सिविल सेवा परीक्षा में हिन्दी माध्यम की वर्तमान स्थिति वास्तव में चिन्ताजनक बन गई है. पिछले कुछ वर्षों में प्रत्येक वर्ष इस प्रकार के परिणाम देख दुखी होता हूं.
पर इस प्रकार का परिणाम देख यह प्रश्न मन में आया कि क्या हिन्दी माध्यम के उम्मदवारों ने पढ़ना ही छोड़ दिया है ?
या इनकी योग्यता में कुछ कमी आ गई है ?
कई वर्षों से एक ही तर्क सुनता आ रहा हूं कि परीक्षा प्रणाली में आये परिवर्तन हिन्दी माध्यम के लिए बने नकारात्मक वातावरण के लिए जिम्मेदार हैं. शुरू में तो अवश्य लगा था कि यह परिवर्तन शायद हिन्दी माध्यम के उम्मदवारों के लिए कुछ कठिनाई प्रस्तुत कर सकते हैं पर हम जब सफलता की आशा के साथ इस ओर आते हैं तो हर चुनौती का सामना करने का मन बना कर आते हैं.
यदि मैं यह तर्क सुनता हूं कि संघ लोक सेवा आयोग (यू.पी.एस.सी.) का रुख हिन्दी माध्यम के प्रति भेदभावपूर्ण है तो यह बात एकदम गलत है.
हम कौन होते हैं परीक्षा-प्रणाली पर कटाक्ष करने वाले !!
यू.पी.एस.सी. ने आपके लिए एक प्रारूप प्रस्तुत किया है जिसका सभी उम्मीदवारों ने अनुसरण करना है. पाठ्यक्रम की निर्धारित सीमायें भी सभी उम्मीदवारों के लिए समान हैं तो फिर भाषा के आधार पर भेदभाव का प्रश्न ही नहीं उठता.
चाहे कोई भी कुछ भी कहता रहे पर सत्य यह है कि हिन्दी माध्यम के उम्मीदवार परीक्षा के पहले चरण प्रारम्भिक परीक्षा पार कर पाने में असफल हो रहे हैं. यह मेरा मत नहीं वरन् संघ लोक सेवा आयोग के आंकड़े बोल रहे हैं.
जब कोई कहता है कि हिन्दी माध्यम के उम्मीदवारों को साक्षात्कार में कम अंक मिलते है तो भी मान लें; पर पहले आप साक्षात्कार स्तर तक पहुँचे तो सही. पर वहाँ भी आपके व्यक्तित्व के मूल्यांकन के आधार हैं और इस बारे में हम फिर कभी बात कर सकते हैं.
ऐसे में कोई यह कहे कि प्रारम्भिक परीक्षा के स्तर पर संघ लोक सेवा आयोग पक्षपात करता है तो यह समझ से बाहर है. यहाँ तो कोई भाषा लिखनी नहीं, केवल सही विकल्प चिन्हित करने हैं.
फिर, प्रारम्भिक परीक्षा के स्तर पर सामान्य अध्ययन प्रश्न-पत्र 1 लगभग वही है जो वर्ष 2011 में आये परिवर्तन से पहले था.
मैं समझता हूं कि सामान्य अध्ययन प्रश्न-पत्र 2 क्वालीफाईंग हो जाने के बाद तो हिन्दी माध्यम के उम्मीदवारों के लिए प्रारम्भिक परीक्षा आपेक्षाकृत आसान हो गई है.
हाँ, मैं यह अवश्य मानता हूं कि प्रारम्भिक परीक्षा के सामान्य अध्ययन प्रश्न-पत्र में हिन्दी अनुवाद को ले कुछ कठिनाई हो सकती है पर यह ऐसी रुकावट नहीं जिसके लिए आप अपने को तैयार न कर सकें.
प्रारम्भिक परीक्षा में सामान्य अध्ययन प्रश्न-पत्र 1 के प्रमुख अवयव जैसे इतिहास, राजव्यवस्था, भूगोल, अर्थव्यवस्था आदि हम हिन्दी माध्यम के उम्मीदवारों के सबल पक्ष रहे हैं और अपने मज़बूत पक्षों का सही उहयोग न कर पाना हमारी कमजोरी को उजागर कर रहा है.
और इसके लिए किसी को दोष देना उचित नहीं.
यह समय है कि आप कोचिंग और खासकर मुखर्जी नगर के नकारात्मक माहौल से दूर रहें और सकारात्मक लोगों के सम्पर्क में आने का प्रयास करें.
आगामी 16 जून को होने वाली प्रारम्भिक परीक्षा के लिए मूलमंत्र:
1. आपके पास लगभग 55 दिन का समय बचा है इसमें आप परीक्षा के लिए ज्यादा से ज्यादा अभ्यास करें
2. मॉक-टेस्ट हल करें और अपनी कमियों को सुधारने का प्रयत्न करें
3. ध्यान रहे आप जब भी प्रश्न पढ़ें उसको अंग्रेजी में भी पढ़े जिससे क्या पूछा जा रहा है स्पष्ट समझ आ सके. इस अभ्यास का फायदा आपको परीक्षा-भवन में नज़र आयेगा और यदि किसी प्रश्न में हिन्दी अनुवाद को ले कोई दिक्कत होगी तो आप अंग्रेजी में प्रश्न पढ़ समझ सकेंगे और अपनी समझ के अनुसार सही विकल्प का चयन कर सकेंगे.
4. आप सामान्य अध्ययन प्रश्न-पत्र को क्वालीफाईंग हो जाने के कारण हल्के में न लें. जरा सी लापरवाही आपकी मेहनत पर पानी फेर सकती है, इसलिए निरन्तर अभ्यास के साथ अपने आप को आगामी परीक्षा के लिए तैयार करें और सफलता के साथ अगले स्तर मुख्य परीक्षा में शामिल होने की पात्रता पायें.
आपके उज्जवल भविष्य की कामनाओं सहित.
Namaste 🙏 Sir ji