1.वूलर झील
जम्मू एवं कश्मीर राज्य में स्थित भारत की ‘वृहद्तम ताजे जल की झील‘ है। वूलर झील, झेलम नदी पर निर्मित गोखुर झील का उदाहरण है।
2. डल झील
हिमानी निर्मित श्रीनगर (जम्मू व कश्मीर) में ताजे जल की झील है। यह झील 8 किमी. लम्बी तथा 3 किमी. चौड़ी है। कई स्थानों में दलदल होने के कारण यह कम गहरी है।
3. सांभर झील
राजस्थान के जयपुर से 60 किमी. की दूरी पर स्थित भारत का ‘अत:स्थलीय वृहद्तम खारे जल की झोले’ है। भारत के 60% नमक की आपूर्ति करता है। *
4.बेबर झील
राजस्थान के उदयपुर स्थित खारे जल की झील, नामक उत्पादन हेतु प्रसिद्ध है। यह भारत की सबसे बड़ी कृत्रिम झील’ है। 17वीं शताब्दी में उदयपुर के राजा ने इसे निर्मित कराया था
5. लोकटक झील
यह उत्तर पूर्वी राज्य मणिपुर में स्थित एक मीठे पानी की झील है, जिस पर जलविद्युत केन्द्र भी है। यह झील विश्व में ‘तैरती द्वीपीय झोल’ के रूप में प्रसिद्ध है। इस झील में केबुललामजाओ नामक राष्ट्रीय पार्क भी है। इस झील पर तैरते हुए घर को फुन्डी कहते है।
6. चिल्का झील
यह ओडिशा राज्य में स्थित खारे पानी की बृहद्तम लैगून झील हैं, जो झींगा उत्पादन के लिए प्रसिद्ध है।
7. सूरजताल
हिमाचल प्रदेश में बाड़ालाचा दर्रे के निकट स्थित ताजे जल की झील है।
8. तवावोहर झील
मध्य प्रदेश के होशंगाबाद जिले में नर्मदा नदी पर बांध बनाकर इसे निर्मित किया गया।
9. सोंगमो झील
सिक्किम के गंगटोक जिला स्थित ताजे जल की झील है।
10. अष्टमुदी झील
केरल के कोमल जिला स्थित लैगून/कयाल झील जिसकी 8 शाखाएं हैं। रामसर समझौते द्वारा इसे अंतर्राष्ट्रीय महत्व की आर्द्र भूमि घोषित किया गया है।
11. भीमताल झील
यह उत्तराखण्ड के कुमायूँ क्षेत्र में स्थित मोठे जल की झील है, जिसके केंद्र में एक छोटा द्वीप भी है राष्ट्रीय व अंतर्राष्ट्रीय पर्यटन हेतु प्रसिद्ध है।
12. चेम्बरमबक्कम झील
यह तमिलनाडु के चिंगपटु जिले में चेन्नई से 40 किमी. दक्षिण में अवस्थित है। इसी झील से अडयार नदी उद्गमित होती है।
13.कोलेरू झील
आंध्र प्रदेश में कृष्णा-गोदावरी डेल्टा के मध्य स्थित ताजे जल की झील है।
14. पुलिकट झील
आंध्रा तट स्थित खारे जल की लैगून झोल है। यह समुद्र से बालू की भित्ति द्वारा अलग होने से बनी है।
15.लोनार झील
महाराष्ट्र में बुलढाना जिला में स्थित ज्वालामुखी/उल्कापात द्वारा निर्मित झील है।
16. रेणुका झील
हिमाचल प्रदेश के सिरमौर जिला स्थित ताजे जल को झील है। यहाँ पर चिड़ियाघर एवं लायन सफारी स्थित है।
17. रूपकुंड झील
उत्तराखण्ड के मध्य हिमायल स्थित ताजे जल की प्राकृतिक झील है।
18. सास्थम कोट्टा झील
केरल के कोल्लम जिला स्थित वृहद् ताजे जल की झील है।
19. सतलाल या सत्ता झील
यह उत्तराखण्ड के कमायूँ प्रखड में झीलमताल नगर के निकट कई झीलों का समूह है। जो प्रवासी पक्षियों हेतु स्वर्ग है।
20.पंचभद्रा झील
यह राजस्थान के बाड़मेर जिले में स्थित खारे जल की झील है। वर्षा को कमी के कारण इस झील से नमक निकालने के काम में बाधा होती है। प्रदूषण के कारण इसका क्षेत्रफल घट रहा है।
