मुख्यालय: एन दूजामेना (चाड)।
सदस्यता: कैमरून, चाड, नाइजीरिया, मध्य अफ़्रीकी गणराज्य और लीबिया।
पर्यवेक्षक राष्ट्र: सूडान, मिस्र, कांगो गणराज्य, लोकतांत्रिक गणराज्य कांगो।
उद्भव एवं विकास
कैमरून, चाड, नाइजर और नाइजीरिया ने चाड नदी घाटी के विकास के लिये 1964 में चाड नहर बेसिन समिति का गठन किया। मध्य अफ्रीकी गणराज्य ने इस समिति की सदस्यता 1994 में ग्रहण की।

उद्देश्य
इस समिति के उद्देश्य हैं- नदी घाटी के जल और संसाधनों के उपयोग का नियमन और नियंत्रण करना: घाटी में प्राकृतिक संसाधन विकास परियोजनाओं और अनुसंधानों का सूत्रपात, समर्थन और समन्वयन करना, तथा; क्षेत्रीय सहयोग को प्रोत्साहित करने के लिये शिकायतों की जाँच करना और विवादों के समाधान को समर्थन देना।
गतिविधियां
समिति ने 1977 में सदस्य देशों जंतु समूह (Fauna) और वनस्पति (Flora) से जुड़े नियमों के सुव्यवस्थीकरण के लिये प्रोटोकॉल पर हस्ताक्षर किए। इसने नदी घाटी की प्रमुख समेकित विकास परियोजनाओं के लिये बहु-दाता (multi-donor) मार्ग अपनाया। 1994 में चाड झील को बचाने के लिये एक अंतर्राष्ट्रीय संघर्ष आरंभ किया गया। इस संघर्ष को एफएओ, यूएनडीपी और यूएनईपी जैसी अनेक अंतर्राष्ट्रीय और दाता एजेंसियों की सहायता मिल रही है।