भारत में कृषि
भूमि संसाधनों का उपयोग करके फसलों का उत्पादन करना कृषि कहलाता है भारत कृषि की दृष्टि से एक महत्त्वपूर्ण देश है। इसकी दो-तिहाई जनसंख्या कृषि कार्यों में संलग्न है।
भारत में कृषि को रूप
कर्तन दहन प्रणाली / झूम कृषि
यह कर्तन दहन प्रणाली (Slash & Burn) कृषि है। किसान जमीन के टुकड़े साफ करके उन पर अपने परिवार के भरण-पोषण के लिए अनाज व अन्य खाद्य फसलें उगाते हैं। जब मृदा की उर्वरता कम हो जाती है तो किसान उस भूमि के टुकड़े से स्थानांतरित हो जाते हैं और कृषि के लिए भूमि का दूसरा टुकड़ा साफ करते हैं। कृषि के इस प्रकार के स्थानांतरण से प्राकृतिक प्रक्रियाओं द्वारा मिट्टी की उर्वरता शक्ति बढ़ जाती है।
देश के विभिन्न भागों में इस प्रकार की कृषि को विभिन्न नामों से जाना जाता है। उत्तर-पूर्वी राज्यों असम, मेघालय, मिजोरम और नागालैंड में इसे ‘झूम’कहा जाता है मणिपुर में पामलू (Plamou) और छत्तीसगढ़ के बस्तरजिले और अंडमान निकोबार द्वीप में ‘दीपा’ कहा जाता है।
गहन जीविका कृषि
इस प्रकार की कृषि उन क्षेत्रों में की जाती है जहाँ भूमि पर जनसंख्या का दबाव अधिक होता है। यह श्रम-गहन खेती है जहाँ अधिक उत्पादन के लिए अधिक मात्रा में रासायनिक निवेशों और सिंचाई का प्रयोग किया जाता है।
वाणिज्यिक कृषि
इस प्रकार की कृषि के मुख्य लक्षण आधुनिक निवेशों जैसे अधिक पैदावार देने वाले बीजों, रासायनिक उर्वरकों और कीटनाशकों के प्रयोग से उच्च पैदावार प्राप्त करना है। कृषि के वाणिज्यीकरण का स्तर विभिन्न प्रदेशों में अलग-अलग है। जैसे – हरियाणा और पंजाब में चावल एकवाणिज्य फसल है परंतु ओडिशा में यह एक जीविका फसल है।
शस्य प्रारूप
भारत में बोई जाने वाली फसलों को अनेक प्रकार को खाद्यान्न और रेशे वाली फसलें, सब्जियाँ, फल, मसाले इत्यादि शामिल हैं। भारत में तीन शस्य ऋतुएँ हैं,
रबी
खरीफ
जायद
भारत-चीन तुलना (कृषि क्षेत्र में)
चीन | भारत | |
कृषि योग्य भूमि | 120 मिलियन हेक्टेयर | 156 मिलियन हेक्टेयर |
कुल सिंचित क्षेत्र | 41 प्रतिशत | 48 प्रतिशत |
सकल बुआई क्षेत्र | 166 मिलियन हेक्टेयर | 198 मिलियन हेक्टेयर |
कृषि उत्पादन (कीमतें डॉलर में) | 1367 बिलियन डॉलर | 407 बिलियन डॉलर |
रबी फसल – शीत ऋतु में अक्तूबर से दिसंबर के मध्य बोया जाता है और ग्रीष्म ऋतु में अप्रैल से जून के मध्य काटा जाता है। गेहूँ, जौ, मटर, चना और सरसों कुछ मुख्य रबी फसलें हैं। यद्यपि ये फसलें देश के विस्तृत भाग में बोई जाती हैं उत्तर और उत्तरी पश्चिमी राज्य जैसे – पंजाब, हरियाणा, हिमाचल प्रदेश, जम्मू- कश्मीर, उत्तराखण्ड और उत्तर प्रदेश गेहूँ और अन्य रबी फसलों के उत्पादन के लिए महत्त्वपूर्ण राज्य हैं।
