ज्योति चौरसिया ने इस साल यूपीपीएससी में 21 वां स्थान हासिल किया है. ज्योति यूपी के ही गोण्डा की रहने वाली हैं. ज्योति के पिता पान की दुकान चलाते हैं. जरा सोचकर देखिए उस पान की दुकान चलाने वाले उस पिता को कितना गर्व हो रहा होगा जिसकी बेटी यूपी में एसडीएम बन गई. हालांकि इसका क्रेडिट भी ज्योति ने अपने माता पिता को दिया है.
ज्योति ने यह मुकाम हासिल करने के लिए दिन रात मेहनत की है. उन्होंने इसके लिए 4 अटेंप्ट पहले दिए उसके बाद पांचवे अटेंप्ट में उन्हें सफलता मिली है. यह फल ज्योति के पूरे परिवार की कुल मिलाकर 5 साल की तपस्या का फल उन्हें मिला है. ज्योति का कहना है कि उनके माता-पिता ने लंबे समय तक उन पर भरोसा जताया, जिससे उन्हें बेहतर करने के लिए मोटिवेशन मिला. जिसका रिजल्ट आज सबके सामने है.
2015 से देना शुरू किया है एग्जाम
ज्योति ने गोंडा में ग्रेजुएशन की डिग्री हासिल की और फिर लखनऊ में जाकर कॉम्पटीशन की तैयारी शुरू की. ज्योति के मुताबिक जब उन्होंने 2015 से यूपीपीसीएस का एग्जाम देना शुरू किया, तब वे प्री का पेपर भी नहीं निकाल पाती थीं. लेकिन उन्होंने हार नहीं मानी और इस बार ज्योति ने पहली बार प्री भी निकाला मेंस भी क्लियर किया और इंटरव्यू को भी पार कर लिया. ज्योति कहती हैं, “मेरे घर की आर्थिक स्थिति बहुत अच्छी नहीं थी. पिताजी पान की दुकान करते हैं तो उस हिसाब से मुझे थोड़ी बहुत दिक्कतें आती रहीं, लेकिन मेरे घरवाले मेरे साथ हमेशा रहे. परिवार वाले हमेशा कहते थे कि अगर तुम हार नहीं मानोगी तो मैं भी हार नहीं मानूंगा. 2015 से मैं लगी हुई हूं. उस वक्त कुछ हेल्थ प्रॉब्लम भी आई, ब्रेकडाउन भी हुआ लेकिन मैंने फिर से शुरू किया.”