21.वेबनाव झील
केरल तट पर स्थित खारे जल की लैगून झील है। इसी झील में ‘वेलिंगटन द्वीप’ है जहां पर राष्ट्रीय नौकायन प्रतियोगिताएं होती हैं। भारत का सबसे छोटा राष्ट्रीय राजमार्ग NH-47A वलिंगटन द्वीप पर ही है।
कहां है प्रसिद्ध सिमलीपाल राष्ट्रीय उद्यान?ओडिशा के अन्य महत्वपूर्ण प्रमुख उद्यान/वन्यजीव अभयारण्य
सिमलीपाल राष्ट्रीय उद्यान
- यह राष्ट्रीय उद्यान ओडिशा के मयूरभंज ज़िले के उत्तरी भाग में स्थित है जो भौगोलिक रूप से पूर्वी घाट के पूर्वी छोर में स्थित है।
- सिमलीपल का नाम ‘सिमुल’ (Simul- सिल्क कॉटन) के पेड़ से लिया गया है।
- यह राष्ट्रीय उद्यान 4,374 वर्ग किमी. में फैला हुआ है
- उद्यान के कुल क्षेत्रफल का 845 वर्ग किमी. का कोर क्षेत्र (बाघ अभयारण्य), 2,129 वर्ग किमी. का बफर क्षेत्र और 1,400 वर्ग किमी. का संक्रमण क्षेत्र शामिल है।
- इस राष्ट्रीय उद्यान में उष्णकटिबंधीय, अर्द्धसदाबहार वन, उष्णकटिबंधीय नम पर्णपाती वन, शुष्क पर्णपाती वन और घास के मैदान पाए जाते हैं I
- सिमलीपाल जैव विविधता धनी क्षेत्र है
- उद्यान में 1076 फूलों की प्रजातियाँ और 96 आर्किड की प्रजातियाँ हैंI
- यहाँ बाघों और हाथियों समेत पक्षियों की 304 प्रजातियाँ, उभयचरों की 20 प्रजातियाँ और सरीसृप प्रजातियाँ निवास करती हैं I
- आधिकारिक रूप से टाइगर रिज़र्व के लिये इसका चयन वर्ष 1956 में किया गया था
- 1973 में प्रोजेक्ट टाइगर के अंतर्गत इसे शामिल किया गया I
- भारत सरकार ने जून 1994 में इसे एक जैव मण्डल रिजर्व क्षेत्र घोषित किया।
- वर्ष 2009 में यूनेस्को के विश्व नेटवर्क ऑफ़ बायोस्फीयर रिजर्व का हिस्सा हैI
- इस बायोस्फीयर रिज़र्व क्षेत्र में दो जनजातियाँ इरेंगा खारिया और मैनकर्डियास निवास करती हैं,
ओडिशा के अन्य प्रमुख उद्यान/वन्यजीव अभयारण्य
भितरकनिका राष्ट्रीय उद्यान
- इस उद्यान में देश में लुप्तप्राय खारे पानी के मगरमच्छों का सबसे बड़ा समूह निवास करता है।
बदरमा वन्यजीव अभयारण्य
- यह आर्द्र साल वनों की उपस्थिति के लिये जाना जाता है।
चिलिका वन्यजीव अभयारण्य
- चिलिका झील एशिया की सबसे बड़ी और विश्व की दूसरी सबसे बड़ी झील है।
हदगढ़ वन्यजीव अभयारण्य
- सालंदी नदी इस अभयारण्य से होकर गुज़रती है।
बैसीपल्ली वन्यजीव अभयारण्य
- यह बाघों, तेंदुओं, हाथियों और कुछ शाकाहारी जानवरों जैसे-चौसिंगा की एक महत्त्वपूर्ण संख्या के साथ बड़ी मात्रा में साल वन से आच्छादित है।
कोटगढ़ वन्यजीव अभयारण्य
- यहाँ घास के मैदानों के साथ घने पर्णपाती वन भी पाए जाते हैं।
नंदनकानन वन्यजीव अभयारण्य
- यह विश्व में सफेद बाघों और मैलेनिस्टिक टाइगर का पहला प्रजनन केंद्र है।
लखारी घाटी वन्यजीव अभयारण्य
- यह अभयारण्य हाथियों की बड़ी संख्या निवास स्थान है।
गहिरमाथा (समुद्री) वन्यजीव अभयारण्य
- यह हिंद महासागर क्षेत्र में एक बड़ा सामूहिक प्रजनन केंद्र और ओडिशा का एकमात्र कछुआ अभयारण्य है।
- ओलिव रिडले कछुए गहिरमाथा के तट पर प्रजनन के लिये दक्षिण प्रशांत की यात्रा कर यहाँ आते हैं।