खरीफ फसलें – यह देश के विभिन्न क्षेत्रों में मानसून के आगमन के साथ बोई जाती हैं और सितंबर-अक्तूबर में काट ली जाती हैं। इस ऋतुमें बोई जाने वाली मुख्य फसलों में चावल, मक्का, ज्वार, बाजरा, तुर , अरहर, मूँग, उड़द, कपास, जूट, मूँगफली और सोयाबीन शामिल हैं।
जायद फसलें – रबी और खरीफ फसल ऋतुओं के बीच ग्रीष्म ऋतु में बोई जाने वाली फसल को जायद कहा जाता है। जायद ऋतु में मुख्यत तरबूज, खरबूशे, खीरे, सब्जियों और चारे की फसलों की खेती की जाती है। गन्ने की फसल को तैयार होने में लगभग एक वर्ष लगता है।
भारतीय इतिहास में हुई प्रमुख क्रांति एवं उनके सम्बंधित क्षेत्रो के नाम
(1) रजत क्रांति,(Silver Revolution):- अंडा ( मुर्गी पालन ) उत्पादन से
(2) भूरी क्रांति (Brown Revolution):- सीमेंट, उर्वरक, उन उत्पादन से
(3) नीली क्रांति (Blue Revolution) :-मत्स्य उत्पादन से
(4) श्वेत क्रांति (White Revolution) :- दुग्ध उत्पादन से
(5) पीली क्रांति (Yellow Revolution):- तिलहन उत्पादन से
(6) कृष्ण क्रांति (Krishna Revolution):-पेट्रोलियम उत्पादन से
(7) हरित क्रांति (Green Revolution) :- फसल उत्पादन से
(8) गुलाबी क्रांति (Pink Revolution):- झींगा मछली उत्पादन से
(9) इंद्रधनुषी क्रांति (Iridescent Revolution):- सम्पूर्ण कृषि क्षेत्र विकास से
(10) लाल क्रांति(Red Revolution):- टमाटर और मांस के उत्पादन से
(11) सुनहरी क्रांति (Golden Revolution):- फलों के उत्पादन से
(12) खाधान्न श्रृंखला क्रांति (Food chain Revolution):- खाधान्न/सब्जी/फलों को सड़ने से बचाना
भारत एक कृषि प्रधान देश है. कृषि भारतीय अर्थव्यवस्था की रीढ़ है. भारत में कृषि सिंधु घाटी सभ्यता के दौर से की जाती रही है. 1960 के बाद देश में कृषि के क्षेत्र में हरित क्रांति के साथ नया दौर आया. भारत की खेती से जुड़े कुछ महत्वपूर्ण तथ्य इस प्रकार हैं:
(1) भारत के कुल क्षेत्रफल का लगभग 51 फीसदी भाग पर कृषि, 4 फ़ीसदी पर पर चरागाह, लगभग 21 फीसदी पर वन और 24 फीसदी बंजर और बिना उपयोग की है.
(2) देश की कुल श्रम शक्ति का लगभग 52 फीसदी भाग कृषि और इससे सम्बंधित उद्योग और धंधों से अपनी आजीविका चलता है.
(3) 2004-2005 में भारत के निर्यात में कृषि और सम्बंधित वस्तुओं कानुपात लगभग 40 फीसदी रहा.
(4) विश्व में चावल उत्पादन में चीन के बाद भारत का दूसरा स्थान है. भारत में खाद्यान्नों के अंतर्गत आने वाले कुल क्षेत्र के करीब 47 फीसदी भाग पर चावल की खेती की
(5) विश्व में गेंहू उत्पादन में चीन के बाद भारत का दूसरा स्थान है. देश की कुल कृषि योग्य जमीन के लगभग 15 फीसदी भाग पर गेंहू की खेती की जाती है.
(6) देश में गेंहू के उत्पादन में उत्तर प्रदेश का प्रथम स्थान है, जबकि प्रति हेक्टेयर उत्पादन में पंजाब का प्रथम स्थान है.
