चाइल्ड आर्टिस्ट से बनीं IAS ऑफिसर – HS कीर्थना की प्रेरणादायक यात्रा | From Child Actor to IAS Officer

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Lights, Camera… IAS!” — ये कोई फिल्मी डायलॉग नहीं, बल्कि एक सच्ची कहानी है।
एक लड़की जिसने 4 साल की उम्र से सिल्वर स्क्रीन पर छा जाना शुरू किया — और आज भारतीय प्रशासनिक सेवा की एक तेज़-तर्रार अधिकारी है।


बचपन में फिल्म स्टार — HS कीर्थना की शुरुआत

कर्नाटक की HS कीर्थना ने महज़ 4 साल की उम्र में एक्टिंग करियर की शुरुआत की थी।
उन्होंने 32 फिल्मों और 48 टीवी सीरियल्स में काम किया और कई राष्ट्रीय व राज्य पुरस्कार जीते।

उन्होंने कन्नड़ फिल्म इंडस्ट्री के दिग्गज कलाकारों जैसे डॉ. विष्णुवर्धन, अंबरीश, शिवराजकुमार, रमेश अरविंद, और मलाश्री के साथ अभिनय किया।
उनकी संवाद अदायगी और मासूम एक्सप्रेशन्स ने उन्हें हर दिल अज़ीज़ बना दिया था।

Turning Point – Acting छोड़ UPSC की ओर रुख

15 वर्ष की उम्र में, उन्होंने एक्टिंग को अलविदा कहकर अपने पिता का सपना पूरा करने का फैसला कियाIAS अधिकारी बनना

📝 उन्होंने 2011 में Karnataka Administrative Services (KAS) परीक्षा पास की और दो साल KAS अधिकारी के रूप में सेवा दी।
इसके बाद 2013 में उन्होंने UPSC की तैयारी शुरू की।

असफलताएं और टूटता आत्मविश्वास

उन्होंने UPSC में लगातार चार प्रयास (2013-2017) किए लेकिन सफल नहीं हो पाईं।
5वें प्रयास (2018) में भी असफल रहीं।

“मैंने खुद को दोषी ठहराया… लेकिन फिर खुद से वादा किया कि एक आख़िरी बार पूरी मेहनत से कोशिश करूंगी,” उन्होंने कहा।

स्ट्रैटेजी बदली, शहर छोड़ा, सोशल मीडिया से दूरी बनाई

नौकरी छोड़ी
distractions से दूर रहने के लिए शहर और सोशल मीडिया छोड़ा
लाइब्रेरी में घंटों बिताए
परिवार, मंगेतर (अब पति), और मेंटर से मिली प्रेरणा

उन्होंने अपनी छठी कोशिश को ‘perseverance का बैज’ बताया।

सफलता — 2020 में 167वीं रैंक

7 साल के संघर्ष, 6 प्रयासों और असंख्य त्याग के बाद, उन्होंने 2020 में UPSC CSE में 167वीं रैंक प्राप्त की।
वो अब कर्नाटक के मांड्या ज़िले में सहायक आयुक्त (Assistant Commissioner) के रूप में कार्यरत हैं।

HS कीर्थना का संदेश UPSC Aspirants को:

“Don’t be ashamed of your failed attempts. Your struggle is your strength. I wear my 6th attempt as a badge of honour.”

क्यों यह कहानी ट्रेंड कर रही है?

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Final Thought:

अगर आपके अंदर ज़िद, धैर्य और जुनून है, तो कोई भी सपना असंभव नहीं।
HS कीर्थना की कहानी यह साबित करती है कि चाहे शुरुआत कितनी भी अलग क्यों न हो — मंज़िल सिर्फ एक है: सफलता।

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