अंतर्गत केंद्रीय महिला व बल विकास मंत्रालय द्वारा शुरू गयी है | Sakhi One Stop Centre Yojana शारीरिक अथवा मानसिक हिंसा की शिक्षित अल्प शिक्षित पीड़ित महिलाओ के लिए है | सामाजिक सुरक्षा तथा ऐसी अबला महिलाओं सशक्त बनाने के लिए वन स्टॉप सेंटर (OSC) स्थापना की गयी है |

One Stop Centre (OSC) का उद्देश्य निजी और सार्वजनिक स्थानों पर, परिवार, समुदाय के भीतर और कार्यस्थल पर हिंसा से प्रभावित हुई महिलाओं का समर्थन करना है।

One Stop Centre मे शारीरिक, यौन, भावनात्मक, मनोवैज्ञानिक, आर्थिक दुर्व्यवहार, उम्र की परवाह किए बिना, वर्ग, जाति, शिक्षा की स्थिति, वैवाहिक स्थिति, नस्ल और संस्कृति का सामना करने वाली महिलाओं को समर्थन और निवारण के साथ सुविधा प्राप्त होगी।

यौन उत्पीड़न (Sexual Harassment), यौन शोषण (Sexual Assault), घरेलू हिंसा, तस्करी (Women Trafficking), सम्मान संबंधी अपराधों, एसिड हमलों या छेड़छाड़ के प्रयास के कारण किसी भी तरह की हिंसा का सामना करने वाली पीड़ित महिलाओं को विशेष सेवाओं के साथ One Stop Centre मे आसरा दिया जाएगा।

कही बार महिलाओ को प्रताड़ित किया जाता है| और घर से बहार निकाल दिया जाता है| उसी समय में उनके साथ कोई घटना घटने की सम्भावना होती है| तो उस समय महिलाओ को सुरक्षा मिल सके उसके लिए ये योजना का प्रारम्भ किया गया है|

one stop centre (one stop center)

महिलाओं की सुरक्षा के लिए उठाया कदम
कई बार महिलाओं को ससुरालियों द्वारा घर से निकाल दिया जाता है या दहेज के लिए प्रताड़ित किया जाता है। इसके अलावा परिजनों से नाराज होकर किशोरी या युवती भी घर छोड़कर चली जाती हैं। ऐसे में उनके साथ आपराधिक घटना होने की आशंका रहती है। महिलाओं को सुरक्षित माहौल देने में यह व्यवस्था बेहतर साबित होगी।

बेटी के नाम जाना जाएगा घर और माता-पिता
साल-2020 में जन्मी बेटियों से ही उनके घर और माता-पिता की पहचान होगी। बेटियों के नाम से ही घर के बाहर नेम प्लेट लगाई जाएगी। इसमें माता-पिता का नाम भी लिखा होगा। प्रोबेशन विभाग के अनुसार इस योजना पर काम शुरू कर दिया गया है। घरों पर नेम प्लेट लगवाने का अभियान चलाया जा रहा है।जिले में सखी वन स्टॉप सेंटर सेवा शुरू की जा रही है। इसमें किसी भी तरह की पीड़ित महिलाओं के रहने की व्यवस्था की जा रही है। उन्हें कानूनी सलाह से लेकर न्याय पाने के लिए अधिवक्ता भी मुहैया कराए जाएंगे। जरूरत पड़ने पर मनोवैज्ञानिक परामर्श भी दिलाया जाएगा।

योजना के बारे में:

  • सखी केरूप में लोकप्रिय  , महिला और बाल विकास मंत्रालय (MWCD) ने इस केंद्र प्रायोजित योजना को तैयार किया है  ।
  • यहइंदिरा गांधी मातृ सहयोग योजना सहित महिलाओं के सशक्तीकरण के लिए राष्ट्रीय मिशन के लिए अम्ब्रेला योजना की एक उप- योजना है।
  • इस योजना के तहतचरणबद्ध तरीके से निजी और सार्वजनिक दोनों जगहों पर हिंसा से प्रभावित महिलाओं को एक छत के नीचे एकीकृत समर्थन और सहायता प्रदान करने के लिए देश भर में वन स्टॉप सेंटर स्थापित किए जा रहे हैं ।
  • लक्ष्य समूह:OSC हिंसा, जाति, वर्ग, धर्म, क्षेत्र, यौन अभिविन्यास या वैवाहिक स्थिति के बावजूद हिंसा से पीड़ित 18 वर्ष से कम उम्र की लड़कियों सहित सभी महिलाओं का समर्थन करेगा।

वन स्टॉप सेंटर योजना के मुख्य उद्देश्य

  • हिंसा से प्रभावित महिलाओं को एक छत के नीचे निजी और सार्वजनिक दोनों जगहों पर एकीकृत समर्थन और सहायता प्रदान करना।
  • महिलाओं के खिलाफ किसी भी प्रकार की हिंसा से लड़ने के लिए एक छत के नीचे चिकित्सा, कानूनी, मनोवैज्ञानिक और परामर्श सहित सेवाओं की एक श्रृंखला के लिए तत्काल, आपातकालीन और गैर-चिकित्सा सुविधा तक पहुँच प्रदान करना।
  • One Stop Centre हिंसा, जाति, वर्ग, धर्म, क्षेत्र, यौन अभिविन्यास या वैवाहिक स्थिति के बावजूद प्रभावित 18 वर्ष से कम उम्र की लड़कियों सहित सभी महिलाओं का समर्थन करेगा।
  • 18 वर्ष से कम उम्र की लड़कियों के लिए, किशोर न्याय (बच्चों की देखभाल और संरक्षण) अधिनियम 2000 के तहत स्थापित संस्थान और प्राधिकरण यौन अपराध अधिनियम 2012 से बच्चों के संरक्षण को OSC के साथ जोड़ा जाएगा।