(7) हरित क्रांति(Green Revolution) का सबसे अधिक प्रभाव गेंहू और चावल की कृषि पर पड़ा है, परंतु चावल की तुलना गेंहू के उत्पादन में अधिक वृद्धि हुई.
(8) भारत में हरित क्रांति लाने का श्रेय डॉक्टर एम एस स्वामीनाथन को जाता है. भारत में हरित क्रांति की शुरुआत 1967-1968 में हुई.
(9) प्रथम हरित क्रांति के बाद 1983-1984 में द्वितीय हरित क्रांति की शुरुआत हुई, जिसमें अधिक अनाज उत्पादन, निवेश और किसानों को दी जाने वाली सेवाओं का विस्तार हुआ.
(10) तिलहन प्रौद्योगिकी मिशन की स्थापना 1986 में हुई.
(11) भारत विश्व में उर्वरक (फर्टिलाइजर) का तीसरा सबसे बड़ा उत्पादक और उपभोक्ता देश है.
(12) पोटाशियम फर्टिलाइजर का पूरी तरह आयात किया जाता है.
(13) आम, केला, चीकू, खट्टे नींबू, काजू, नारियल, काली मिर्च, हल्दी के उत्पादन में भारत का स्थान पहला है.
(14) फलों और सब्जियों के उत्पादन में भारत का स्थान दुनिया में दूसरा है.
फसल | प्रमुख उत्पादक राज्य | |
1. | चावल | पश्चिम बंगाल, उत्तर प्रदेश, आन्ध्र प्रदेश, बिहार और पंजाब |
2. | गेंहू | उत्तर प्रदेश, पंजाब, हरियाणा, बिहार, मध्य प्रदेश और राजस्थान |
3. | ज्वार | महाराष्ट्र, कर्नाटक, मध्य प्रदेश और राजस्थान |
4. | बाजरा | गुजरात, राजस्थान और उत्तर प्रदेश |
5. | दलहन | मध्य प्रदेश, उत्तर प्रदेश, हरियाणा, पंजाब, राजस्थान, बिहार, पश्चिम बंगाल, गुजरात और आंध्र प्रदेश |
6. | तिलहन | मध्य प्रदेश, गुजरात, उत्तर प्रदेश, बिहार, राजस्थान, पश्चिम बंगाल और ओडिशा |
7. | जौ | उत्तर प्रदेश, राजस्थान, बिहार और पंजाब |
8. | गन्ना | उत्तर प्रदेश, महाराष्ट्र, तमिलनाडु, कर्नाटक, हरियाणा और पंजाब |
9. | मूंगफली | गुजरात, आंध्र प्रदेश, तमिलनाडू, कर्नाटक, महाराष्ट्र और मध्य प्रदेश |
10. | चाय | असम, पश्चिम बंगाल, तमिलनाडु, केरल, त्रिपुरा, कर्नाटक और हिमाचल प्रदेश |
11. | कहवा | कर्नाटक, तमिलनाडु, केरल, आंध्र प्रदेश और महाराष्ट्र |
12. | कपास | महाराष्ट्र, गुजरात, मध्य प्रदेश, पंजाब, कर्नाटक, हरियाणा, राजस्थान, तमिलनाडु और आंध्र प्रदेश |
13. | रबड़ | केरल, तमिलनाडु, कर्नाटक, असम और अंडमान निकोबार द्वीप समूह |
14. | पटसन | पश्चिम बंगाल, बिहार, असम, ओडिशा और उत्तर प्रदेश |
15. | तम्बाकू | आंध्र प्रदेश, गुजरात, बिहार, उत्तर प्रदेश, महाराष्ट्र, पश्चिम बंगाल और तमिलनाडु |
16 | काली मिर्च | केरल, कर्नाटक, तमिलनाडु और पुडुचेरी |
17 | हल्दी | आंध्र प्रदेश, ओडिशा, तमिलनाडु, महाराष्ट्र और बिहार |
18 | काजू | केरल, महाराष्ट्र और आंध्र प्रदेश |