रामसर समझौता
- रामसर समझौता आर्द्रभूमि पर किया गया एक अंतरसरकारी समझौता था जिसे साल 1971 में अमल में लाया गया था।
- यह समझौता ईरान के शहर रामसर में संपन्न हुआ था।
- रामसर शहर कैस्पियन सागर के दक्षिणी किनारे पर मौजूद है।
- भारत में इस समझौते को 1 फरवरी 1982 में अपनाया गया था।
- वे आर्द्रभूमि क्षेत्र जो अंतर्राष्ट्रीय महत्त्व के हैं, रामसर स्थल के रूप में घोषित किये गए हैं।
- रामसर समझौते का मकसद आर्द्रभूमियों का संरक्षण और उनका सही ढंग से इस्तेमाल करना है।
- आर्द्रभूमियों को रामसर समझौते के तहत आर्थिक अनुदान भी दिया जाता है।
- भारत की 2 आर्द्रभूमि मोंट्रेक्स रिकॉर्ड में दर्ज़ हैं जिनमे राजस्थान में स्थित केओलादेव राष्ट्रिय पार्क और मणिपुर राज्य में स्थित लोकटक झील है।
- ओडिषा में स्थित चिल्का झील को भी मोंट्रेक्स रिकॉर्ड में रखा गया था लेकिन अब इसे हटा दिया गया है।
मोंट्रेक्स रेकॉर्ड
- उन आर्द्रभूमि स्थलों की एक सूची हैं, जो अंतर्राष्ट्रीय महत्त्व के हैं जहांँ के पारिस्थितिक में चरित्र में परिवर्तन हुए हैं, हो रहे हैं, या तकनीकी विकास, प्रदूषण या अन्य मानव हस्तक्षेप के परिणामस्वरूप परिवर्तन होने की संभावना है।यह रामसर सूची के भाग के रूप में शामिल है।
विशेष
आर्द्रभूमि
- आर्द्रभूमि (wetland) ऐसा भूभाग होता है जहाँ के पारितंत्र का बड़ा हिस्सा स्थाई रूप से या प्रतिवर्ष किसी मौसम में जल से संतृप्त हो या उसमें डूबा रहे। यह पौधों और जानवरों को भी सहायता प्रदान करती है।
भारत में आर्द्रभूमि
- भारत में 46 रामसर स्थल हैं जिन्हें अंतर्राष्ट्रीय महत्व की आर्द्रभूमि के रूप में नामित किया गया है।
विश्व आर्द्रभूमि दिवस
- आर्द्रभूमि के संरक्षण के लिए 2 फरवरी को विश्व आर्द्रभूमि दिवस के रूप में मनाया जाता है।
कहाँ और क्यों प्रसिद्ध है जिम कॉर्बेट नेशनल पार्क एवं टाइगर रिजर्व
जिम कॉर्बेट नेशनल पार्क एवं टाइगर रिजर्व
- जिम कॉर्बेट नेशनल पार्क उत्तराखंड के नैनीताल जिले में स्थित है।
- यह भारत का सबसे पुराना राष्ट्रीय उद्यान है।
- यह राष्ट्रीय उद्यान वर्ष 1936 में हैली नेशनल पार्क के रूप में स्थापित किया गया था, जिसे वर्तमान में जिम कॉर्बेट नेशनल पार्क के रूप में जाना जाता है।
- भारत की स्वतंत्रता के बाद पार्क का नाम रामगंगा राष्ट्रीय उद्यान रखा गया था ।
- 1957 में महान प्रकृतिवादी, प्रख्यात संरक्षणवादी स्वर्गीय जिम कॉर्बेट की याद में पार्क को कॉर्बेट नेशनल पार्क के रूप में परिवर्तित किया गया।
- जिम कॉर्बेट नेशनल पार्क 521 वर्गमीटर में फैला हैं।
- कॉर्बेट नेशनल पार्क भारत के गंभीर रूप से संकटग्रस्त बंगाल टाइगर के संरक्षित क्षेत्र के रूप में कार्य करता है।
- जिम कार्बेट टाइगर रिजर्व दो वन्य जीव क्षेत्रों सोननदी वन्यजीव अभयारण्य और जिम कार्बेट नेशनल पार्क के क्षेत्रों से मिलकर बना हुआ है।
- यह टाइगर रिजर्व उत्तराखंड के 3 जिलों पौड़ी, नैनीताल और अल्मोड़ा में फैला हुआ है।
- रॉयल बंगाल टाइगर की सुरक्षा के लिए 1973 में लांच किए गए प्रोजेक्ट टाइगर की शुरुआत यहीं से हुई थी।
