प्राप्ति
प्रकृति में ऐलुमिनियम स्वतंत्र अवस्था में नहीं पाया जाता है, लेकिन इसके यौगिक काफी मात्रा में मिलते हैं। यह बॉक्साइट, कोरंडम, डायस्पोर, फेलस्पार, अबरख, काओलीन, क्रायोलाइट आदि रूपों में मिलता है। ऐलुमिनियम भू-पर्पटी में सबसे अधिक पाया जाने वाला धातु है। ऑक्सीजन और सिलिकन के बाद सबसे अधिक पाया जाने वाला यह तीसरा तत्व है। बॉक्साइट ऐलुमिनियम का मुख्य अयस्क है, जो ऐलुमिनियम के जलयोजित ऑक्साइड के रूप में पाया जाता है। चूंकि यह अयस्क सर्वप्रथम फ्रांस के बॉक्स (Baux) नामक स्थान पर पाया गया था, इसलिए इस अयस्क का नाम बॉक्साइट रखा गया।
ऐलुमिनियम का निष्कर्षण
ऐलुमिनियम धातु का निष्कर्षण मुख्यत: बॉक्साइट (Bauxite) अयस्क से विद्युत् अपघटन विधि द्वारा किया जाता है। बॉक्साइट का रासायनिक नाम हाइड्रेटेड एलुमिना है। बॉक्साइट के वैद्युत् अपघटन में क्रायोलाइट का उपयोग बॉक्साइट को कम ताप पर घुलाने हेतु किया जाता है।
ऐलुमिनियम के भौतिक गुण
यह चाँदी के समान चमकीली धातु है। इसका द्रवणांक (Melting Point) 659.8°C, क्वथनांक (Boiling Point) 2200°C तथा विशिष्ट गुरुत्व 2.7 ऊष्मा और विद्युत् का सुचालक होता है। यह आघातवर्ध्य तथा तन्य धातु है।
ऐलुमिनियम के रासायनिक गुण
तनु या सान्द्र हाइड्रोक्लोरिक अम्ल में घुलकर यह हाइड्रोजन गैस देता है एवं ऐलुमिनियम क्लोराइड बनता है। तनु सल्फ्यूरिक अम्ल के साथ धीरे-धीरे प्रतिक्रिया कर यह हाइड्रोजन गैस देता है। यह सान्द्र सल्फ्यूरिक अम्ल के साथ गर्म किये जाने पर ऐलुमिनियम सल्फेट बनता है और SO2 गैस बाहर निकलती है। सोडियम हाइड्रॉक्साइड या पोटैशियम हाइड्रॉक्साइड में यह घुलकर ऐलुमिनेट लवण बनाता है, एवं H2 गैस बाहर निकलती है। यह हैलोजन से संयोग कर हैलाइड बनाता है। यह नाइट्रोजन के साथ प्रतिक्रिया कर ऐलुमिनियम नाइट्राइड बनाता है।
ऐलुमिनियम के उपयोग
- ऐलुमिनियम तथा इसकी मिश्रधातु वायुयान, मोटर आदि बनाने में व्यवहृत होती है।
- यह घरेलू बर्तन बनाने में प्रयुक्त होता है।
- इसके तार विद्युत् संचालन में प्रयुक्त होते हैं।
- लोहा (Fe), मैंगनीज (Mn) आदि धातुओं के ऑक्साइडों को धातु में अवकृत करने में यह काम आता है।
- इसके पत्तर मिठाई, सिगरेट आदि लपेटने के काम आते हैं।
- थर्मिट विधि द्वारा धातु के कुछ ऑक्साइडों को धातु में अवकृत करने में यह प्रयुक्त होता है।
ऐलुमिनियम की मिश्रधातुएँ
ऐलुमिनियम ब्रांज | Cu (90%), Al(10%) | बरतन, सिक्का आदि निर्माण में |
मैग्नेलियम | Mg (2%), A1 (95-96%), Cu-Fe (2–3%) | वायुयान निर्माण में |
निकेलॉय | Al (95%), Cu (4%), Ni (1%) | वायुयान निर्माण में |
ड्यूरेलुमिन | Cu (4%), Mn(0.5%), Mg(0.5%), Al (95%) | प्रेशर कुकर, वायुयान आदि निमणि में |
ऐलुमिनियम के यौगिक
- ऐलुमिनियम क्लोराइड इसका उपयोग उत्प्रेरक के रूप में फ्रिडल क्राफ्ट प्रतिक्रिया में व्यापक तौर पर होता है। यह गैसोलिन (Gasoline) के उत्पादन में भी उत्प्रेरक के रूप में प्रयुक्त होता है। पेट्रोलियम के भंजन में अनार्द्र ऐलुमिनियम क्लोराइड का प्रयोग होता है।
- ऐलुमिना यह प्रकृति में बॉक्साइट, कोरंडम, नीलम आदि कई रूपों में पाया जाता है। बड़े पैमाने पर यह बॉक्साइट अयस्क से तैयार किया जाता है। यह सफेद तथा बेरवेदार चूर्ण होता है, जो जल में घुलनशील है। यह एक उभयधर्मी ऑक्साइड (Amphoteric oxide) है। अतः यह अम्ल और क्षार दोनों से प्रतिक्रिया करता है। इसका उपयोग कृत्रिम रत्न बनाने में, ऐलुमिनियम धातु बनाने में, ऐलुमिनियम के अन्य लवणों के निर्माण में, उत्प्रेरक के रूप में तथा भट्टियों में अस्तर लगाने के काम में होता है।
- पोटाश एलम पोटाश एलम का रासायनिक नाम पोटैशियम ऐलुमिनियम सल्फेट होता है। इसका रासायनिक सूत्र K2SO4.Al2(SO4)3.24H2O होता है। यह एक द्विक लवण है। इसका उपयोग रक्त प्रवाह रोकने में, कागज एवं चमड़ा उद्योग में, जल की मृदु बनाने आदि में होता है।
- ऐलुमिनियम कार्बाइड ऐलुमिनियम कार्बाइड (Al4C3) को मिथेनाइड (Methanide) कहते हैं। ऐलुमिनियम कार्बाइड पर जल की प्रतिक्रिया से मिथेन गैस बनती है।
- ऐलुमिनियम हाइड्रॉक्साइड कपड़ों की अदाह्य बनाने तथा जलरोधी कपड़े तैयार करने में ऐलुमिनियम हाइड्रॉक्साइड [Al(OH)3] का प्रयोग किया जाता है।
- ऐलुमिनियम सल्फेट Al2(SO4)3.18H2O को हेयर साल्ट (Hair Salt) कहते हैं। ऐलुमिनियम सल्फेट [Al2(SO4)3] का प्रयोग कपड़ों की छपाई और रंगाई में रंगबंधक (Mordant) के रूप में किया जाता है। इसका उपयोग फिटकरी बनाने में भी होता है।