हिंसा से पीड़ित महिलायें, जिसमें 18 वर्ष से कम आयु की बालिकायें भी सम्मिलित है, को सहायता प्रदाय करना।
18 वर्ष से कम आयु की बालिकाओं की सहायता हेतु लैंगिंक अपराधों से बालकों का संरक्षण अधिनियम २०१२ (2012) एवं किशोर न्याय (बालकों की देखरेख और संरक्षण) अधिनियम २०१५ (2015) के अंतर्गत गठित संस्थाओं को सेन्टर से जोड़ना।

पात्रता:

  • इसके लिए इच्छुक महिला की आयु २० से ३५ वर्ष होनी चाहिए ।
  • कम से कम न्यूनतम शैक्षिक योग्यता वरिष्ठ माध्यमिक शिक्षा (१२वीं) कक्षा उत्तीर्ण तक शिक्षित महिला जिसकी डिजिटल कार्यों के प्रति रूचि हो तथा राज्य सरकार की ओर से प्रदत सेवाओं के विषय में आरंभिक ज्ञान रखती हों ।
  • उनके अपना मोबाइल (स्मार्ट फोन) व ई-मेल आई.डी. हो उनका चयन ई-सखी के रूप में किया जाएगा। राज्य भर में प्रत्येक ग्राम से ०४ से ०५ (04 – 05) तथा शहरी / उपनगरीय क्षेत्र के प्रत्येक वार्ड से १० (दस) ई-सखियों का चयन कर इस पहल से जोड़ा जायेगा।

ई-सखी योजना (e-Sakhi Yojana) के अन्तर्गत क्षेत्रीय विकास एवं सामाजिक उत्थान में रूचि रखने वाली स्वयं सेविका यथा-स्काउट परिवार की गाइड, रेंजर या एनएसएस सरीखी सामाजिक गतिविधियों में शामिल रहने वाली महिलाओं को ई-सखी के रूप में प्रशिक्षण देकर महत्त्वपूर्ण भूमिका के लिए तैयार किया जायेगा।

इन्हें अपने क्षेत्रों में अन्य लोगों को डिजिटली साक्षर बनाना होगा। इन्हें संविदा अथवा राजकीय कर्मी के रूप में कार्य नहीं करना है। इनके द्वारा किये गये जन कल्याणकारी कार्य के लिए इन्हें कोई मानदेय नहीं मिलेगा, लेकिन प्रशिक्षण उपरांत प्रमाण- पत्र जरूर दिया जायेगा। इनका प्रशिक्षण राजस्थान नॉलेज कॉरपोरेशन लिमिटेड के केन्द्रों पर प्रशिक्षित किया जायेगा। आरकेसीएल ही इनके लिए प्रशिक्षण सामग्री, मास्टर ट्रेनरों की तैनाती, आंतरिक मूल्यांकन कर रही है।

मंत्रालयप्राथमिक भूमिकाअन्य समर्थन
स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय / राज्य / जिलामंत्रालय द्वारा जारी किए गए डॉक्टरों के लिए प्रोटोकॉल स्थानीय बोली में उपलब्ध कराया जाएगा।OSC को “कैलेंडर रूप” में दिया जाना।राज्य / केंद्रशासित प्रदेश के भीतर डॉक्टर्स / हॉस्पिटल्स / क्लीनिकों (सार्वजनिक और निजी) के निर्देशिका।पूर्ण पते, प्रभारी / नोडल डॉक्टर और अस्पताल के फोन नंबर के साथ निर्देशिकाएँ।एम्बुलेंस (सार्वजनिक और निजी) के निर्देशिका।प्रोटोकॉल का प्रवर्तन सुनिश्चित करें।पैरामेडिकल स्टाफ सहित स्वास्थ्य कर्मियों का प्रशिक्षण और संवेदीकरण।यौन उत्पीड़न के मामलों में सबूतों का उचित संग्रह सुनिश्चित करें।पैरामेडिकल स्टाफ की पहचान करने की समर्थन प्रक्रिया।प्रत्येक पहचाने गए संस्थागत संसाधन के साथ समझौता ज्ञापन।
गृह मंत्रालय / राज्य / जिलाOSC के लिए पुलिस अधिकारी नामित करें ताकि एफआईआर को तुरंत और उचित दर्ज किया जा सके।साक्ष्य के उचित संग्रह में सुविधा।महिला मामलों के खिलाफ हिंसा से निपटने वाले पुलिस कर्मियों को संवेदनशील बनाएं।
कानून और न्याय मंत्रालय / NLSA/ SLSA/ DLSAOSC के साथ हिंसा से प्रभावित महिलाओं को कानूनी सहायता देने के लिए तैयार समर्पित और संवेदनशील वकीलों की सूची।जिलेवार पैरा लीगल वालंटियर्स की सूची।मामलों के शीघ्र निपटान को सुनिश्चित करने में सहायता।हिंसा से बचे लोगों को मुआवजे की सुविधा।

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