आपने सिविल सेवा परीक्षा का ही चयन क्यों किया?

BY-SUPRIYA MISHRA

सिविल सेवा की तैयारी कर रहे अभ्यर्थियों के लिए इस सवाल का जवाब बहुत अहमियत रखता है और क्यों ना हो साक्षात्कार का यह एक ऐसा सवाल है जो लगभग सभी अभ्यर्थियों से पूछा जाता है लेकिन ज्यादातर अभ्यर्थियों को इस सवाल का सटीक जवाब मालूम नहीं रहता है।

उनसे पूछा जाए कि आपने सिविल सेवा का ही क्यो चुनाव किया?

उनके पास जवाब तो रहता है पर वो प्रवाभी नहीं होता है।

मैंने जब सिविल सेवा की तैयारी शुरू किया तो मेरे लिए भी इस सवाल का जवाब ढूंढना बहुत महत्वपूर्ण हो गया था।

कि आखिर मैंने सिविल सेवा का ही चयन क्यो किया है?

अगर सिर्फ पैसा कमाने या प्रसिध्द होने के लिए ही, तो उसके लिए और भी साधन है यूपीएससी ही क्यों?

लेकिन अब मुझे इसका जवाब मिल गया है क्योकि अब सिविल सेवा मेरा सिर्फ सपना नहीं मेरी जिंदगी बन चुकी है।

यदि हम एक सिविल सेवक बनना चाहते हैं तो स्वाभाविक है कि हम ये भी जानें कि एक सिविल सेवक बनकर हम क्या-क्या कर सकते हैं?

इस परीक्षा को पास करके हम किन-किन पदों पर नियुक्त होते हैं?

हमारे पास क्या अधिकार होंगे?

हमें किन चुनौतियों का सामना करना पड़ेगा?

इसमें हमारी भूमिका क्या और कितनी परिवर्तनशील होगी इत्यादि।

सबसे पहले हम आपको सिविल सेवा की कुछ खूबियों से अवगत कराते हैं जो इसे आकर्षण का केंद्र बनाती हैं।

  • अगर शासन व्यवस्था के स्तर पर देखें तो कार्यपालिका के महत्त्वपूर्ण दायित्वों का निर्वहन सिविल सेवकों के माध्यम से ही होता है। हालाँकि, स्वतंत्रता प्राप्ति के लगभग 71 साल पूरे होने को हैं, तथापि इसकी महत्ता ज्यों की त्यों बनी हुई है।
  • इसमें केवल आकर्षक वेतन, पद की सुरक्षा, कार्य क्षेत्र और अन्य तमाम प्रकार की सुविधाएँ ही नहीं मिलती हैं बल्कि देश के प्रशासन में शीर्ष पर पहुँचने के अवसर के साथ-साथ उच्च सामाजिक प्रतिष्ठा भी मिलती है।
  • आज सिविल सेवकों के पास कार्य करने की व्यापक शक्तियाँ हैं, जिस कारण कई बार उनकी आलोचना भी की जाती है। लेकिन, यदि इस शक्ति का सही से इस्तेमाल किया जाए तो वह देश की दशा और दिशा दोनों बदल सकता है। यही वजह है कि बड़े बदलाव या कुछ अच्छा कर गुज़रने की चाह रखने वाले युवा इस नौकरी की ओर आकर्षित होते हैं।
  • सिविल सेवकों के पास ऐसी अनेक संस्थागत शक्तियाँ होती हैं जिनका उपयोग करके वे किसी भी क्षेत्र में परिवर्तन ला सकते हैं। यही वजह है कि अलग-अलग क्षेत्रों में सफल लोग भी इस सेवा के प्रति आकर्षित होते हैं।
  • सिविल सेवा में जाने के बाद हमारे पास आगे बढ़ने और देश को आगे बढ़ाने के अनेक अवसर होते हैं। सबसे ज्यादा हम एक साथ कृषि, स्वास्थ्य, शिक्षा, प्रबंधन जैसे विभिन्न क्षेत्रों के विकास में योगदान कर सकते हैं जो किसी अन्य सार्वजनिक क्षेत्र में शायद ही सम्भव है।
  • नीति-निर्माण में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाने के कारण ही सिविल सेवक नीतिगत सुधारों को मूर्त रूप प्रदान कर पाते हैं।
  • ऐसे अनेक सिविल सेवक हैं जिनके कार्य हमारे लिये प्रेरणास्रोत के समान हैं।

जैसे- तमिलनाडु में जन्मे तथा ‘पद्मभूषण’ से सम्मानित पूर्व प्रशासनिक सेवा अधिकारी एस.आर. शंकरन ने बंधुआ मजदूरी के उन्मूलन में बड़ी भूमिका निभाई थी।

आंध्र प्रदेश में नक्सली हिंसा का खात्मा हो या ‘बेजवाडा विल्सन’ के साथ मिलकर ‘मैला ढ़ोने’ की प्रथा के उन्मूलन की दिशा में सार्थक योगदान, एस.आर. शंकरन ने सदैव वंचितों के उत्थान के लिये अथक प्रयास किये। उन्होंने शादी नहीं कि क्योंकि वो पूरा वक्त समाज को देना चाहते थे। उन्होंने सदैव अपनी कमाई का अधिकांश हिस्सा आर्थिक रूप से वंचित लोगों की भलाई के लिये व्यय किया।

इसी तरह बी.डी. शर्मा जैसे आईएएस अधिकारी ने पूरी संवेदनशीलता के साथ नक्सलवाद की समस्या को सुलझाने का प्रयास किया तथा आदिवासी इलाकों में सफलतापूर्वक कई गतिशील योजनाओं को संचालित किया।

इनको आदिवासियों का ‘मसीहा’ भी कहा जाता है।

ऐसे अनेक उदाहरण हैं जिनमें इस सेवा के अंतर्गत ही अनेक महान कार्य करने के अवसर प्राप्त हुए, जिसके कारण यह सेवा अभ्यर्थियों को आकर्षित करती है

अंत मै सिर्फ इतना कहना चाहूँगी कि कोई भी परीक्षा हो जिसकी आप तैयारी कर रहे हो सबसे पहले आपके लिए ये समझना बेहद जरूरी होता है कि आप उस परीक्षा की तैयारी क्यो कर रहे हो?

और जब आप ये समझ जाओ, उसके बाद आप उसकी तैयारी मे जी जान से लग जाओ और उसे अपने जिंदगी का हिस्सा बना लो।

ज्यादा नहीं बस जिस तरह आपकी सांसे जरूरी है आपकी जिंदगी मे, जिसके बिना आप एक पल भी जिंदा नहीं रह सकते हो। ठीक उसी तरह आपका सपना होना चाहिए जिसके बिना आप जिंदा नहीं रह सकते हो।

बेस्ट ऑफ लक 👍👍

धन्‍यवाद 😍

You May Also Like