Upsc note फियाॅर्ड हिमनदों के अपरदन से बनते हैं। जब हिमनद चट्टानी इलाकों से गुजरते हैं, तो वे अपनी बर्फ और मलबे का उपयोग करके घाटियों को काट देते हैं। ये घाटियाँ आमतौर पर यू आकार की होती हैं, क्योंकि हिमनद अपने वजन के कारण नीचे की ओर दबाते हैं।
जब समुद्र का स्तर बढ़ता है, तो यह फियाॅर्डों को भर देता है। इससे फियाॅर्डों की दीवारें ऊंची और ढलानदार हो जाती हैं, और वे एक सुरम्य झील या खाड़ी का रूप ले लेती हैं।
फियाॅर्ड दुनिया के कुछ सबसे सुरम्य क्षेत्रों का निर्माण करते हैं क्योंकि वे कई प्राकृतिक विशेषताओं का संयोजन प्रदान करते हैं। इनमें शामिल हैं:
- ऊंची और ढलानदार चट्टानें
- गहरी और नीली पानी
- घने जंगल
- विविध वन्यजीव
फियाॅर्ड अक्सर पर्यटन स्थल होते हैं। वे नौका विहार, मछली पकड़ने, और अन्य साहसिक गतिविधियों के लिए लोकप्रिय हैं।
फियाॅर्ड न केवल सुरम्य हैं, बल्कि वे पारिस्थितिक रूप से भी महत्वपूर्ण हैं। वे कई प्रकार की वनस्पतियों और जीवों का घर हैं, जिनमें समुद्री पक्षी, स्तनधारी, और मछलियां शामिल हैं।
फियाॅर्ड दुनिया भर में पाए जाते हैं, लेकिन वे सबसे आम रूप से उत्तरी अमेरिका, यूरोप, और न्यूजीलैंड में पाए जाते हैं। कुछ सबसे प्रसिद्ध फियाॅर्डों में शामिल हैं:
- नॉर्वे में सोग्ने फियाॅर्ड
- आइसलैंड में फजार्डोर
- अलास्का में केनाय फियाॅर्ड
- कनाडा में ग्रेट बे फियाॅर्ड
- न्यूजीलैंड में मिलफोर्ड साउंड
- एक तरफ शांत, नीला जल और दूसरी ओर ऊबड़-खाबड़, बर्फ से ढँके पहाड़ों के मेल से बना एक विचित्र किंतु अत्याकर्षक दृश्य।
- जल की सतह पर पहाड़ों और आकाश का प्रतिबिंब।
- जल और चट्टानों पर प्रकाश तथा छाया की परस्पर क्रिया।
- फियाॅर्ड की जैवविविधता विभिन्न प्रकार के समुद्री और स्थलीय जीवन रूपों, जैसे- सील, पेंगुइन, डॉल्फिन, व्हेल, समुद्री पक्षी तथा पादपों के लिये अनुकूल वातावरण प्रदान करती है।
- फियाॅर्ड संस्कृति सदियों के इतिहास का प्रतीक है, जिसमें खेत, गाँव, चर्च और स्मारक आदि इसके भव्य प्राकृतिक परिवेश में सहजता से समाहित हैं।
- विभिन्न मनोरंजक गतिविधियों के लिये फियाॅर्ड पर्यटकों हेतु आकर्षण का केंद्र भी है जहाँ पर्यटक हाईकिंग, कयाकिंग, मछली पकड़ना, स्कीइंग और परिभ्रमण का लुफ्त उठाते हैं।
इसलिये फियाॅर्ड इस बात का उल्लेखनीय उदाहरण है कि किस प्रकार प्रकृति और संस्कृति विश्व के कुछ सबसे सुरम्य क्षेत्रों का निर्माण कर सकती हैं।