- इस क्षेत्र से रामगंगा, सोननदी, मंडल, पलैन और कोसी जैसी प्रमुख नदियाँ बहती है जो जिम कॉर्बेट नेशनल पार्क को जल संसाधन उपलब्ध करवाती हैं।
- इस क्षेत्र में कई लुप्तप्राय प्रजातियों समेत वन्यजीवों की विभिन्न प्रजातियां पाई जाती हैं।
- यहां पाई जाने वाली वन्य जीव प्रजातियों में 50 स्तनपायी प्रजातियां, 549 पक्षी प्रजातियां और 26 सरीसृप प्रजातियां शामिल हैं।
वेम्बनाद झील कहां है और क्यों प्रसिद्ध है
वेम्बनाद झील
- वेम्बनाद झील केरल में स्थित एक अंतरराष्ट्रीय महत्व की आर्द्रभूमि के रूप में एक रामसर स्थल है।
- वेम्बनाद झील को 2002 में रामसर स्थल घोषित किया गया था।
- रामसर कन्वेंशन के अनुसार इस नमभूमि को अंतर्राष्ट्रीय महत्त्व की झीलों की सूची में शामिल किया गया है।
- वेम्बनाद भारत में पश्चिम बंगाल में सुंदरबन के बाद 2114 वर्ग किलोमीटर क्षेत्र के साथ दूसरा सबसे बड़ा रामसर (दलदली) स्थल है।
- वेम्बनाद झील केरल के कोट्टयम जिले में स्थित है।
- यह केरल की सबसे बड़ी और देश की सबसे लंबी झील है।
- यह केरल के कई ज़िलों में फैली हुई है जो 2033.02 किलोमीटर से अधिक के क्षेत्र को कवर करती है।
- वेम्बनाड झील एक आकर्षक स्थल है। यह पर्यटन के लिये प्रसिद्ध है।
- यह झील प्रवासी पक्षियों का आश्रय है।
- प्रसिद्ध कुमारकोम पक्षी अभयारण्य इस झील के पूर्वी तट पर स्थित है।
- इसके साथ-साथ यहां ओणम के अवसर पर प्रसिद्ध नौका दौड़ का आयोजन भी किया जाता है।
- वल्लम काली (यानी नेहरू ट्रॉफी बोट रेस) एक स्नेक बोट रेस है जिसका आयोजन हर वर्ष अगस्त माह में वेम्बनाड झील में किया जाता है।
- वेम्बनाद झील में मछलियों की 100 प्रजातियां दर्ज की गई हैं जिनमें 92 फिन फिश और 8 शेलफिश प्रजातियां हैं।
- कुछ विदेशी प्रजातियां जैसे इरिडिसेंट शार्क कैटफिश , रेड बेली फिश और तिलपिया भी वेम्बनाद झील के अलग अलग हिस्सों में पाई गई हैं।
- 2018 के बाढ़ के बाद से इस झील में फ्रेश वॉटर प्रॉन की संख्या में काफी गिरावट आई है।
- सर्वे में इस झील के जल की गुणवत्ता की भी जांच की गई जिसमें पाया गया कि इसके जल का pH मान 5.9 से 6.2 के बीच है।
- केरल में इसे कई नामों से जाना जाता है। इस झील को वेम्बनाद कोल , वेम्बनाद कयाल , पुन्नामदा झील और कोच्चि झील के नाम से भी जाना जाता है।
- इस झील का स्रोत चार नदियों मीनाचिल , अचनकोविल, पम्पा और मणिमाला से संबंधित है।
- यह एक संकीर्ण द्वीप द्वारा अरब सागर से अलग होती है तथा केरल में एक लोकप्रिय लेगून दरार का निर्माण करती है।
- भारत सरकार ने इस झील के संरक्षण के लिये इसे ‘राष्ट्रीय जलभूमि संरक्षण योजना’ के दायरे में रखा है।
रामसर कन्वेंशन
- रामसर सम्मलेन अंतर्राष्ट्रीय महत्त्व की नम भूमियों, विशेषकर जलप्रवाही पशु-पक्षियों के प्राकृतिक आवास से संबंधित एक कन्वेंशन है।
- यह आर्द्रभूमियों के धारणीय प्रयोग और संरक्षण को सुनिश्चित करने वाली एक अंतर्राष्ट्रीय संधि है।
- रामसर ईरान का एक शहर है, जहाँ 1971 में इस तरह का सम्मलेन आयोजित किया गया था।